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 नवरात्रि भारत में सबसे शुभ  त्यौहारों में से एक है। यह  त्यौहार देश भर के कई क्षेत्रों में मनाया जाता है। पूरे उत्सव में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। आप में से भी कई पाठक नवरात्रि को धूम धाम से मनाते होंगे। पर क्या आपको इस उत्सव के दौरान  पूजे जाने वाले मां दुर्गा के ९ भव्य रूपों के बारे में पता है? तो आइए जानते हैं,मां दुर्गा के वे ९ रूप–
•शैलपुत्रीदेवी - लाल रंग
नौदिवसीय नवरात्रि उत्सव की शुरुआत देवी ‘शैलपुत्री’ के पूजन से होती है। देवी शैलपुत्री को हिमालय की पुत्री के रूप में भी जाना जाता है। वह हमारे शरीर तथा मन से संबंधित चक्र प्रणाली में से एक, मूलाधार चक्र की देवी हैं, जिसे जड़ चक्र भी कहा जाता है। माना जाता है कि देवी शैलपुत्री ने ही  देवी सती के पुनर्जन्म के रूप में पार्वती के अवतार में जन्म लिया था  ।  देवी शैलपुत्री को लाल रंग अत्यधिक प्रिय है जो शक्ति को प्रदर्शित करता है। लाल रंग मां शैलपुत्री का प्रतिनिधित्व करने वाला रंग  भी है।
 •ब्रह्मचारिणी देवी - हरा रंग
नवरात्रि के दूसरे दिन देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। देवी ब्रह्मचारिणी एक कुंवारी छात्रा, जो अपने गुरु और अन्य शिक्षार्थियों के साथ एक जंगल में आश्रम में रहती थी, का एक रूप है । भोजन में पत्तों का त्याग करने के कारण उन्हें अपर्णा के नाम से जाना जाता है । ब्रह्मचारिणी देवी का प्रतिनिधित्व हरे रंग द्वारा किया जाता है, जो कि ज्ञान, बुद्धिमत्ता,विश्वास, ईमानदारी और भक्ति में पवित्रता का प्रतीक है।
•चंद्रघंटा देवी - भूरा रंग
नवरात्रि के तीसरे दिन देवी चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। देवी चंद्रघंटा को रणचंडी, चंद्रखंडी और चंडिका के नाम से भी जाना जाता ह और इन्हें भगवान शिव की शक्ति भी माना जाता है। अपने मस्तक पर स्थित अर्धचंद्रमा और बुराई को नष्ट करने की उनकी प्रचंड क्षमता के कारण, देवी चंद्रघंटा साहस, संकल्प, धार्मिकता और निर्भयता का प्रतिनिधित्व करती हैं, और इन्हें भूरा रंग अत्यधिक प्रिय है । 
•कुष्मांडादेवी - पीला रंग
नवरात्रि का चौथा दिन देवी कुष्मांडा  की पूजा के साथ शुरू होता है, जिन्हें  अष्टभुजा देवी भी कहा जाता है। कुष्मांडा देवी संपूर्ण ब्रह्मांड की निर्माता और प्रचुर धन, उत्कृष्ट शक्ति, स्वास्थ्य और भाग्य की देवी हैं। देवी कुष्मांडा पीले रंग से जुड़ी हुई हैं, जो तेज और महिमा का प्रतीक है। । यह देवी सदैव मुस्कुराते हुए रूप में होती हैं, जिनके दर्शन मात्र से ज्ञान, तेज और शांति प्राप्त होती है ।
•स्कंदमाता देवी - नारंगी रंग
नवरात्रि के पांचवें दिन देवी स्कंदमाता की पूजा की जाती है । यह देवी पार्वती की एक अभिव्यक्ति है, जिन्होंने भगवान स्कंद को जन्म दिया था। भगवान स्कंद को भगवान कार्तिकेय के नाम से भी जाना जाता है। स्कंदमाता एक ऐसी मां का प्रतिनिधित्व करती हैं  जो  अपने बच्चों को बुराई और राक्षसों से बचाती है।ज्ञान, तेज और सद्भाव की देवी स्कंदमाता नारंगी रंग से जुड़ी हुई हैं।
•कात्यायनी देवी - लाल रंग
कात्यायनी देवी, जो अपने भक्तों के पापों को शुद्ध करती हैं एवं उनके जीवन से बाधाओं और बुरी ऊर्जा को दूर करती हैं, की पूजा  नवरात्रि के छठे दिन  होती हैं। कात्यायनी देवी को महान शक्ति की देवी के रूप में जाना जाता है। परम्परागत रूप से देवी दुर्गा भांति वे भी लाल रंग से जुड़ी हुई हैं। दमनकारी राक्षस महिषासुर पर विजय प्राप्त कर उसका नाश करने वाली  देवी कात्यायनी का प्रतिनिधित्व लाल रंग से किया जाता है ।
•कालरात्रि देवी - हरा रंग
कालरात्रि देवी की पूजा  नवरात्रि के सातवें दिन को चिन्हित करती है। माना जाता है कि चूंकि देवी कालरात्रि मां चंडी के मस्तक  सेउत्पन्न हुई है  इसी कारण इनका नाम चामुंडा देवी पड़ा है।चंड और मुंड नामक दो बलशाली राक्षसों का संहार करने वाली मां कालरात्रि को  सहस्रार चक्र की देवी के रूप में भी जाना जाता है। देवी कालरात्रि अपनी अद्भुत  शक्ति और परिवर्तन करने की क्षमता के कारण हरे रंग से जुड़ी हुई हैं। उन्हें भूतों, आत्माओं और राक्षसों का नाश करने वाली महात्म्य के रूप में भी देखा जाता है।
•महागौरी देवी - गहरा नीला रंग
महागौरी देवी को श्वेतांबरधारा के नाम से भी जाना जाता है। नवरात्रि के आठवें दिन महादेव की अभिव्यक्ति के रूप में  मां महागौरी देवी की पूजा की जाती है ।  अपने अनुयायियों को जीविका, जीवन शक्ति, सद्भाव और मातृत्व प्रदान करने वाली देवी महागौरी गहरे नीले रंग से जुड़ी हुई हैं।
•सिद्धिदात्री देवी - गुलाबी रंग
देवी सिद्धिदात्री की पूजा, जो देवी सरस्वती का दूसरा नाम है, नवरात्रि के नौवें दिन अर्थात अंतिम नवमी के दिन को चिन्हित करती है। अद्भुत आध्यात्मिक और ध्यान क्षमताओं वाली सिद्धिदात्री देवी अपने भक्तों को जीवन में मानसिक स्थिरता और शांति प्रदान करती हैं। गुलाबी रंग देवी सिद्धिदात्री से जुड़ा है।
 मां दुर्गा के विभिन्न रूप जीवन के विभिन्न रंगों से जुड़े हुए हैं और नवरात्रि के उत्सव में इन रंगों को जीवंत होते हुए चारों ओर देखा जा सकता है । लेकिन क्या आपने कभी इन नवरात्रि के रंगों के महत्व के बारे में सोचा है ? नवरात्रि के प्रत्येक रंग के पीछे एक स्वरूप और अर्थ  निहित होता है। नवरात्रि के नौ रंगों में से प्रत्येक रंग देवी के एक विशिष्ट गुण का प्रतीक है। 
इन रंगो का महत्त्व कुछ इस प्रकार है–
सफेद : सफेद रंग भक्तों के हृदय में शांति, पवित्रता और प्रार्थना का प्रतीक होता है।
लाल : लाल रंग कर्म और शक्ति का प्रतीक है। यह देवी के उग्र रूप का भी प्रतीक है।
गहरा नीला: गहरा नीला रंग शांति और आकाश की गहराई का प्रतीक है। यह देवी के ज्ञान की गहराई का भी प्रतिनिधित्व करता है।
पीला : पीला रंग देवी के तेज और प्रसन्नता का रंग है।
हरा : हरा रंग हर क्षेत्र में सफलता के लिए आवश्यक विकास और उर्वरता का प्रतीक है।
भूरा: भूरा रंग संतुलन का प्रतिनिधित्व करता है।
नारंगी : नारंगी रंग तेज और ऊर्जा का प्रतीक है।
गहरा हरा : गहरा हरा रंग व्यक्तित्व की विशिष्टता का प्रतिनिधित्व करता है।
गुलाबी : गुलाबी रंग प्यार, स्नेह और सद्भाव का प्रतीक है।
यह जानना ही अपने आप में काफी दिलचस्प है  कि कैसे मां दुर्गा का हर एक रूप किसी विशिष्ट रंग से संबंधित है। हमनें आज तक रंगों को बस रंग के रूप में ही देखा होगा,परंतु धार्मिक दृष्टी से भी वे रंग  अपने आप में अर्थपूर्ण है, परिपूर्ण है।
संदर्भ
https://bit.ly/3y1WStX
https://bit.ly/3Ydnnai
https://bit.ly/3y4kFcA
https://bit.ly/3Y7LHKN
चित्र संदर्भ
1. मां दुर्गा के नौ रूपों और नौ रंगों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. मां शैलपुत्री देवी को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. ब्रह्मचारिणी देवी को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. चंद्रघंटा देवी को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. कुष्मांडा देवी को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
6. स्कंदमाता को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
7. कात्यायनी देवी को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
8. कालरात्रि देवी को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
9. महागौरी देवी को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
10. सिद्धिदात्री देवी को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)