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भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, देश में कोविड काल के बाद संपत्ति, विशेष रूप से घरों, की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है। कोविड काल के बाद बैंकों द्वारा गृह ऋण की दरों में वृद्धि के बाद ऐसा लग रहा था कि इसका संपत्ति की कीमतों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है किंतु ऐसा नहीं हुआ। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जो आंकड़े एकत्रित किए गए हैं, उन्हें देखने से यह पता चलता है कि उच्च ब्याज दरों का इस क्षेत्र पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा है। शुरुआत में जब बैंकों ने गृह ऋण या होम लोन (Home loan) की ब्याज दरों में वृद्धि शुरू की, तो यह एक चिंता का विषय लग रहा था, लेकिन पिछली 2-3 तिमाहियों में होम लोन की बढ़ती मांग ने पूरा दृश्य ही बदल दिया है। लगभग सभी प्रमुख शहरों में संबंधित संपत्ति बाजारों में, प्रीमियम (Premium), मिड-सेगमेंट (Mid-segment) और अफोर्डेबल (Affordable) घरों की बिक्री में वृद्धि हुई है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी ‘ऑल इंडिया होम प्राइस इंडेक्स’ (All India Home Price Index - HPI) के अनुसार, ब्याज दरों में वृद्धि के बावजूद 2022-23 की तीसरी तिमाही में 2.79 फीसदी की वृद्धि हुई है, जबकि एक साल पहले यह वृद्धि 3.1 फीसदी थी। भारतीय रिजर्व बैंक का यह आंकड़ा लेनदेन-स्तर के आंकड़ों पर आधारित है, जिन्हें दस प्रमुख शहरों अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली, जयपुर, कानपुर, कोच्चि, कोलकाता, लखनऊ और मुंबई में पंजीकरण अधिकारियों से प्राप्त किया गया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने महंगाई पर लगाम लगाने के लिए मई 2022 से रेपो रेट (Repo Rate) को 250 आधार अंकों या बेसिस पॉइंट (Basis point) तक बढ़ाकर 6.50 फीसदी कर दिया है।
इसके परिणाम स्वरूप बैंकों और वित्त कंपनियों द्वारा गृह ऋण की दरें बढ़ा दी गई हैं क्योंकि अधिकांश ऋण रेपो दर जैसे बाहरी बेंचमार्क दर से जुड़े हुए होते हैं। रेपो रेट में बढ़ोतरी के साथ, सभी मौजूदा गृह ऋणों के महंगे होने की संभावना है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State Bank of India), पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank) और बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) जैसे बैंकों ने इस बढ़ोतरी को ग्राहकों तक पहुंचाने का फैसला किया है। इससे खरीदारों के लिए गृह ऋण पर ‘समान मासिक किस्तों’ (Equated monthly installment) या आम भाषा में कहें तो ईएमआई में वृद्धि होगी। नए कर्जदारों के अलावा, यह उन लोगों को भी प्रभावित करेगा, जिन्होंने पहले से ही गृह ऋण ले रखा है। उधारदाताओं द्वारा प्रदान की जाने वाली ऋण दरें सीधे रेपो दर से संबंधित होती हैं।
नतीजतन, रेपो रेट बढ़ने से गृह ऋण लेने की लागत भी बढ़ेगी। भारतीय स्टेट बैंक की बढ़ी हुई गृह ऋण दर और उसका ईएमआई पर पड़ने वाले प्रभाव की गणना को समझें तो, 6.65 प्रतिशत की ब्याज दर के साथ अगर किसी व्यक्ति ने मई 2022 में दस साल के लिए एसबीआई से 30 लाख रुपए का ऋण लिया हो, तो उसे बैंक को 34,294 रुपये की ईएमआई का भुगतान करना होता था। किंतु एसबीआई द्वारा फरवरी में दरों में बढ़ोतरी के बाद 9.15 प्रतिशत की ब्याज दर पर व्यक्ति को अब उसी ऋण पर 38,247 रुपए की ईएमआई का भुगतान करना होगा।
वहीं बैंक ऑफ बड़ौदा की बात करें, तो यदि 7 प्रतिशत की ब्याज दर के साथ मई 2022 में, किसी व्यक्ति ने बैंक ऑफ बड़ौदा से दस साल के लिए 30 लाख रुपए का ऋण लिया था, तो उसे ईएमआई का भुगतान करने के लिए बैंक को 34,833 रुपए की राशि देनी होती थी। किंतु फरवरी में बैंक द्वारा घोषित दर वृद्धि के बाद 8.55 फीसदी की ब्याज दर पर, व्यक्ति को अब 37,276 रुपए की ईएमआई का भुगतान करना होगा। इसका मतलब है कि उनकी ईएमआई प्रति माह 2,443 रुपए बढ़ गई है। पंजाब नेशनल बैंक की बात करें, तो मई 2022 में, यदि किसी व्यक्ति ने 7 प्रतिशत की ब्याज दर के साथ पंजाब नेशनल बैंक से दस साल के लिए 30 लाख रुपये का ऋण लिया था, तो ईएमआई का भुगतान करने के लिए उन्हें बैंक को 34,833 रुपए की राशि देनी होती थी, किंतु बैंक द्वारा फरवरी में घोषित दर वृद्धि के बाद 9 फीसदी की ब्याज दर पर अब व्यक्ति को 38,003 रुपये की ईएमआई चुकानी होगी।
हालांकि उत्तर प्रदेश में ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बावजूद 1 अप्रैल से आवास क्षेत्र को एक बड़ा बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। राज्य सरकार ने अनुमान लगाया है कि अगले पांच वर्षों में उत्तर प्रदेश में तेजी से हो रहे शहरीकरण से 64 लाख नई आवासीय इकाइयों की मांग बढ़ेगी। 2027 तक इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए आवास एवं शहरी विकास विभाग को निजी भागीदारी के साथ हर साल करीब 13 लाख आवासीय इकाइयां उपलब्ध करानी होंगी। वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ के तहत उच्च बजट आवंटन से राज्य सरकार के 'सभी के लिए आवास' मिशन को प्राप्त करने में मदद मिलेगी। उत्तर प्रदेश इस योजना का दूसरा सबसे बड़ा लाभार्थी है और 2015 से करीब 17 लाख परिवारों को अपने पहले घर के निर्माण का लाभ मिल चुका है।
संदर्भ:
https://bit.ly/3J5txnD
https://bit.ly/41Y7AQ1
https://bit.ly/4285ld4
चित्र संदर्भ
1. एक सुंदर घर को संदर्भित करता एक चित्रण (MagicBricks)
2. भारत में हाउसिंग इंडेक्स 2022 की चौथी तिमाही में भी 110 अंक पर अपरिवर्तित रहा, जो 2022 की तीसरी तिमाही में 110 अंक था, को संदर्भित करता एक चित्रण (tradingeconomics)
3. एसबीआई पुणे की मुख्य शाखा के गेट को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. बैंकों की गृह ऋण ब्याज दर 2023 को संदर्भित करता एक चित्रण (bankbazaar)