शहरों में अवैध निर्माण का उदाहरण, लखनऊ स्थित अलाया अपार्टमेंट के ढहने की दुर्घटना

शहरीकरण - नगर/ऊर्जा
19-05-2023 09:24 AM
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शहरों में अवैध निर्माण का उदाहरण, लखनऊ स्थित अलाया अपार्टमेंट के ढहने की दुर्घटना

वर्तमान समय में बढ़ते शहरीकरण के कारण रहने के लिए भवनों या इमारतों की संख्या भी निरंतर बढ़ती जा रही है। बढ़ती आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिए भवन निर्माण गतिविधियां बेलगाम हो गई हैं। चिंता का विषय यह है, कि जो भवन या इमारतें बनाई जा रही हैं, उन्हें बनाने में भवन निर्माण से सम्बंधित मौजूदा कानूनों का पालन नहीं किया जा रहा है, जिससे शासन प्रणाली, पर्यावरण, लोगों के स्वास्थ्य, परिवहन सेवाओं और समग्र नागरिक कल्याण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। यह प्रभाव इतना अधिक है, कि अवैध निर्माणों के परिणामस्वरूप जान-माल को काफी नुकसान हो रहा है।
उदाहरण के लिए 24 जनवरी को लखनऊ में मौजूद पांच मंजिला इमारत ‘अलाया अपार्टमेंट’ काफी बुरी तरह से धराशायी हुआ। यहां रहने वाले लोगों ने अपना घर और संपत्ति एक क्षण में ही खो दिया। वजीर रोड पर मौजूद इस जर्जर इमारत में रहने वाले सात परिवार इमारत के ढहने के बाद बेघर हो गए और तब से बिल्डर से मुआवजा और प्रशासन से आवास पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।यह कोई नई बात नहीं है। इमारतों के अवैध निर्माण के कारण आग लगने और इमारतों के गिरने जैसे दुखद परिणाम आए दिन सामने आते रहते हैं,जिससे मानव जीवन और संपत्ति को काफी नुकसान होता है। 2019 में, दिल्ली में इमारतों में आग लगने के कारण करीब 150 मौतें दर्ज की गईं थी। पांच वर्षों में यह संख्या सबसे अधिक थी। अलग-अलग शहरों में, इस बात के असाधारण उदाहरण मौजूद हैं, कि कैसे भवन निर्माण से सम्बंधित नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जाती हैं।
केरल राज्य में कोच्चि की मरदु नगरपालिका में, भवन निर्माण कानूनों के घोर उल्लंघन के लिए अगस्त 2020 में चार आवासीय घरों को गिरा दिया गया था।बाद में हुए निरीक्षणों में यह पाया गया कि जिले में 4,000 से अधिक ऐसे मामले थे, जहां तटीय विनियमन क्षेत्र अधिसूचनाओं का उल्लंघन किया गया था। दिसंबर 2019 में, तमिलनाडु राज्य के चेन्नई में, मद्रास उच्च न्यायालय ने आदेश दिया कि ईस्ट कोस्ट रोड (East Coast Road) पर एक विशाल बंगले को तटीय विनियमन क्षेत्र मानदंडों और भवन विनियमों का उल्लंघन करने के लिए गिरा दिया जाए।महाराष्ट्र के अलीबाग में, 2019 में, बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्देश पर तट के किनारे अवैध रूप से बनाए गए 24 बंगलों को ध्वस्त कर दिया गया था। अप्रैल 2013 में, महाराष्ट्र के ठाणे के उपनगर मुंब्रा में एक निर्माणाधीन इमारत ढह गई थी और इसमें करीब 74 लोगों की मौत हुई थी। उनमें से सभी निर्माण श्रमिक और उनके परिवार के लोग शामिल थे। जांचकर्ताओं ने पाया कि निर्माण के लिए घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा था। इमारत के निर्माणकर्ता ने कोई भवन योजना प्रस्तुत नहीं की थी और न ही उसका अनुमोदन मांगा था। 21 सितंबर 2020 को, ठाणे में ही भिवंडी में एक 35 साल पुरानी, तीन मंजिला आवासीय इमारत ढह गई थी, जिसमें एक दर्जन से अधिक लोग मारे गए और अन्य दो दर्जन लोग घायल हुए। जांचकर्ताओं ने पाया कि आवासीय इमारत को बनाने में निर्माण नियमों से समझौता किया गया था।
भारतीय शहरों में आवासीय निर्माण गतिविधियों के संचालन को नियंत्रित करने के लिए कई नियम, उपनियम और वैधानिक प्रावधान बनाए गए हैं। लेकिन बावजूद इसके अवैध निर्माण निरंतर बढ़ता जा रहा है। जबकि इस तरह की गतिविधियां सभी भारतीय शहरों में लगभग सार्वभौमिक हैं, लेकिन बड़े शहरों और महानगरीय शहरों में इमारतों का अवैध निर्माण सबसे अधिक हो रहा है। इसका प्राथमिक कारण यह है कि इन बड़े शहरों में जमीन की कीमत बहुत अधिक है और आवासों, कार्यालय स्थानों आदि की मांग बढ़ती जा रही है। साथ ही भवनों के निर्माण के लिए स्थान कम होता जा रहा है. अवैध निर्माण से बिल्डरों और अन्य सहभागी व्यक्तियों को लाभ होता है। इसमें बिल्डर, आर्किटेक्ट और मालिक का स्वार्थ निहित होता है, जिसका दुष्प्रभाव खरीदार पर पड़ता है। अक्सर बिल्डरों,आर्किटेक्ट आदि द्वारा अपने फायदे के लिए वास्तविक निर्माण योजना में कुछ बदलाव कर दिए जाते हैं। स्थानीय प्राधिकरण को जो भवन योजना प्रस्तुत की जाती है, उसके अनुसार कार्य नहीं किया जाता है, जिसकी वजह से कार्य पूर्ण होने के कुछ समय बाद अनेकों दुर्घटनाएं देखने को मिलती हैं।
अवैध निर्माण से पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। अवैध और अधिक भवन निर्माण कार्यों से मनुष्य स्वस्थ और सुरक्षित जीवन से दूर होने लगता है। अधिक इमारतों या भवन निर्माण की वजह से ऐसे क्षेत्रों में तापमान तुलनात्मक रूप से अधिक हो जाता है।कुछ अवैध निर्माणों ने परिवहन नेटवर्क को भी नकारात्मक रूप से प्रभावित किया है,जिससे यातायात में बाधा उत्पन्न हो रही है। भवनों के निर्माण से सम्बंधित नीतियों में सुधार, बेहतर योजना, कानूनों के सख्त कार्यान्वयन और प्रौद्योगिकी में सुधार के माध्यम से अवैध निर्माण को रोका जा सकता है।

संदर्भ:

https://bit.ly/3MGhro5
https://bit.ly/4547veW
https://bit.ly/432ffMG

 चित्र संदर्भ

1. अलाया अपार्टमेंट के ढहने की दुर्घटना को संदर्भित करता एक चित्रण (youtube)
2. अलाया अपार्टमेंट में बचाव कार्य को दर्शाता चित्रण (youtube)
3. अवैध निर्माण को संदर्भित करता एक चित्रण (PixaHive)
4. अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. अवैध निर्माण के खिलाफ कार्यवाही की कतरन को दर्शाता एक चित्रण (Flickr)