अंतः-स्थापित कृत्रिम बुद्धिमत्ता कैमरें ने बनाया लखनऊ को सुरक्षित, वायु प्रदूषण रहित

संचार और सूचना प्रौद्योगिकी उपकरण
02-06-2023 09:48 AM
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अंतः-स्थापित कृत्रिम बुद्धिमत्ता कैमरें ने बनाया लखनऊ को सुरक्षित, वायु प्रदूषण रहित

कैमरों (Cameras), सेंसर (Sensors) और रोबोटिक्स (Robotics) क्षमताओं के रूप में बेहतर सुरक्षा उपकरणों के तकनीकी विकास ने घरों, व्यवसायों, और सार्वजनिक स्थानों की सुरक्षा में उनके उपयोग को बढ़ावा दिया है।आज सेंसर इतने अधिक विकसित हो गए हैं कि अब वे केवल गतिविधियों द्वारा संचालित नहीं होते हैं; बल्कि समय के साथ तेजी से अल्ट्रा-हाई रेजोल्यूशन (Ultra-high resolution) कैमरों और अंतः-स्थापित कृत्रिम बुद्धिमत्ता(Artificial Intelligence (AI)से लैस होते जा रहे हैं। ये सुरक्षा प्रणालियाँ घर में रहने वाले या कार्यालय में काम करने वाले लोगोंके चेहरों को पहचान सकती हैं। यदि इन कैमरों से खींची गई छवि किसी अनजान व्यक्ति या घुसपैठिए की हो,तो यह अलर्ट सिस्टम (Alert system) को सक्रिय कर देती है। इस तकनीकी विकास का लाभ हमारे शहर लखनऊ द्वारा भी उठाया जा रहा है, अब शहर में वायु प्रदूषण पर सक्रिय नियंत्रण करने के लिए ‘लखनऊ नगर निगम स्मार्ट सिटी लिमिटेड’ (Smart City Limited) द्वारा वित्तपोषित पायलट प्रोजेक्ट (pilot project) के तहत, शहर के प्रमुख चौराहों और फैक्ट्री स्थलों पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता वाले कैमरे लगाए जाएंगे। ऐसा माना जा रहा है कि इन कैमरों की मदद से लखनऊ नगर निगम द्वारा ‘उत्तरप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड’(UP Pollution Control Board) के सहयोग के साथ वायु प्रदूषण में योगदान करने वाले कारकों और स्थलों की पहचान की जाएगी। साथ ही प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जाएगी।शहर भर में लगभग 30 चयनित स्थलों पर ऐसे कैमरे स्थापित किए जाएंगे, जिनमें विशेष सेंसर (sensor) होंगे और जिन्हें नियंत्रण कक्ष से ही नियंत्रित किया जा सकेगा। इन्हें ‘स्मार्ट सिटी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड’ (Smart City Pollution Control Board) में स्थित इंटीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर (Integrated Control Command Center) के अलावा कैमरे लगाने वालेनिजी व्यवसाय संघ से जोड़ा जाएगा। कैमरे चौबीसों घंटे चालू रहेंगे और निर्धारित स्थान की गतिविधियों को रिकार्ड (Record)करते रहेंगे और उन्हें इंटीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर की स्क्रीन पर प्रदर्शित किया जाएगा। साथ ही यदि वायु प्रदूषण अनुमत सीमा से अधिक होता है तो पुलिस को इस बारे में तुरंत चेतावनी दी जाएगी।
स्मार्ट सिटी लिमिटेड की 18वीं बोर्ड बैठक में इस पायलट प्रोजेक्ट के लिए 85 लाख रुपये मंजूर किए गए हैं। कैमरों से प्राप्त होने वाली सूचनाओं को प्रभावी, कुशल और शीघ्र समाधान, और निगरानी के लिए लखनऊ स्मार्ट सिटी प्लेटफॉर्म के साथ एकीकृत किया जाएगा। नगर निगम द्वारा व्यस्ततम जगहों के साथ-साथ औद्योगिक क्षेत्रों को भी शामिल किया गया है, जहां परियोजना के तहत छोटे और मध्यम स्तर के उद्योग कार्यरतहैं।यह परियोजना न केवल वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए तत्काल हस्तक्षेप करने, बल्कि भविष्य के लिए रणनीति तैयार करने में भी मदद करेगी।यह भी निश्चित किया गया है कि यदि यह परियोजना सफल होती है तो पूरे शहर को आवृत करने के लिए और अधिक कैमरों को लगाया जाएगा, जिससे वायु प्रदूषण में योगदान करने वालों पर जुर्माना लगाकर प्रदूषण को कम किया जाएगा। शहर में जिला प्रशासन द्वारा वायु प्रदूषण में रोकथाम के साथ-साथ शहर को अधिक सुरक्षित बनाने के लिए लगभग 2,000 और सीसीटीवी कैमरे लगाने का फैसला किया गया है। प्रशासन ने अधिकारियों को विवाह भवनों, मैदानों, पेट्रोल पंप, व्यापारिक प्रतिष्ठान, बाजार और सिनेमा हॉल जैसे सार्वजनिक स्थानों के अलावा महिलाओं के लिए संवेदनशील, अपराध प्रवण और असुरक्षित स्थानों की पहचान करने का निर्देश दिया है, ताकि यहां कैमरे लगाए जा सके। ये सभी कैमरे स्मार्ट सिटी कंट्रोल रूम (Control room) से जुड़े रहेंगे। इससे पहले शहर के विभिन्न चौराहों पर 2700 कैमरे लगाए गए थे, जिनके माध्यम से कई आपराधिक मामलों को सुलझाया गया और अपराधियों की पहचान की गई। कैमरे और सेंसर आज पहले से अधिक परिष्कृत हैं। आज सुरक्षा कैमरे उच्च रिज़ॉल्यूशन (Resolution) में तस्वीरों को रिकॉर्ड और प्रदर्शित कर सकते हैं और कम-प्रकाश दृश्यता सेटिंग्स (Low Light Setting) में भी चल सकते हैं।और इन कैमरों को सेल फोन (Cell phones) से दूरस्थ रूप से नियंत्रित भी किया जा सकता है।सेंसर विशिष्ट ध्वनियों को आसानी से पता लगाने में सक्षम होते हैं और गति, तापमान और आर्द्रता में परिवर्तन की पहचान कर सकते हैं।र परिणामस्वरूप आज ये व्यवसायों और घरों दोनों में तेजी से उपयोग किए जा रहे हैं।खिड़कियों और दरवाजों पर लगे ‘मोशन सेंसर कैमरा रिकॉर्डिंग’(Motion sensor camera recording) को यह पहचानने के लिए संचालित करते हैं, कि ली गई तस्वीर ज्ञात व्यक्ति की है या किसी अनजान व्यक्ति की। साथ ही यदि कोई व्यक्ति अपने घर पर या अपनी संपत्ति के पास नहीं है तब भी वहघर के कैमरों को मोबाइल उपकरणों से जोड़कर संचालित कर सकता है, दरवाजा खोल सकता है,या अपने दरवाजे पर मौजूद आगंतुक के साथ संवाद भी कर सकता है। कुछ वीडियो निगरानी प्रणालियों (Video Surveillance Systems)में छवियों को निकालने मात्रसे अधिक क्षमता होती है, जैसे लाइसेंस प्लेटों को पढ़ना और उसका विवरण निकालना, लोगों और वाहनों की आवाजाही को मापना, और कुछ गलत नजर आने पर पुलिस या सुरक्षा गश्ती दल को सचेत करना आदि। आज के युग में सुरक्षा कैमरे और रोबोट अंतःस्थापित कृत्रिम बुद्धिमत्ता सॉफ़्टवेयर (Software) से लैस हैं, जो मार्गों को स्कैन या "गश्त" करने, अपने परिवेश को जानने, लोगों या वाहनों के अनधिकृत प्रवेश के खतरे को पहचानने, और चेतावनी देने के लिए बनाए गए हैं।
लेकिन सोचने वाली बात तो यह है कि प्रौद्योगिकी के विकास का रोजगार पर कैसा प्रभाव पड़ेगा? एक ओर, सुरक्षा अलार्म सिस्टम लगाने, और निगरानी सेवाओं के उपभोगताओं में वृद्धि से इन्हें बनाने, बेचने और लगाने वाले कर्मचारियों की मांग में बढ़ावा होने की उम्मीद है। दूसरी ओर, इन्हीं तकनीकी नवाचारों को अपनाने से बाजार में सुरक्षा गार्ड सेवाएं प्रदान करने वाले कर्मचारियों के रोजगार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की अधिक संभावनाएं हैं। हालांकि परिष्कृत सुरक्षा प्रौद्योगिकी उत्पादों को बनाने, लगाने,और ठीक रखने की बढ़ती मांग, सुरक्षा प्रणाली सेवाओं में रोजगार का उत्पादन कर रही है।किंतु, इन समान तकनीकों का जांच, गार्ड, और बख्तरबंद गाड़ी सेवाओं के रोजगार पर नकरात्मक प्रभाव पड़ रहा है। किसी एक परिसर में अधिक कैमरों को स्थापित करने के साथ गश्त करने के लिए अधिकारियों की आवश्यकता कम होती है, जिससे रोजगार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। हालांकि,‘श्रम सांख्यिकी ब्यूरो’ (Bureau of Labor Statistics) ने 2019 से 2029 तक जांच और सुरक्षा सेवा क्षेत्र में रोजगार के 6.5 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान लगाया है।
सुरक्षा प्रणाली सेवा कंपनियों का मुख्य कार्य दूरस्थ निगरानी सहित सुरक्षा चेतावनी प्रणाली को बेचना और स्थापित करना है। इस क्षेत्र में रोजगार के 13.6 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है, जिससे 2019 से 2029 तक 20,300 नौकरियोंके जुड़ने की संभावना है, और जो कुल अर्थव्यवस्था के औसत से बहुत अधिक है।यह अनुमानित रोजगार प्रवृत्ति सुरक्षा चेतावनी प्रणाली में बेहतर वीडियो और सेंसर प्रौद्योगिकी के उपयोग का अनुसरण करती है, जिस वजह सेअपराध को रोकने के लिए अधिक सुरक्षा चेतावनी प्रतिष्ठानों की मांग बढ़ रही है।

संदर्भ :-
https://bit.ly/43eKmFn
https://bit.ly/3N4NY76
https://bit.ly/3MKhBt8

 चित्र संदर्भ
1. कृत्रिम बुद्धिमत्ता कैमरें को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
2. सीसीटीवी कैमरा निगरानी को संदर्भित करता एक चित्रण (Max Pixel)
3. सीसीटीवी कैमरा निगरानी चेतावनी को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
4. सौर ऊर्जा आधारित निगरानी कैमरे को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)