लखनऊ का वनस्पति उद्यान संपूर्ण भारत के वनस्पति विज्ञान केन्द्रों मे एक प्रतिष्ठित स्थान रखता है। इसका पुराना नाम सिकंदर बाग़ था जो कि बाद मे बदल कर राष्ट्रीय वनस्पतिशास्त्र शोध केंद्र कर दिया गया। इसका निर्माण यहाँ के नवाब शादत खान द्वारा कराया गया था।
अंग्रेजों के आधीन आने पर अंग्रेजों ने इसको बागवानी शोध संस्था के रूप मे परिवर्तित कर दिया। इस नए परिवर्तन से यहाँ पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाने लगा जैसे पुष्पों कि प्रदर्शनी, पौधों कि अन्यत्र जगहों से अदला-बदली व निर्यात आदि। यही कारण रहा कि यहाँ पर कई फलों के बगीचों, फूलों कि पौधशाला तथा अन्य छोटे बगीचों का निर्माण व विस्तार हुआ।
सन १९५३ मे वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद नयी दिल्ली, ने इस वनस्पति उद्यान पर अपना स्वामित्व स्थापित कर यहाँ वनस्पति उद्यान तथा वनस्पति अनुसंधान प्रयोगशाला का निर्माण कराया। सन १९७८ मे इसको राष्ट्रिय वनस्पति अनुसंधान संस्थान के रूप मे बसाया गया तथा वर्तमान मे ये इसी रूप मे कार्यरत है।