मेरठ के नागरिकों, चमेली के फूल न केवल अपनी मीठी खुशबू के लिए, बल्कि अपने सांस्कृतिक, धार्मिक और सजावटी महत्व के लिए भी प्रसिद्ध हैं। भारत में चमेली की कई किस्में उगाई जाती हैं, जिनमें मोगरा, जूही और चमेली शामिल हैं| प्रत्येक किस्म अपने नाज़ुक सफ़ेद फूलों और सुखदायक खुशबू के लिए जाना जाता है। अपनी सुंदरता और बहुमुखी प्रतिभा के साथ, चमेली के फूल भारत में बगीचों, त्यौहारों और दैनिक जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इन फूलों को महिलाएं अपने बालों को सजाने के लिए भी बेहद पसंद करती हैं। इसके अलावा, चमेली के आवश्यक तेल का उपयोग इत्र बनाने के लिए भी किया जाता है। इसका उपयोग सौंदर्य प्रसाधन उद्योग में भी किया जाता है। तो आइए, आज हम चमेली के पौधे के बारे में संक्षेप में समझते हुए, भारत में चमेली उगाने वाले शीर्ष राज्यों के बारे में जानेंगे और भारत से चमेली के निर्यात और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में इसकी भूमिका पर भी प्रकाश डालेंगे। इसके साथ ही, हम घर के बगीचे में चमेली उगाने के लिए आवश्यक देखभाल युक्तियों के बारे में भी सीखेंगे। अंत में, हम भारत में पाए जाने वाले चमेली के विभिन्न प्रकार के फूलों के बारे में भी जानेंगे।
ऑफिसिनेल चमेली | चित्र स्रोत : Wikimedia
भारत में चमेली एक महत्वपूर्ण पारंपरिक फूलों की फ़सल है, जो 10-15 फ़ुट तक ऊँची हो सकती है। इसके तने पतले, पत्तियाँ लगभग ढ़ाई इंच लंबी और फूल सफ़ेद रंग के होते हैं। चमेली का पौधा आमतौर पर मार्च से जून के महीने में अच्छे से होता है। चमेली के फूल अत्यधिक सुगंधित होते हैं, जिनका उपयोग मंदिरों में धार्मिक कार्यों, महिलाओं द्वारा अपने बालों को सजाने, इत्र बनाने के लिए और सौंदर्य प्रसाधन उद्योग में किया जाता है। चमेली का वैज्ञानिक नाम 'जैस्मीनम' ('Jasminum) है। यह ओलेसी (Oleaceae) परिवार से संबंधित है। जैस्मीनम जीन में 200 से अधिक प्रजातियाँ शामिल हैं। ये फूल दुनिया भर में उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय देशों में पाए जाते हैं। भारत के अलावा, , थाईलैंड, चीन, श्रीलंका और फिलीपींस में भी चमेली की व्यावसायिक खेती की जाती है।
भारत में चमेली उगाने वाले शीर्ष राज्य:
भारत में चमेली की खेती व्यावसायिक तौर पर की जाती है। भारत में शीर्ष चमेली उत्पादक राज्य हैं:
तमिलनाडु
कर्नाटक
आंध्र प्रदेश
गुजरात
असम
मध्य प्रदेश
भारत से चमेली निर्यात:
मार्च 2023 से फ़रवरी 2024 के बीच, भारत से 663 खेप चमेली के फूलों का निर्यात किया गया। भारत से चमेली के फूलों का निर्यात सिंगापुर, मलेशिया, संयुक्त राज्य अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात सहित कई देशों में किया जाता है।
अरेबियन चमेली के फूल का जीवनचक्र | चित्र स्रोत : Wikimedia
अपने घर के बगीचे में चमेली कैसे उगाएं:
चमेली के फूल बगीचे में बहुत ताज़ा और मनमोहक खुशबू भर देते हैं। आप चमेली के पौधे को बगीचे के अंदर और बाहर दोनों जगह उगा सकते हैं। यदि आप इसे अपने बगीचे में उगाना चाहते हैं तो नीचे बताई गई प्रक्रिया सीखें:
चमेली उगाने का सबसे अच्छा समय वसंत ऋतु है। क्योंकि इस दौरान उन्हें विकसित होने और अच्छी तरह बढ़ने के लिए पर्याप्त धूप मिलती है। भरपूर रोशनी फूलों के विकास को प्रोत्साहित करती है।
चमेली के पौधे के लिए मिट्टी उपजाऊ होने के साथ-साथ जल निकास वाली भी होनी चाहिए। मिट्टी ढीली और छिद्रयुक्त होनी चाहिए, ताकि पानी अंदर जा सके। मिट्टी में नियमित रूप से उर्वरक भी डाले जाने चाहिए, जिससे पौधे की दीर्घायु के साथ-साथ भरपूर मात्रा में फूल भी आएं। इसके अलावा, समय-समय पर इसकी छंटाई करना आवश्यक होता है ।
चमेली की सर्वोत्तम वृद्धि के लिए उचित जल स्तर बनाए रखना चाहिए। इसके लिए अधिक पानी की आवश्यकता होती है। वसंत के मौसम में जड़ों को थोड़ा सूखा रखना बेहतर होता है, जबकि गर्मियों में नमी बनाए रखना ज़रूरी है।
जून से नवंबर के बीच, चमेली का पौधा लगाने से इसकी वृद्धि अच्छी होती है। यह भी याद रखें कि बढ़ने के लिए पौधों और लताओं के बीच 6 फ़ुट की दूरी बनाए रखना ज़रूरी है।
चमेली के पौधे को प्रकाश पसंद है और चमेली को गर्मी के मौसम में लगभग 3-4 घंटे भरपूर सूर्य के प्रकाश की आवश्यकता होती है।
भारत में चमेली के फूलों के प्रकार:
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सामान्य चमेली (Common Jasmine): भारत में चमेली की इस किस्म की व्यापक रूप से खेती की जाती है। इसे समर जैस्मीन (Summer Jasmine), ट्रू जैस्मीन (True Jasmine), या पोएट्स जैस्मीन (Poet’s Jasmine) के नाम से भी जाना जाता है। इसके फूल पांच पंखुड़ियों वाले, सफ़ेद रंग के और अत्यधिक सुगंधित होते हैं। गर्मियों के दौरान इनमें बड़े फूल खिलते हैं।
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अरेबियन जैस्मीन (ArabianJasmine): इस किस्म के चमेली के फूलों में कई परतें होती हैं। यह एक बारहमासी लता है। इन सफ़ेद फूलों में मीठी गंध होती है। इन्हें अच्छी तरह से विकसित होने के लिए समशीतोष्ण जलवायु की आवश्यकता होती है।
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पीली चमेली (Yellow Jasmine): चमेली की यह किस्म हिमालय की मूल निवासी है; ये पौधे ठंडे तापमान में अच्छे से विकसित होते हैं। इसके सुगंधित, फ़नल के आकार के पीले फूल इसे अद्वितीय बनाते हैं।
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सफ़ेद चमेली (White Jasmine): यह एक सदाबहार लता है, जिसकी वृद्धि तीव्र होती है | इसे अक्सर सौंदर्य प्रयोजनों के लिए घरों में उगाया जाता हैं। इसके पत्ते गहरे हरे और फूल सुंदर लाल-गुलाबी रंग के होते हैं।
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केप जैस्मीन (Cape Jasmine): ये पौधे गर्म जलवायु में अच्छी तरह से विकसित होते हैं और इन्हें बहुत अधिक रखरखाव की आवश्यकता होती है। इन फूलों में मनमोहक सुगंध होती है।
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रात की रानी चमेली (Night-Blooming Jasmine): रात की रानी के फूल पूरे देश में आमतौर पर बेहद पसंद किए जाते हैं। यह पौधा उपोष्णकटिबंधीय जलवायु में अच्छी तरह से विकसित होता है; हालाँकि, ठंडी जलवायु में इसे घर के अंदर भी उगाया जा सकता है। इसके सुंदर सफ़ेद-हरे फूल बहुत विशिष्ट सुगंध वाले होते हैं।
चित्र स्रोत : Wikimedia
जंगली चमेली (Wild Jasmine): यह एक सदाबहार पौधा है जिसके पत्ते गहरे हरे और फूल पीले रंग के होते हैं, जिनमें बिल्कुल भी गंध नहीं होती है और यह गुच्छों में खिलता है। जंगली चमेली के पौधों को अधिक ध्यान की आवश्यकता नहीं होती है और ये सूखे की स्थिति में भी जीवित रह सकते हैं।
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रॉयल जैस्मीन (Royal Jasmine): रॉयल जैस्मीन की पत्तियों का आयुर्वेद में हर्बल औषधि के रूप में कई प्रकार से उपयोग किया जाता है। इसके सफ़ेद फूल एक विशिष्ट सुगंध के साथ अत्यंत सुंदर होते हैं।