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मेरठ वासियों, क्या आप संकिसा के बारे में जानते हैं? यह उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में बसा एक बहुत ही प्राचीन और पवित्र बौद्ध तीर्थ स्थल है। बौद्ध मान्यताओं के अनुसार, यह वही पावन धरती है, जहाँ भगवान बुद्ध अपनी माता को धर्म का उपदेश देने के पश्चात स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरित हुए थे। इस स्थान का धार्मिक महत्व काफ़ी गहरा है। इसे बौद्ध धर्म के आठ प्रमुख तीर्थ स्थानों में गिना जाता है। संकस्य, जिसे संकिसा या संकसा भी कहते हैं, बौद्ध धर्म के उन 'आठ महान तीर्थस्थलों' में शामिल है, जिन्हें पाली ग्रंथों में 'अष्टमहास्थान' कहा गया है। बौद्ध ग्रंथों में इस बात का वर्णन मिलता है कि अपने ज्ञान प्राप्ति के 41वें वर्ष में, बुद्ध श्रावस्ती से त्रयस्त्रिम्स (या तुषित) स्वर्ग लोक गए थे। वहाँ उन्होंने वर्षा काल का एकांतवास बिताया और अपनी माँ मायादेवी को अभिधर्म का उपदेश दिया। माँ मायादेवी का निधन बुद्ध के जन्म के सात दिन बाद ही हो गया था।
तीन माह पश्चात, जब बुद्ध स्वर्ग से अवतरित होने वाले थे, तब आठ राज्यों के राजा और अनेकों भक्तगण संकिसा में उनके स्वागत के लिए एकत्रित हुए। बौद्ध साहित्य के अनुसार, उस समय स्वर्ग से धरती तक सोने की सीढ़ियाँ प्रकट हुईं। भगवान बुद्ध बीच की सीढ़ी से नीचे उतरे, उनके दाहिनी ओर ब्रह्मा और बाईं ओर रत्नजड़ित छत्र धारण किए इंद्र साथ थे। भगवान बुद्ध के स्वर्ग से इस अवतरण को दर्शाती नक्काशियाँ सांची, भरहुत, संकिसा और कई अन्य स्थानों पर मिली हैं।
आइए, आज कुछ चलचित्रों के ज़रिए हम संकिसा की यात्रा करते हैं। संकिसा, फर्रुखाबाद शहर से महज़ 30 किलोमीटर दूर, काली नदी के किनारे बसा है। यह भारत के सबसे पुराने शहरों में से एक है। रामायण काल में संकिसा को 'संकश्य नगर' के नाम से जाना जाता था। कहते हैं कि राजा जनक ने संकश्य के राजा सुधन्वा को युद्ध में पराजित कर, यह नगर अपने छोटे भाई कुशध्वज को सौंप दिया था। राजा कुशध्वज ने फिर कई वर्षों तक संकश्य नगर पर राज किया। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने संकिसा को एक महत्वपूर्ण बौद्ध स्थल मानते हुए इसे संरक्षित स्मारक घोषित किया है। संकिसा का शांत वातावरण आपको आध्यात्मिकता की ओर खींचता है। यहाँ आकर ईश्वर या परम चेतना से जुड़ाव महसूस होता है।
आइए अब ऊपर दिए गए विडियो के ज़रिये संकिसा के एक लघु भ्रमण पर चलते हैं|
यह अगला चलचित्र भी संकिसा की वास्तुकला को बड़ी ही भव्यता के साथ प्रदर्शित करता है:
आइए अब इस अगले विडियो के माध्यम से संकिसा के इतिहास को वहां के स्थानीय निवासियों की जुबानी विस्तार से समझने की कोशिश करते हैं:
आज के इस आखिरी विडियो में हम चलते-चलते उस स्थान की महिमा को और गहराई से समझते हैं, जहाँ पर 56 देशों के सैलानी पधारते हैं:
संदर्भ :