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इब्राहिम और ब्रह्मा, भले ही अलग-अलग परंपराओं से आते हों, लेकिन वे कुछ समानताएं साझा करते हैं। दोनों को धार्मिक प्रणेताओं के रूप में देखा जाता हैं। इब्राहिम को तीन प्रमुख धर्म – यहूदी, ईसाई और इस्लाम धर्म के प्रणेता के रूप में एवं ब्रह्मा को हिंदू धर्म में सृष्टिकर्ता के रूप में जाना जाता है। दोनों को दिव्य ग्रंथों, सृजनात्मक कहानियों और वंशावली से संबंधित माना जाता हैं। इसके अलावा, दोनों के नामों में समान ध्वनियां – “ब्राह” और “हम” हैं, जो एक ध्वनिप्रधान समानता का सुझाव देती है।आज ईद उल अज़हा के अवसर पर, सभी मुसलमान, पैगंबर इब्राहिम में अटूट विश्वास और उनकी भक्ति का सम्मान करते हैं।चलिए, आज यहूदी, ईसाई और इस्लाम धर्म में पैगंबर इब्राहिम के बारे में मौजूद,मतों के बारे में विस्तार से बात करते हैं। उसके बाद, हम इब्राहिम एवं ब्रह्मा के बीच मौजूद समानताओं का पता लगाएंगे।
पैगंबर इब्राहिम के बारे में यहूदी, ईसाई और इस्लाम धर्म में व्याप्त अंतर:
मुसलमानों के लिए, इब्राहिम, इस्लाम धर्म के संस्थापक नहीं हैं। मुस्लिम लोग,एडम(Adam) को पहले मुस्लिम व्यक्ति मानते हैं। इस प्रकार, जिस पहले आदमी को परमेश्वर ने बनाया था,वह मुस्लिम था; और उन्होंने इस्लाम का प्रचार किया। उनके पास इसका प्रचार करने के लिए, अधिक जनता नहीं थी, लेकिन वे इस्लाम का प्रचार करते रहे। बाद में उनके पश्चात, नूह और इब्राहिम ने इस धर्म का प्रचार किया।
यहूदी धर्म में भी, इब्राहिम की निश्चित रूप से एक प्रमुख भूमिका है। लेकिन, यह ज़रूरी नहीं है कि,वे यहूदी धर्म के संस्थापक के रूप में, या फिर एकेश्वरवाद के संस्थापक हो। यहूदी लोग, दरअसल, इब्राहिम को नहीं, बल्कि उनके पोते – जैकब(Jacob) को पूज्य मानते हैं। उनके अनुसार, जैकब, इज़राइल(Israel) के लोगों के संस्थापक है।
एक तरफ़, रोमन लोग(Romans), इब्राहिम को एक ईसाई धार्मिक तरीके से एवं “विश्वास” के मिसाल के रूप में देखते हैं। इब्राहिम को, विश्वास की नीति से उचित माना गया था, क्योंकि भगवान ने उन्हें एक वादा दिया था, जो अविश्वसनीय था। इब्राहिम उस वादे पर विश्वास करते थे, और अतः उनके विश्वास को सच्चाई के रूप में गिना गया था।
इब्राहिम एवं भगवान ब्रह्म के बीच कुछ समानताएं:
इब्राहिम और ब्रह्मा के नामों के बीच मौजूद समानताएं, कई लोगों का ध्यान खींचती हैं। हम अब जानते ही हैं कि, इब्राहिम को ‘यहूदियों के प्रणेता’ कहा जाता है, और ब्रह्मा को अक्सर ही सभी हिन्दुओं द्वारा ‘मानव जाति के प्रणेता’ के रूप में देखा जाता है।
इब्राहिम का नाम दो सेमिटिक शब्दों(Semitic words) से लिया गया है। इब्राहिम नाम में मौजूद ‘अब(ab)’शब्द का अर्थ – ‘पिता’ है,जबकि,‘राम/रहम(Raam/Raham)’ शब्द का अर्थ – ‘महान’ है।हमें इस बात पर भी गौर करना चाहिए कि, भगवान ब्रह्म की बेटी –देवी सरस्वती का नाम, इब्राहिम की पत्नी –‘सारा(Sarah)’ के साथ प्रतिध्वनित होता है।
इसके अलावा, हमारे देश भारत में सरस्वती नदी की एक सहायक नदी, घग्गर है। यहूदी परंपरा के अनुसार, ‘हगर’ सारा की नौकरानी थी। साथ ही, ब्राह्मण और यहूदी लोग, खुद को ‘भगवान के लोगों’ के रूप में देखते हैं।
इब्राहिम और भगवान ब्रह्मा के बीच, अन्य समानताएं क्या हैं?
1.)ब्रह्मा और इब्राहिम का दिव्य शाश्वत वंश:
•ब्रह्मा सभी के पिता है, जबकि, इब्राहिम कई देशों के प्रणेता है।
•ब्रह्मा, ब्रह्मांड के निर्माता हैं, जबकि इब्राहिम के वंशजों को आकाश के सितारों के रूप में जाना जाता हैं।
•ब्राह्मण आकाशगंगा, गाय या डॉल्फिन जैसी है। इसके दाईं ओर 14 नक्षत्र और बाईं ओर 14 नक्षत्र हैं। जबकि, इब्राहिम के सितारे जैसे वंशज, इब्राहिम से लेकर राजा डेविड(King David) तक 14 पीढ़ी की संख्या दर्शाते हैं। राजा डेविड से बेबीलोन के निर्वासन(Babylonian exile) तक 14 सितारे, एवं बेबीलोन से यीशु तक, 14 सितारे इन्हें दर्शाते हैं।
2.)ब्रह्मा और इब्राहिम के पुत्रों का बलिदान:
•ब्रह्मा के पोते – दक्ष का, सभी देवताओं के समक्ष बलिदान दिया जाता है। जबकि, इब्राहिम, अपने बेटे – इस्माइल को अर्पित करते है।
•अपने पिता बृहस्पति की अपील के कारण, दक्ष को एक भेड़ के सिर के साथ पुनर्जीवित किया जाता है। जबकि, इब्राहिम अपने बेटे इस्माइल के स्थान पर, झाड़ी में पकड़े गए भेड़ का बलिदान करते है।
3.)प्रकाश के भगवान के रूप में ब्रह्मा और प्रकाश के शहर – उर(Ur) से इब्राहिम:
•ब्रह्मदेव, ब्राह्मण की चमक को बढ़ाते है। समान रूप से, अपने स्वयं के प्रिय बेटे –आइज़ेक(Issac)को अर्पित करके, इब्राहिम ने भी, प्रकाश हासिल किया था।
4.)न्याय के संग्राहक के रूप में, ब्रह्म और इब्राहिम:
ब्रह्मा युद्ध के वरदान के स्वामी है, और वरदान का प्रसाद ब्रह्मा की दुनिया में भेजा जाता है।एक तरफ़, इब्राहिम ने चार राजाओं को हराया था, और युद्ध के वरदान को पुनर्प्राप्त किया। लेकिन, फिर वे इसे मना कर देते है, और उन पांच राजाओं को वापस लौटाते है, जिनसे वह संबंधित था। तब वे,केवल भगवान में ही विश्वास रखते है।
5.)पाताल लोक के नेता के रूप में, ब्रह्म और इब्राहिम:
ब्रह्मा पवित्र गायों को पुनः प्राप्त करने एवं राक्षसों को मारने के लिए, पाताल लोक में जाते है। तब वे, फिर से प्रकाश को पाते है, एवं स्वर्ग और पृथ्वी के बीच शांति लाते है। जबकि इब्राहिम ने एक कुआं खोदकर, देशों के बीच शांति लाने के लिए, उसमें भेड़ और बैलों की पेशकश की थी।
संदर्भ
मुख्य चित्र स्रोत : Pexels