समय - सीमा 277
मानव और उनकी इंद्रियाँ 1033
मानव और उनके आविष्कार 812
भूगोल 249
जीव-जंतु 303
| Post Viewership from Post Date to 26- Sep-2025 (31st) Day | ||||
|---|---|---|---|---|
| City Subscribers (FB+App) | Website (Direct+Google) | Messaging Subscribers | Total | |
| 2860 | 98 | 8 | 2966 | |
| * Please see metrics definition on bottom of this page. | ||||
मेरठवासियो, क्या आपने कभी गौर किया है कि हमारी थाली में जगह बनाने वाला यह छोटा‑सा मशरूम सिर्फ़ स्वाद का साधन नहीं है, बल्कि सेहत का खजाना भी है? बरसों से, दुनिया की कई सभ्यताओं में इस साधारण दिखने वाले कवक को उसके अद्भुत औषधीय गुणों के कारण आदर दिया गया है। ग्रीक (Greek), चीनी और भारतीय परंपराओं में इसे केवल भोजन ही नहीं, बल्कि उपचार का हिस्सा माना गया है। पुराने ज़माने में लोग जंगलों से मिलने वाले मशरूम को घाव भरने, शरीर को ताक़त देने और कई बीमारियों को दूर करने के लिए इस्तेमाल करते थे। समय बदला, विज्ञान ने शोध किया और आज यही मशरूम आधुनिक चिकित्सा और पोषण विज्ञान की नज़र में भी अनमोल साबित हुआ है। आज जब मेरठ की गलियों में आधुनिक जीवन की रफ़्तार तेज़ है, तो सेहतमंद रहना हर किसी की पहली ज़रूरत बन गया है। ऐसे में यह छोटा‑सा मशरूम हमारे शरीर को न सिर्फ़ ज़रूरी पोषक तत्व देता है, बल्कि रोगों से बचाने में भी मदद करता है। यह बात जानकर हैरानी होती है कि जो मशरूम कभी जंगलों और खेतों में स्वाभाविक रूप से उगते थे, आज वही वैज्ञानिक तरीक़े से उगाए जाते हैं और दुनिया भर के शोधकर्ता इनके गुणों पर काम कर रहे हैं।
इस लेख में आज हम सबसे पहले जानेंगे कि कवक (fungus) और मशरूम का औषधीय इतिहास कितना पुराना और रोचक है। फिर हम देखेंगे कि मशरूम में कौन-कौन से पोषण तत्व होते हैं और ये हमारे शरीर को किस तरह लाभ पहुँचाते हैं। इसके बाद हम समझेंगे कि औषधीय मशरूम हृदय रोग, मधुमेह और कैंसर (cancer) जैसी गंभीर बीमारियों से बचाव में कैसे सहायक हैं। अंत में, हम भारत में पाई जाने वाली प्रमुख मशरूम प्रजातियों और उनके विशेष स्वास्थ्य लाभों पर नज़र डालेंगे।

कवक और मशरूम का औषधीय इतिहास
प्राचीन सभ्यताओं में मशरूम का औषधीय उपयोग अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। लगभग 450 ईसा पूर्व, ग्रीक चिकित्सक हिप्पोक्रेट्स (Hippocrates) ने अमादौ (Amadou) मशरूम को सूजन कम करने और घाव भरने में उपयोगी माना। चीन के 5वीं शताब्दी के विद्वान ताओ होंगजिंग (Tao Hongjing) ने लिंग ज़ी (Ling Zhi) और झू लिंग (Zhu Ling) जैसे औषधीय मशरूम का उल्लेख किया, जिनका प्रयोग शेनॉन्ग (Shennong) द्वारा भी किया जाता था। उत्तरी अमेरिका की आदिवासी जनजातियों ने पफबॉल (Puffball) मशरूम को घाव भरने के लिए अपनाया। आधुनिक विज्ञान में मशरूम का महत्व तब और बढ़ गया जब 1928 में अलेक्ज़ेंडर फ्लेमिंग (Alexander Fleming) ने पेनिसिलिन (penicillin) की खोज की। पेनिसिलिन ने मानव इतिहास में संक्रमणरोधी औषधियों की दिशा बदल दी और यह कवक की ही देन है। इसके बाद से कवक पर हुए अनुसंधान ने अनेक प्रकार की जीवाणुनाशक और औषधीय दवाओं का विकास किया। आज मशरूम को एक “प्राकृतिक औषधि कारखाना” कहा जाता है क्योंकि यह अपने अंदर हजारों तरह के सक्रिय यौगिकों को संरक्षित रखता है। यह गुण इन्हें स्वास्थ्य और औषधि के क्षेत्र में बेहद महत्वपूर्ण बना देता है।

मशरूम के पोषण तत्व और शरीर पर उनका प्रभाव
मशरूम में पाए जाने वाले पोषण तत्व इन्हें स्वास्थ्य का खज़ाना बनाते हैं। इनका लगभग 80–90% भाग पानी होता है और 8–10% भाग फाइबर (fiber) का। मशरूम प्रोटीन (protein) का अच्छा स्रोत हैं और इनमें स्टार्च (starch), पेंटोज़ (pentose), हेक्सोज़ (hexose) जैसे कार्बोहाइड्रेट (carbohydrate) पाए जाते हैं। इनमें विटामिन सी (Vitamin C), बी-कॉम्प्लेक्स (B-Complex) [जिसमें फोलिक एसिड (Folic Acid), थायमिन (Thiamine), राइबोफ्लेविन (Riboflavin), नियासिन (Niacin) शामिल हैं], विटामिन डी (Vitamin D) और सेलेनियम (Selenium), फॉस्फोरस (Phosphorus), पोटैशियम (Potassium) जैसे खनिज होते हैं। मशरूम में कोलेस्ट्रॉल (cholesterol) नहीं होता बल्कि एर्गोस्टेरॉल (ergosterol) होता है, जो शरीर को विटामिन डी बनाने में मदद करता है। ये पोषण तत्व हड्डियों को मजबूत करते हैं, त्वचा और बालों के लिए लाभकारी हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। साथ ही, मशरूम में पाए जाने वाले अमीनो एसिड (Amino Acid) शरीर के विकास और ऊर्जा उत्पादन में मदद करते हैं। इन गुणों के कारण मशरूम को बच्चों से लेकर वृद्ध तक हर उम्र के लोगों के लिए एक संपूर्ण और स्वास्थ्यप्रद आहार माना जाता है।
औषधीय मशरूम और बीमारियों में उनके लाभकारी गुण
मशरूम के औषधीय गुण चिकित्सा विज्ञान में बेहद महत्वपूर्ण हैं। मशरूम शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं, रक्त शर्करा संतुलित रखते हैं और कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को रोकते हैं।

भारत में मशरूम की प्रमुख प्रजातियाँ और उनके लाभ
भारत में कई तरह की खाने योग्य और औषधीय मशरूम की प्रजातियाँ पाई जाती हैं। इनमें प्रमुख हैं:
संदर्भ-