मेरठ कि वास्तुकला: भारतीय, इस्लामिक और गोथिक का मेल

वास्तुकला I - बाहरी इमारतें
14-06-2017 12:00 PM
मेरठ कि वास्तुकला: भारतीय, इस्लामिक और गोथिक का मेल
जैसे की हम जानते हैं मेरठ जिला एक लम्बे समय तक अंग्रजों के अधीन रहा था। इसकी झलक यहाँ की पुरानी इमारतों तथा वास्तु कलाओं में साफ़ रूप से दिखाई देती हैं। अंग्रेजों द्वारा बनाये वस्तुओं के आलावा बेगम समरू का वास्तुकला क्षेत्र मे किया गया कार्य उल्लेखनीय है। मेरठ में अंग्रेजी वास्तुकला के आलावा इस्लामिक वास्तु भी बहुत उभर के दिखाई देती है। बेगम समरू द्वारा बनाया गया बेसलिका ऑफ़ लेडी ग्रेस वास्तु कला के रूप मे एक उत्तम उदाहरण है। यहाँ कि वास्तुकला मे एक अलग प्रकार का मिश्रण दिखता है जिसमे भारतीय कला व गोथिक वास्तु का मेल है। 1. विमेंस आईज, विमेंस हैंड मेकिंग आर्ट एण्ड आर्किटेक्चर इन मॉडर्न इन्डिया: डी. फैरचाइल्ड रुग्ग्लेस 2. हिस्ट्री ऑफ़ इंडियन आर्किटेक्चर- जेम्स फर्गुसन