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ऊपर चित्र में दिखाए गए दृश्य को मेरठ में सदर बाज़ार के पीछे आपने ज़रूर देखा होगा। यदि कोई व्यक्ति मेरठ पहली बार आता है तो सोच में पड़ जाता है कि आखिर यह है क्या, कोई बंगला, कोई संस्था, प्रशिक्षण गृह, या फिर क्या? परन्तु हर मेरठ वासी अपने शहर की सबसे पुरानी पानी की टंकी को ज़रूर पहचानता है।
1890 के दशक में बनी (1898-1899) यह पानी की टंकी अपने रूप से अपनी उम्र का पता नहीं लगने देती है। आज इसकी ज़िम्मेदारी एम.ई.एस. अर्थात मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज (Military Engineering Services) द्वारा निभाई जाती है। मानना काफी मुश्किल है परन्तु 100 वर्ष से भी अधिक वृद्ध ये टंकी आज भी अपना कर्तव्य काफी सहजता से पूरा कर रही है, अर्थात आस-पास के इलाकों में आज भी इसी टंकी से पानी की आपूर्ति होती है।
जब इस टंकी का निर्माण कराया गया था उस समय इसकी महत्ता यही बात दर्शा देती है कि अंग्रेज़ों द्वारा 1910 में जारी किये गए मेरठ छावनी के चित्रों वाले पोस्टकार्ड में इस टंकी को भी एक प्रमुख स्थान प्रदान किया गया था। इस दुर्लभ पोस्टकार्ड के चित्र को ऊपर दर्शाया गया है। यह टंकी मेरठ के मुस्तफा महल (अब: कैसल व्यू) के ठीक सामने स्थित है। मुस्तफा महल के इतिहास के बारे में गहराई से जानने के लिए यहाँ क्लिक करें- http://meerut.prarang.in/180210880
संदर्भ:
1.https://www.hindi.nyoooz.com/news/meerut/-this-water-tank-of-meerut-has-been-117-years-but-still-the-texture-remains-unchanged_122749/