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भारत के कई स्थान अपने रहस्यमयी तथ्यों और प्रेतवाधिता के लिये जाने जाते हैं। इन स्थानों में मेरठ का जीपी ब्लॉक (GP Block) भी शामिल है। इसे भारत के शीर्ष 10 प्रेतवाधित स्थानों में से एक माना जाता है। यह स्थान एक प्रसिद्ध विद्यालय के पास और शहर के कैंट क्षेत्र में एक बैंक्वेट हॉल (Banquet Hall) के पीछे स्थित है जिसके बारे में बहुत सारी किंवदंतियां हैं। इस दो मंजिला भवन में कोई भी निवास नहीं करता जिससे यह स्थान निर्जन पड़ा हुआ है।
स्थानीय लोगों के अनुसार उन्होनें यहां एक महिला की आत्मा को छत पर बैठा हुआ देखा। जबकि कुछ अन्य ने लाल रंग के कपड़े पहने हुए एक महिला को घर से बाहर निकलते हुए देखा। लोगों का यह भी कहना है कि यहां अक्सर घर के अंदर चार आदमी मोमबत्ती की रोशनी में टेबल के चारों ओर बैठकर शराब पीते दिखाई देते हैं। इस क्षेत्र से गुज़रने वाले लोगों के लिए यह सबसे आम दृश्य है। कुछ का कहना यह भी है कि उन्होंने छत पर भी कुछ लोगों को बैठे हुए देखा है। उनके अनुसार इन दृश्यों को पूरे घर में बार-बार देखा गया है। कोई भी व्यक्ति इस अज्ञात प्रेतवाधित जगह के सामने से नहीं गुज़रना चाहता तथा इससे होकर जाने वाले मार्ग का उपयोग करने में सभी कतराते हैं।
इमारत के पास स्थित विद्यालय के छात्रों ने इमारत में प्रवेश करने का बहुत प्रयास किया लेकिन उन्हें स्थानीय लोगों और पुलिस द्वारा रोक दिया गया। जिस कारण शायद अभी तक किसी को भी इस भूतिया इमारत की सच्चाई जानने का अवसर प्राप्त नहीं हो पाया है। विद्यालय के सदस्यों के अनुसार उन्होंने यहां कुछ भी अप्राकृतिक नहीं देखा है। कहा जाता है कि 1930 के दशक में यहां एक सैन्य पड़ाव हुआ करता था लेकिन उसके बाद से यह स्थान खाली पड़ा हुआ है और इस तरह इसे प्रेतवाधित करार दिया गया है।
मेरठ छावनी बोर्ड (Meerut Cantonment Board) के अनुसार इस जगह का इस्तेमाल अवैध गतिविधियों के लिये बदमाशों द्वारा किया जा रहा है और उनके काम में किसी प्रकार का कोई हस्तक्षेप न हो इसलिये उन्होंने इस जगह को भूतिया बनाया है। बोर्ड के लिये यह स्थान अब सिरदर्द बन गया है क्योंकि इसकी आड़ में कई बदमाश अवैध गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं। सुरक्षा के उद्देश्य से बोर्ड ने इमारत की सड़क के प्रवेश द्वार पर एक लोहे का गेट भी स्थापित किया है जो बहुत बड़ा है। बोर्ड के अनुसार यहां अनैतिक गतिविधियों के द्वारा बदमाशों ने खूब पैसे कमाए हैं। विभिन्न जुआरियों ने एक निश्चित राशि का भुगतान बदमाशों को कर इस इमारत का इच्छानुसार प्रयोग किया है। इमारत की देखरेख के लिये 2014 में सेना ने इमारत के भूतल पर कुछ कार्यकर्ताओं को रखा किंतु बोर्ड के अनुसार, वे भी इन अवैध गतिविधियों में संलग्न हो गये। बोर्ड ने कहा कि इमारतों का उपयोग मूल रूप से सेना द्वारा एक उप-क्षेत्र कार्यालय के रूप में किया जाता था किंतु 1950 के बाद से यह निर्जन पड़ा है जिसका फायदा बदमाश उठा रहे हैं।
क्षेत्र में रहने वाले लोग अभी भी यहां भूतों की उपस्थिति की कसम खाते हैं, लेकिन विज्ञान और मनोविज्ञान इस बात का पूरी तरह से खंडन करता है और इसीलिए यह कहना मुश्किल है कि यह जगह वास्तव में प्रेतवाधित है या अवैध गतिविधियों के लिए एक आदर्श स्थान बन चुका है।
संदर्भ:
1.http://www.ghoststoriesworld.com/indian-haunted-houses/haunted-story-of-gp-block-meerut
2.https://bit.ly/2LCce1t
3.https://bit.ly/2ZXVeXd