वास्तविक संचालित उड़ान को खुद में विकसित करने वाला एकमात्र स्तनधारी है, चमगादड़

शरीर के अनुसार वर्गीकरण
07-09-2020 09:35 AM
वास्तविक संचालित उड़ान को खुद में विकसित करने वाला एकमात्र स्तनधारी है, चमगादड़

पृथ्वी पर जीवों की अत्यंत विविधता है और इसलिए उन्हें विभिन्न समूहों में वर्गीकृत किया गया है। इन समूहों में से एक समूह स्तनधारी जीवों का भी है। स्तनधारी जीवों में प्रायः उड़ने की विशेषता नहीं होती किंतु चमगादड़ के रूप में इसका एक अपवाद हमारे सामने आता है, जिसे चिरोपटेरा (Chiroptera) नाम से भी जाना जाता है। संचालित उड़ान केवल चार बार विकसित हुई। पहले कीड़ों में, फिर पिटरोसॉरस (Pterosaurs) में, फिर पक्षियों में और अंत में चमगादड़ों में। चमगादड़, स्तनधारियों का दूसरा सबसे विविध समूह है, जो वास्तविक संचालित उड़ान को खुद में विकसित करने वाला एकमात्र स्तनधारी है। इसकी विकासवादी उत्पत्ति अभी भी कुछ रहस्यमय है, क्योंकि इनका जीवाश्म संग्रह बहुत अल्प है।

फाइलोजेनेटिक (Phylogenetic) और कार्यात्मक आंकड़े यह सुझाव देते हैं कि चमगादड़ के काल्पनिक पूर्वज निशाचर, कीटभक्षी, आर्बोरियल (Arboreal- वृक्षों से सम्बन्ध रखने वाला), ग्लाइडर (Glider-हवा में उड़ने वाले) रहे होंगे। सबसे पहले ज्ञात चमगादड़ इओसीन (Eocene) युग में दिखायी दिये थे, जिनकी लंबी पूंछ हुआ करती थी और वे प्राथमिक उड़ान के लिए अनुकूलित थे। लेकिन आमतौर पर कई कारणों से आधुनिक चमगादड़ के समान थे। हम यह अनुमान लगा सकते हैं कि चमगादड़ में वास्तविक उड़ान संभवत नेट (Net) के रूप में ग्लाइडिंग झिल्ली का उपयोग करते हुए धीरे-धीरे अपने ग्लाइडिंग आर्बोरियल पूर्वज से विकसित हुई। इंडियन फ्लाइंग फॉक्स (Indian Flying Fox) को भारत के सबसे बड़े चमगादड़ के रूप में जाना जाता है, जो कि दुनिया के सबसे बड़े चमगादड़ों में से एक है। फ्रूट बैट (Fruit Bat) के नाम से जाना जाने वाला यह स्तनधारी फ्लाइंग फॉक्स (Flying fox) की एक प्रजाति है, जो कि भारतीय उपमहाद्वीप में पायी जाती है। इसे एक रोग वाहक के रूप में देखा जाता है, क्योंकि यह मनुष्यों में कई विषाणुओं को प्रसारित करने में सक्षम है। यह रात्रिचर है और मुख्य रूप से भोजन के लिए पके फलों जैसे कि आम, केले आदि पर निर्भर है।

फलों की खेतों के प्रति विनाशकारी प्रवृत्ति के कारण इस प्रजाति को अक्सर हिंसक जीव के रूप में माना जाता है। यह एशिया महाद्वीप के बांग्लादेश, भूटान, भारत, तिब्बत, मालदीव, म्यांमार, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका क्षेत्रों में पाया जाता है तथा खुले पेड़ की शाखाओं पर बड़े पैमाने पर स्थापित कॉलोनियों (Colonies) में, विशेषकर शहरी क्षेत्रों में या मंदिरों में घूमता है तथा छोटे व्यास वाले ऊंचे पेड़ों पर बैठना पसंद करता है। इनका निवास स्थान भोजन की उपलब्धता पर अत्यधिक निर्भर है। शहरीकरण या सड़कों के चौड़ीकरण की वजह से इसकी आबादी को लगातार विनाश की आशंका है। पेड़ पर बनाए गये बसेरे अक्सर गिर जाते हैं, जिसकी वजह से इनकी कॉलोनियां बिखर जाती हैं। बड़ी कॉलोनियों की तुलना में छोटी कॉलोनियाँ अधिक समय तक बनी रहती हैं, क्योंकि बड़ी कॉलोनियों में उनके बसेरे अधिक तेज़ी से गिरते हैं। चमगादड़ को बहुत खराब माना जाता है क्योंकि ये कई विषाणुओं, जो कि जीवों में रोग उत्पन्न करते हैं, के लिए वाहक की भांति कार्य करते हैं। रेबीज (Rabies), निपाह (Nipah), हेंड्रा (Hendra), इबोला (Ebola) और मारबर्ग (Marburg) सभी चमगादड़ द्वारा धारण किये गए विषाणु हैं, जो मनुष्यों में गंभीर बीमारी का कारण बन सकते हैं। मारबर्ग और इबोला विषाणु के कुछ उपभेदों से संक्रमित मनुष्यों की 80-90% तक मौत हो सकती है। इन बीमारियों के प्रसार के लिए केवल चमगादड़ ही नहीं बल्कि मनुष्य भी उत्तरदायी है क्योंकि मनुष्यों ने चमगादड़ क्षेत्र पर कब्जा किया है, जिसके कारण इन जानवरों के संपर्क का खतरा बढ़ गया है। चमगादड़ों ने स्वयं में परिष्कृत रक्षा तंत्र विकसित किया है, जो उन्हें बीमारी से बचाने के लिए सुविधाजनक रूप से मदद करता है।

वर्तमान समय में पूरा विश्व कोरोना महामारी के संकट से ग्रसित है, और इसकी शुरूआत के साथ इसके सम्बंध में कई भ्रम भी उभरे। उदाहरण के लिए मेरठ में हुई वह घटना जिसमें एक युवक ने फ्रूट बैट को यह सोचकर मार डाला कि वह कोरोना विषाणु के संक्रमण को फैलाने के लिए उत्तरदायी है। चूंकि इस समय तक कोरोना विषाणु के संक्रमण के पीछे छिपे कारण की पुष्टि नहीं हो पायी थी इसलिए इस प्रकार के भ्रम को समाप्त करने के लिए वन प्रभाग ने लोगों को, विशेष रूप से स्कूली बच्चों को जागरूक करने के लिए एक अभियान शुरू किया, जिसमें उन्होंने बताया कि फ्रूट बैट और कोरोना विषाणु के बीच कोई सम्बंध नहीं है, ताकि फ्रूट बैट को इस प्रकार की घटनाओं से सुरक्षित रखा जा सके। फ्रूट बैट या इंडियन फ्लाइंग फॉक्स, मेगाबैट (Megabat) परिवार का एक हिस्सा है। मेगाबैट प्रजातियों को प्रकृति के संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय संघ (International Union for Conservation of Nature-IUCN) द्वारा ‘संकटग्रस्त’ रूप में सूचीबद्ध किया गया है। इसकी कुछ प्रजातियों को “गंभीर रूप से संकटग्रस्त’, कुछ को ‘लुप्तप्राय’ और कुछ को ‘असुरक्षित’ रूप में भी सूचीबद्ध किया गया है।

संदर्भ:
https://timesofindia.indiatimes.com/city/meerut/forest-dept-plans-no-fruit-bat-coronavirus-link-campaign/articleshow/73913809.cms
https://en.wikipedia.org/wiki/Indian_flying_fox
https://ucmp.berkeley.edu/vertebrates/flight/bats.html
https://www.iflscience.com/plants-and-animals/why-do-bats-transmit-so-many-diseases/

चित्र सन्दर्भ :
मुख्य चित्र में इंडियन फ्लाइंग फॉक्स चमगादड़ को दिखाया गया है। (Pexels)
दूसरे चित्र में पिटरोसॉरस (Pterosaurs) के जीवाश्मों को दिखाया गया है। (Publicdomainpictures)
तीसरे चित्र में इंडियन फ्लाइंग फॉक्स चमगादड़ के जोड़े को दिखाया गया है। (Unsplash)
चौथे चित्र में इंडियन फ्लाइंग फॉक्स (Indian Flying Fox) चमगादड़ की उड़ान को दिखाया गया है। (Pickist)