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प्रत्येक फल का वजन लगभग 6 किलोग्राम होता है। असाही यामातो किस्म को जापान से यहां पेश किया गया था। इसका मांसल भाग गहरे गुलाबी रंग का तथा मीठा होता है। इसमें गहरे हरे रंग की धारियां मौजूद होती हैं। दुर्गापुरा केसर किस्म के फलों का वजन लगभग 4-5 किलोग्राम होता है। अन्य फलों के विपरीत, इन फलों का गूदा पीला होता है, जो बहुत मीठा नहीं होता है। दुर्गापुरा मीठा किस्म के फल मीठे-लाल गूदे के साथ हल्के हरे रंग के होते हैं। प्रत्येक फल का वजन लगभग 6-8 किलोग्राम होता है। सुगर बेबी किस्म को संयुक्त राष्ट्र अमेरिका (America) से यहां लाया गया है। इसके फल गोल होते हैं, जो लगभग 4-6 किलोग्राम वजन के हो सकते हैं। पूसा बेदाना किस्म एक संकर किस्म है, जो कि, मोटी और गहरे हरे रंग के गूदे के साथ बीज-रहित होती है। तरबूज की खेती करने के लिए गर्म जलवायु की आवश्यकता होती है। पौधों की वृद्धि के लिए 25-30°C के बीच का तापमान उपयुक्त होता है। इसके अलावा, 10°C से कम तापमान में इनकी खेती नहीं की जा सकती है। तरबूज बलुआ, बलुई-चिकनी, मध्यम काली या जलोढ़ मिट्टी में वृद्धि कर सकता है। इसके लिए मिट्टी का pH 6.0-7,5 के बीच होना चाहिए तथा मिट्टी सूखी और कार्बनिक पदार्थों से समृद्ध होनी चाहिए। इन्हें सूरज की पर्याप्त रोशनी तथा हर हफ्ते पानी की भरपूर मात्रा आवश्यक होती है। पानी केवल इसकी जड़ों को ही देना चाहिए, क्यों कि, अन्य भागों के भीगने पर इसका पौधा मुरझा सकता है। उपयुक्त वृद्धि के लिए पौधे को उर्वरकों की आवश्यकता भी होती है, किंतु उर्वरक की मात्रा मिट्टी की गुणवत्ता, मौसम और जलवायु पर निर्भर करता है। गाय के गोबर से बनी खाद इसके लिए उपयुक्त मानी जाती है। यूं, तो तरबूज का आकार गोल होता है, किंतु क्या आपने कभी वर्गाकार तरबूज देखें हैं? जापानी (Japanese) किसानों द्वारा वर्ग के आकार के तरबूज भी उगाये जाते हैं। इन्हें उगाने के लिए बेलों पर वृद्धि करते तरबूज के चारों ओर एक चौकोर, टेम्पर्ड ग्लास बॉक्स (Tempered glass box) रखा जाता है। जब तरबूज बड़ा हो जाता है, तब यह बॉक्स का आकार ले लेता है। इसे मुख्य रूप से छोटे जापानी रेफ्रिजरेटर (Refrigerator) के अंदर पूरी तरह से फिट (Fit) होने के लिए डिज़ाइन (Design) किया गया है। इसके अलावा इन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान में ले जाने में भी आसानी होती है, इसलिए जापान में वर्गाकार तरबूज उगाये जाते हैं। तरबूज में 90% पानी और कई महत्वपूर्ण इलेक्ट्रोलाइट्स (Electrolytes) होते हैं, इसलिए, यह एक हाइड्रेटिंग एजेंट (Hydrating agent) के रूप में काम करता है। इसके अलावा, यह फाइबर (Fibers) से भरपूर होता है, जो पाचन में सहायता कर सकता है। इस फल में विभिन्न कैरोटीनॉयड (Carotenoids) मौजूद होते हैं, जिनमें लाइकोपीन (Lycopene) भी शामिल है। इस कैरोटीनॉयड में एंटी-इंफ्लेमेटरी (Anti-inflammatory) गुण होते हैं। इसमें विटामिन C (vitamin C) भी भरपूर मात्रा में होता है, जो प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। इसमें विटामिन B6 भी होता है, जो एंटीबॉडी (Antibodies) और आरबीसी (RBCs) के उत्पादन में प्रतिरक्षा प्रणाली की सहायता करता है। तरबूज में विटामिन A की मात्रा संक्रमण को रोकने में मदद करती है। विटामिन A और C नई त्वचा कोशिकाओं की मरम्मत और निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। इसके अलावा यह फल वजन घटाने में भी महत्वपूर्ण है। इसमें मौजूद पानी की उच्च मात्रा शरीर की चयापचय प्रक्रिया को बढ़ाने और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद कर सकता है। इस फल से ऊर्जा प्रदान करने वाले अनेकों पेय बनाए जा सकते हैं।
संदर्भ: