मेरठ का इतिहास

मध्यकाल : 1450 ई. से 1780 ई.
04-05-2017 12:00 PM
मेरठ का इतिहास
मेरठ जिले की प्राचीनता सैन्धव सभ्यता तक जाती है| यहाँ के पुरस्थलों के उत्खननो व अन्वेषणों से ये तथ्य प्रकाश में आये हैं| आलमगीरपुर जो की सिन्धु सभ्यता से जुड़ा पुरातात्विक स्थल है के उत्खनन के दौरान मिले पुरासम्पदाओं के अध्ययन से इसके ठोस प्रमाण मिलते है। मेरठ जिले में बौद्ध धर्म के भी कई अवशेष प्राप्त हुए हैं जिनमे वर्तमान के जामा मस्जिद के आस-पास का क्षेत्र है| मुगलिया सल्तनत के दौरान भी मेरठ एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र था| आइने अकबरी मे मेरठ का उल्लेख इस बात कि पुष्टि करता है। मेरठ मे कांसे के सिक्को की टकसाल भी अकबर के समय मे बनाया गया था| मेरठ मे रोहिल्लाओं और जाटों का भी प्रभाव बड़े पैमाने पर रहा था| ब्रितानी साम्राज्य के वाल्टर रिन्हार्ड ने मेरठ के सरदाना मे अपना साम्राज्य स्थापित किया था, उसकी मृत्यु के बाद बेगम सुमरू ने कार्यभार संभाला| 1857 के गदर मे मेरठ की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही थी|