धर्म की अवधारणा, मानव अस्तित्व के सिद्धांत सीखिए रामायण के मूल व्याकरण व् काण्डों को समझकर

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धर्म की अवधारणा, मानव अस्तित्व के सिद्धांत सीखिए रामायण के मूल व्याकरण व् काण्डों को समझकर

रामायण और महाभारत दो ऐसे महाकाव्य हैं, जिन्हें सनातन धर्म का आधार स्तंभ माना जाता है! रामायण हमें आदर्श सेवक, आदर्श भाई, आदर्श पत्नी और आदर्श राजा जैसे आदर्श चरित्रों का चित्रण करते हुए संबंधों के कर्तव्यों का पालन करना सिखाती है। किंतु रामायण में दिए गए श्लोकों को सही अर्थों में समझने के लिए यह बेहद जरूरी है कि, हम इस महाकाव्य की मूलभूत बारीकियों को क्रमानुसार समझें।
रामायण एक प्राचीन भारतीय महाकाव्य है जो संस्कृत साहित्य की श्रेणी से संबंधित है। इसे हिंदू ऋषि वाल्मीकि द्वारा लिखा गया था। रामायण नाम, राम और अयन ("जाना, आगे बढ़ना") का एक तत्पुरुष यौगिक है, जिसका अनुवाद "राम की यात्रा" होता है। रामायण में सात पुस्तकों (कांडों) और 500 सर्गों में 24,000 छंद हैं। रामायण भगवान विष्णु के अवतार प्रभु श्री राम की कहानी बताती है, जिनकी पत्नी सीता का लंका के राक्षस राजा रावण द्वारा अपहरण कर लिया जाता है। यह महाकाव्य मानव अस्तित्व के सिद्धांतों और धर्म की अवधारणा की खोज करता है। रामायण को 32-शब्दांश मीटर में लिखा गया है जिसे “अनुष्टुभ्” कहा जाता है और इसमें दार्शनिक तथा भक्ति तत्वों के साथ प्रस्तुत प्राचीन हिंदू संतों की शिक्षाएँ शामिल हैं। अनुष्टुभ् संस्कृत काव्य में प्रयुक्त एक प्रकार का छंद है। मूल रूप से, एक अनुष्टुभ छंद चार पंक्तियों की एक चौपाई है। प्रत्येक पंक्ति, जिसे पद (अक्षर "फुट") कहा जाता है, में आठ शब्दांश होते हैं।
अनुष्टुप छन्द, संस्कृत काव्य में सर्वाधिक प्रयुक्त छन्द है, इसका प्रयोग वेदों में भी किया गया है। गीता के श्लोक भी अनुष्टुप छन्द में हैं। आदि कवि वाल्मिकी द्वारा उच्चारित प्रथम श्लोक (मा निषाद प्रतिष्ठा) भी अनुष्टुप छन्द में है। रामायण, महाभारत तथा गीता के अधिकांश “श्लोक” अनुष्टुप छन्द में ही लिखे गए हैं।
भारतीय साहित्य में, “श्लोक” कविता के एक विशिष्ट रूप को संदर्भित करता है। श्लोक शब्द संस्कृत मूल श्रु से आया है, जिसका अर्थ "सुनना।" होता है। एक व्यापक अर्थ में, यह किसी कहावत या कहावत सहित किसी भी छंद को संदर्भित करता है। एक श्लोक आमतौर पर एक 32-पंक्ति का छंद होता है। इसमें चार चौथाई छंद होते हैं, जिनमें से प्रत्येक में आठ शब्दांश होते हैं, या दो अर्ध-छंद होते हैं जिनमें से प्रत्येक में 16 शब्दांश होते हैं। श्लोक 'अनुष्टुप छ्न्द' का पुराना नाम भी है। श्लोक को भारतीय महाकाव्य का आधार और भारतीय पद्य का उत्कृष्ट रूप माना जाता है। इसका उपयोग महाभारत, रामायण, पुराणों, स्मृतियों और हिंदू धर्म के वैज्ञानिक ग्रंथों जैसे सुश्रुत संहिता और चरक संहिता जैसे कार्यों में किया जाता है। संस्कृत वाल्मीकि रामायण के पाठ में लगभग 24,000 श्लोक हैं।
महाकाव्य रामायण पारंपरिक रूप से सात कांडों (पुस्तकों) में विभाजित है, जिनकी सूची निम्नवत दी गई हैं: १. बालकाण्ड- इस भाग में भगवान राम और उनके भाई-बहनों, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न की उत्पत्ति और उनके बचपन के दिनों का वर्णन किया गया है। इस काण्ड में माता सीता से प्रभु श्री राम के विवाह की कहानी और उन राक्षसों के विनाश की कहानी भी शामिल है जो विश्वामित्र को यज्ञ करने से रोक रहे थे। २.अयोध्याकाण्ड- इस काण्ड की कहानी प्रभु श्री राम के चौदह वर्ष के वनवास की ओर ले जाती हैं। इसमें दर्शाया गया है कि किस प्रकार प्रभु श्री राम पूर्ण शांति और संयम के साथ वनवास स्वीकार करते हैं। ३.अरण्यकाण्ड- इस कांड में अपने चौदह वर्ष के वनवास के दौरान अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ प्रभु श्री राम के जीवन की कहानी को दर्शाया गया। इसमें राक्षस राजा रावण द्वारा सीता का अपहरण भी शामिल है। ४.किष्किन्धाकाण्ड- इस भाग में वानर योद्धा महाबली हनुमान से प्रभु श्री राम की मुलाकात और राक्षस राजा रावण से सीता को छुड़ाने की उनकी यात्रा की कहानी दर्शायी गई है। ५.सुन्दरकाण्ड - इस काण्ड में माता सीता को खोजने के लिए हनुमान की लंका यात्रा और राक्षस राजा रावण के साथ उनकी मुठभेड़ की कहानी दर्शायी गई है। इस कांड को रामायण का सबसे सुंदर और काव्यात्मक खंड माना जाता है। ६.लंकाकाण्ड - इस काण्ड में माता सीता को बचाने के लिए प्रभु श्री राम और रावण के बीच हुए महायुद्ध की कहानी वर्णित है। साथ ही इसमें रावण पर राम की जीत और सीता के साथ उनका पुनर्मिलन भी शामिल है। ७.उत्तरकाण्ड- उत्तरकाण्ड राम कथा का उपसंहार है। इसमें प्रभु श्री राम के अयोध्या लौटने, राजा के रूप में उनके राज्याभिषेक (राम राज्य की परिभाषा व् उल्लेख), और उनके भाइयों और पत्नी सीता के साथ उनके पुनर्मिलन की कहानी वर्णित है। साथ ही इसमें राम के दो पुत्र लव और कुश का जन्म भी शामिल है।

संदर्भ
https://bit.ly/3zeNrb0
https://bit.ly/3M1aaPG
https://bit.ly/3JUtXh5

चित्र संदर्भ
1. श्री राम के अयोध्या से गमन को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
2. “अनुष्टुभ्” को संदर्भित करता एक चित्रण (youtube)
3. बालकाण्ड को दर्शाता एक चित्रण (Store norske leksikon)
4. अजमेर जैन मंदिर में पौराणिक अयोध्या का एक सोने की नक्काशी को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. सीता अपहरण को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
6. कंबोडिया में बंतेय श्रेई में एक पत्थर की आधार-राहत बालि और सुग्रीव (मध्य) के बीच युद्ध को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
7. हनुमान और माता सीता को दर्शाता एक चित्रण (Creazilla)
8. राम और रावण युद्ध को दर्शाता एक चित्रण (Flickr)
9. रामायण का जाप करते लव और कुश को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)