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                                             डिजिटल युग (Digital Age) या सूचनात्मक युग, मानव इतिहास में एक ऐसा काल है, जो पारंपरिक औद्योगीकरण के बजाय, सूचना एवं कंप्यूटर (Computer) करण पर आधारित अर्थव्यवस्था में तब्दील हुआ है। इंटरनेट ने व्यक्तिगत कंप्यूटर के आविष्कार के साथ ही, माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स (Microelectronics) के उपयोग को आगे बढ़ाने का भी मार्ग प्रशस्त कर दिया है। इसके अलावा आवाज़, छवि, ध्वनि और डेटा भी डिजिटल हो गए हैं।
अतः हमें प्रागैतिहासिक युग से लेकर डिजिटल युग तक हुए, नए आविष्कारों पर विचार करने और उन पर जोर देने की जरूरत है। पारंपरिक संचार मीडिया जिसमें टेलीविजन, रेडियो एवं समाचार पत्र आदि, के विपरीत, डिजिटल या ऑनलाइन मीडिया, वह मीडिया है, जिसे एन्कोड (Encode) किया गया है और जिसे डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों (Electronic devices) पर वितरित और संग्रहीत किया जा सकता है तथा देखा भी जा सकता है। इस तकनीक ने विपणकों को, उपभोक्ताओं तक पहुंचने के लिए नए चैनल बनाकर मदद की है। 
हालांकि, ऑनलाइन मीडिया के उदय और उपभोक्ता रुझानों में आए बदलाव के साथ, पारंपरिक मीडिया की अधिकांश प्रसिद्धि खो गई है। संयुक्त राज्य अमेरिका (United States of America) में 2023 में डिजिटल मीडिया पर लोगों द्वारा व्यय किया गया समय, प्रतिदिन आठ घंटे से अधिक बढ़ गया है। जबकि, पारंपरिक मीडिया की खपत इस वर्ष में, अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। डिजिटल मीडिया चैनलों तक अधिक लोगों की पहुंच का मतलब, विज्ञापनदाताओं को व्यापक दर्शकों तक पहुंचने का एक अधिक अवसर भी हैं। 
ऑनलाइन कंटेंट (Online Content) बनाना और प्रकाशित करना, आम तौर पर पारंपरिक मीडिया की तुलना में अधिक सुलभ और लागत प्रभावी है। इसके लिए न्यूनतम संसाधनों की आवश्यकता होती है।
इसके अलावा, ऑनलाइन विज्ञापन देना पारंपरिक विज्ञापन की तुलना में काफ़ी सस्ता होता है।  सामाजिक माध्यम या सोशल मीडिया (Social Media) जैसे ऑनलाइन माध्यमों पर दिए जाने वाले विज्ञापनों के लिए औसत सीपीएम (Cost-per-thousand impressions) केवल 3 डॉलर ही है। जबकि, 30 सेकंड के एक रेडियो विज्ञापन के लिए, इसकी न्यूनतम कीमत, कम से कम 25 डॉलर है। जिस कारण, यह विज्ञापन दाता के लिए महंगा हो सकता है। अतः विज्ञापन दाता ऑनलाइन विज्ञापन के बारे में सोचते हैं। 
ऑनलाइन मीडिया विभिन्न स्वरूपों में व्याप्त है। जैसे कि, वेबसाइट (Website), सोशल मीडिया, ब्लॉग (Blog), ऑनलाइन समाचार पोर्टल (Portal), स्ट्रीमिंग (Streaming) सेवाएं और अन्य बहुत कुछ इसमें शामिल हैं। इसके अलावा, ऑनलाइन मीडिया किसी भी समय उपलब्ध होती है। उपयोगकर्ता इन माध्यमों तक अपने स्मार्टफोन (Smartphone), टैबलेट (Tablet) और कंप्यूटर जैसे विभिन्न उपकरणों से चौबीसों घंटे पहुंच सकते हैं। ऑनलाइन मीडिया, पारंपरिक मीडिया की तुलना में अधिक संवादात्मक है। ये मंच सीधे उपभोक्ता से ही संचार करने के काबिल होते हैं। वास्तविक समय के विश्लेषण के साथ, विज्ञापनदाता और प्रकाशक अपने विज्ञापनों पर विस्तार से नज़र रख सकते हैं, जिससे उन्हें अपने बजट को बेहतर ढंग से मापने और क्रमबद्ध करने की अनुमति मिलती है। इसके अलावा, जब किसी ब्रांड (Brand) की ऑनलाइन प्रसिद्धि हो जाती है, तो यह उपभोक्ताओं को उत्पादों पर शोध करने तथा खरीदारी करने से पहले, उपयोगकर्ता समीक्षाओं की जांच करने की भी अनुमति भी देता है। इससे उपभोक्ता का विश्वास बनने और ग्राहकों के साथ संबंध मजबूत करने में मदद मिलती है। 
ऑनलाइन विज्ञापन के माध्यम से, लक्षित दर्शकों तक पहुंचना पहले से कहीं अधिक आसान हो गया है। अपने दर्शकों के साथ, बातचीत करने की क्षमता बेहतर सामग्री गुणवत्ता तथा नियंत्रण को बढ़ावा देती है। प्रतिक्रिया प्राप्त करने से निगमों को दर्शकों की इच्छा के अनुसार अपनी सामग्री तैयार करने में भी मदद मिलती है। 
एक दूसरा मुद्दा, ओटीटी (OTT- Over-the-Top) मंच की वृद्धि का भी हैं। मीडिया पार्टनर्स एशिया (Media Partners Asia) द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय ओटीटी वीडियो (Video) बाजार 2022 में, 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर के कुल राजस्व के साथ अपने विकास के दूसरे चरण में है। साथ ही अब तक ओटीटी ने मनोरंजन उद्योग के शेयर एवं राजस्व के 7-9% हिस्से पर कब्जा कर लिया है। इसके पीछे कई कारण हैं, आइए जानते हैं।
इंटरनेट के तेजी से विस्तार एवं विकास ने भारत में ओटीटी मंचों की भारी लोकप्रियता में योगदान दिया है। ये कारक, पारंपरिक वितरण और मीडिया नेटवर्क को एक किनारे पर खड़ा करते हुए, ओटीटी मंचों को सीधे दर्शकों तक सामग्री पहुंचाने में सक्षम बनाते हैं।
चूंकि, अभी 2–3 वर्षों पहले लोग के कोविड-19 महामारी के दौरान अपने घरों में ही होने के कारण, ओटीटी मंचों को स्वीकृति और लोकप्रियता मिली है। 
ओटीटी मंच चलते-फिरते मीडिया को स्ट्रीम (Stream) करने की क्षमता के अलावा अन्य कई लाभ प्रदान करते हैं। हम कम कीमत पर विज्ञापन-मुक्त सेवाओं का आनंद उठा सकते हैं तथा अपने डिवाइस (Device) पर ही इस कंटेंट (Content) तक पहुंच सकते हैं। 
कई फ़िल्में एवं टेलीविज़न कार्यक्रम इन ओटीटी मंचों पर उपलब्ध होते हैं। एक अन्य महत्वपूर्ण कारक, जिसने इस स्ट्रीमिंग उद्योग के लगातार बढ़ते ग्राहक एवं प्रशंसक आधार में योगदान दिया है, वह मल्टी-स्क्रीन (Multi–Screen) ओटीटी अनुभव है। 
सही गुणवत्ता एवं नवीनतम सामग्री के कारण कई लोग इन मंचों की ओर आकर्षित होते हैं। ओटीटी ने कुछ रचनाकारों व कलाकारों के लिए भी अवसर प्रदान किए हैं, जो सिनेमा या मनोरंजन में बदलाव के कारण अपनी प्रासंगिकता खो चुके थे। 
जब ओटीटी सेवाओं की बात आती है, तो हम भारतीयों के पास अब कई मंचों का विकल्प है। हमारे देश में, नेटफ्लिक्स (Netflix), अमेज़ॅन प्राइम वीडियो (Amazon Prime Video), डिज़नी+हॉटस्टार (Disney+ Hotstar), एएलटीबालाजी (ALTBalaji), ज़ी 5 (Zee 5), अहा (Aha), वूट (Voot), सोनीलिव (SonyLIV), वीयू (Viu), होइचोई (Hoichoi) आदि प्रमुख ओटीटी प्रदाता हैं। 
 
 
संदर्भ 
https://tinyurl.com/vww5wvn5 
https://tinyurl.com/52yfc7bt 
https://tinyurl.com/3xy7xy3y 
 
चित्र संदर्भ 
1. मोबाइल चलाते युवा को दर्शाता चित्रण (Wikimedia) 
2. डिजिटल मीडिया बाइनरी कोड को दर्शाता चित्रण (Wikimedia) 
3. सोशल मीडिया मंचों को दर्शाता चित्रण (Wikimedia) 
4. मोबाइल चलाते भारतीय युगल को दर्शाता चित्रण (pixels) 
5. मोबाइल में वीडियो रिकॉर्ड करते लोगों को दर्शाता चित्रण (Dries Buytaert) 
6. मोबाइल पर चल रही फिल्म को दर्शाता चित्रण (Trusted Reviews) 
7. साथ में फिल्म देखते युवाओं को दर्शाता चित्रण (Plann)