नर्सरी के पौधों जैसा सदाबहार हो सकता है, हमारे राज्य में बागवानी का व्यवसाय

फूलदार पौधे (उद्यान)
02-09-2023 09:50 AM
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नर्सरी के पौधों जैसा सदाबहार हो सकता है, हमारे राज्य में बागवानी का व्यवसाय

बागवानी पौधों को उगाने और विकसित करने का अभ्यास होता है। ऐसे बगीचों में पौधे अक्सर ही उनके फूलों पत्तों या उनके समग्र स्वरूप से मिलने वाले फायदों के लिए उगाए जाते हैं। इनमें कुछ उपयोगी पौधे, जैसे कि, जड़ वाली सब्जियां, पत्तेदार सब्जियां, फल और जड़ी-बूटियां, उनके उपभोग, रंगों के रूप में उपयोग, औषधीय या फिर प्रसाधन सामग्री में उपयोग के लिए उगाई जाती हैं।
बागवानी का दायरा फलों के बगीचों से लेकर एक या एक से अधिक विभिन्न प्रकार की झाड़ियों, पेड़ों और जड़ी-बूटियों के पौधों के साथ, आवासीय घर उद्यान, जिसमें लॉन (Lawn) और बुनियादी रोपण शामिल हो के साथ ही कंटेनर गार्डन (Container garden) तक होता है। बागवानी में केवल एक प्रकार के पौधे उगाए जाते हैं, या मिश्रित रोपण में विभिन्न प्रकार के पौधे भी उगाए जा सकते हैं। इसमें पौधों की देखभाल में हमारी सक्रिय भागीदारी शामिल होती है, और यह श्रम-गहन होता है। इससे, यह खेती या वानिकी से अलग है। इस वर्ष अर्थात 2023 में, लॉन और गार्डन (Lawn & Garden) बाज़ार में 14.23 बिलियन अमेरिकी डॉलर का राजस्व हो गया है। साथ ही, यह बाज़ार सालाना 4.80% की दर के साथ बढ़ने की उम्मीद है। वैश्विक तुलना में, इस क्षेत्र में सबसे अधिक राजस्व संयुक्त राज्य अमेरिका (United States of America) में उत्पन्न होता है, जो कि, 2023 में 129.30 बिलियन अमेरिकी डॉलर हैं।
अतः वनस्पति नर्सरी या प्लांट नर्सरी (Plant Nursery) व्यवसाय शुरू करना, अतिरिक्त आय पाने का एक शानदार तरीका हो सकता है। भारत में नर्सरी एक लाभदायक व्यवसाय है। देश में पौधों की मांग प्रतिदिन बढ़ रही है। भारत जैव विविधता में समृद्ध है और इनमें से कई पौधे नर्सरी में उगाये जा सकते हैं। इसके अलावा, भारत के विभिन्न क्षेत्रों में जलवायु और मिट्टी की स्थिति अलग-अलग हैं, जो विभिन्न प्रकार के पौधों को उगाने के लिए आदर्श परिस्थिति प्रदान करती हैं। इसके अलावा, भारत में इस व्यवसाय में सरकारी समर्थन भी है। हमारे राज्य उत्तर प्रदेश में भी नर्सरी व्यवसाय स्थापित करने की कामना रखने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर है। केंद्र सरकार के “एकीकृत बागवानी विकास मिशन” के तहत, नर्सरी व्यवसाय स्थापित करने की इच्छा रखने वाले लोगों को प्रोत्साहित करने हेतु, राज्य के 45 जिलों में एक अभियान शुरू किया गया है। इस पहल के तहत, केंद्र सरकार 60% और राज्य सरकार 40% सब्सिडी (Subsidy) अथवा सहायिकी प्रदान करेंगे।
इस योजना के तहत, दो अलग-अलग प्रकार की नर्सरी स्थापित की जा सकती हैं। आप सौ लाख रुपये की लागत वाली, एक हाई-टेक या अच्छी नर्सरी या फिर पंद्रह लाख रुपये की लागत वाली, एक छोटी नर्सरी स्थापित कर सकते है। एक हाई-टेक नर्सरी के लिए एक से चार हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता होती है। इसके लिए, सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमियों को 100% सब्सिडी मिलेगी, जबकि निजी उद्यमियों को 40 लाख रुपये की सब्सिडी मिल सकती है। जबकि, एक छोटी नर्सरी स्थापित करने हेतु, एक एकड़ (0.4 हेक्टेयर) भूमि की आवश्यकता होती है। इस श्रेणी के लिए अधिकतम सब्सिडी 7.5 लाख रुपये है, तथा शेष राशि का बंदोबस्त बैंक द्वारा प्राप्त ऋण द्वारा किया जा सकता है। नर्सरी व्यवसाय कृषि विभाग के अंतर्गत आता है, और अतः इसे शुरू करने के लिए, आपको कृषि लाइसेंस (Licence) की आवश्यकता होगी। हमारी राज्य सरकार हमें कानूनी कृषि लाइसेंस प्रदान करेगी। इसके अलावा, नीचे कुछ महत्त्वपूर्ण लाइसेंस की सूची दी गई हैं, जिनकी नर्सरी व्यवसाय को शुरू करने के लिए आपको आवश्यकता होती है।
1.भूमि अनुज्ञा-पत्र: अपना नर्सरी व्यवसाय शुरू करने के लिए, आपको अपने शहर के स्थानीय प्राधिकरण से भूमि अनुज्ञा पत्र या परमिट (Land Permit) प्राप्त करना होगा।
2.राज्य सरकार प्राधिकरण द्वारा निरीक्षण: अपनी भूमि का परमिट प्राप्त करने के बाद, हमें कृषि विभाग से संबंधित, अपने राज्य सरकार प्राधिकरण द्वारा निरीक्षण के लिए जाना होता है।
3. बिजली के उपयोग की अनुमति: हमारे स्थानीय बिजली बोर्ड से, व्यावसायिक उपयोग के लिए बिजली का उपयोग करने की अनुमति प्राप्त करना भी आवश्यक कदम होता है।
इसके अलावा, अपना एक सफल नर्सरी व्यवसाय शुरू करने से पहले, आपको निम्नलिखित चरणों का पालन करना होगा।
उपयुक्त भूमि की पहचान करें: नर्सरी के विकास के लिए बुनियादी कृषि भूमि आवश्यकताओं पर ध्यान दिया जाना चाहिए। जैसे कि, मिट्टी की उर्वरता, पोषण, नमी की मात्रा, गैर-विषाक्तता और दीमक तथा अन्य कीड़ों की अनुपस्थिति आदि कारकों की जांच आपको अवश्य करनी होगी। मिट्टी: अपने पौधों और पेड़ों को अच्छी तरह एवं स्वस्थ रूप से विकसित करने हेतु, सही मिट्टी प्रदान करना एक आवश्यक कदम है। मिट्टी की सही मात्रा और गुणवत्ता का चयन आवश्यक होता है। भूमि को अधिक उपजाऊ बनाने के लिए, पारंपरिक जुताई विधियों का उपयोग करें। अगर आपकी मिट्टी प्राकृतिक है, तो उसमें उचित मात्रा में खाद और नमी के साथ, अधिक स्वस्थ मिट्टी डालने से पौधों में नाटकीय रूप से वृद्धि होगी।
पौधे और बीज प्राप्त करना: आपको वांछित पौधों के बीज अथवा पौधों की आवश्यकता होगी। यदि आप मौजूदा पौधों से तने काटना चाहते हैं, तो सही तकनीक का उपयोग करना महत्वपूर्ण है। बीज बोते समय, पौधों के बीच उचित जगह छोड़ें, ताकि वे स्वतंत्र रूप से बढ़ सकें और पर्याप्त पोषक तत्व एवं सूरज की रोशनी प्राप्त कर सकें।
उपकरण: पौधों को काटने और आकार देने के लिए, सरल उपकरण आपकी नर्सरी में हर समय रखे जाने चाहिए। इसके अलावा, आपको जुताई, खाद डालने, कीटनाशक के छिड़काव हेतु भी कुछ उपकरणों की आवश्यकता होगी।
उर्वरक और संबंधित रसायन: अपने पौधों को कीड़ों से प्रभावित होने से बचाने के लिए, कीटनाशकों और अन्य रसायनों का उपयोग करें। हालांकि, इनका उपयोग सीमित ही रखें, क्योंकि, यह पौधों और मिट्टी दोनों के लिए हानिकारक हो सकता है। दूसरी ओर, उर्वरक पौधों के विकास में सहायता करते हैं। वे पौधों की उचित वृद्धि सुनिश्चित करते है और उन्हें आवश्यक खनिज प्रदान करता है। इस उद्देश्य के लिए आदर्श खाद जैविक खाद हैं, जबकि, कृत्रिम उर्वरकों का भी उपयोग किया जाता है।
श्रमिकों की जरूरत: आपको अपनी नर्सरी में विभिन्न प्रकार के कार्यों को पूरा करने के लिए श्रमिकों की आवश्यकता होगी। आपको रोपण, कीटनाशक छिड़काव, सिंचाई, छंटाई, निराई और आपके पौधे के विकास से संबंधित अन्य कार्यों में मदद करने के लिए श्रमिकों की आवश्यकता होती हैं।
अपने व्यवसाय का विपणन करना: एक बार जब आप अपनी नर्सरी स्थापित कर लेते हैं, तो समाचार देने का समय आ जाता है। आप अख़बार में विज्ञापन दे सकते हैं, घर-घर जाकर प्रचार कर सकते हैं या अपनी वेबसाइट (Website) भी बना सकते हैं। भारत में पौधों की नर्सरी का व्यवसाय कई संभावित लाभों के साथ एक बेहतरीन व्यावसायिक अवसर है। सही योजना और कार्यान्वयन के साथ, आपकी नर्सरी सफल और लाभदायक हो सकती है। अपने व्यवसाय को सही स्थिति में लाने के लिए लागत, वांछित पौधों के प्रकार का चयन, लाइसेंस आवश्यकताओं और विभिन्न करों पर शोध करना जरूर सुनिश्चित करें।

संदर्भ
https://tinyurl.com/5fpjmm64
https://tinyurl.com/yc78kc8p
https://tinyurl.com/y2rm2hm
https://tinyurl.com/58mu4987
https://tinyurl.com/286ewmhj

चित्र संदर्भ
1. कंटेनर गार्डन को दर्शाता चित्रण (Wikimedia)
2. घर के पीछे उगाए जा रहे पौंधो को दर्शाता चित्रण (Wikimedia)
2. फूलों को पानी देती महिला को दर्शाता चित्रण (Flickr)
3. नर्सरी को दर्शाता चित्रण (Wallpaper Flare)
4. नर्सरी में उग रहे नन्हें पौंधो को दर्शाता चित्रण (PixaHive)