पैरिस शांति समझौते ने 20 वर्षों तक चले कंबोडिया-वियतनाम युद्ध को कैसे समाप्त किया?

औपनिवेशिक काल और विश्व युद्ध : 1780 ई. से 1947 ई.
06-12-2023 10:42 AM
Post Viewership from Post Date to 06- Jan-2024 (31st Day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Messaging Subscribers Total
2434 276 0 2710
* Please see metrics definition on bottom of this page.
पैरिस शांति समझौते ने 20 वर्षों तक चले कंबोडिया-वियतनाम युद्ध को कैसे समाप्त किया?

वियतनाम (Vietnam) युद्ध की शुरुआत 1 नवंबर 1955 से हुई थी। करीब 20 सालों तक चले इस युद्ध में 30 लाख से ज्यादा लोग मारे गए। लंबे समय तक चले इस युद्ध के दौरान कंबोडिया (Cambodia) देश के अंदर और बाहर, दोनों ओर से उत्पन्न हुई मिश्रित समस्याओं के कारण कंबोडिया में गृहयुद्ध छिड़ गया। इन युद्धों में कई देशों के हज़ारों सैनिकों की जान चली गई और लाखों आम लोग भी प्रभावित हुए। कंबोडिया के भीतर अमीर और गरीब लोगों के रहने के तरीके में बहुत बड़ा अंतर था। साथ ही, यहाँ की सरकार भी बहुत भ्रष्ट थी।
परेशानियों के इस संयोजन के कारण वहां के लोग सरकार से नाराज़ हो गये। ऊपर से कंबोडिया के बाहर, शीत युद्ध और वियतनाम के हमले ने हालात और भी बदतर बना दिये। इस बीच कंबोडिया में खमेर रूज (Khmer Rouge) नामक एक कम्युनिस्ट समूह ने इन सभी समस्याओं का उपयोग अपने लाभ के लिए करना शुरू कर दिया। उसने पूरे देश पर कब्ज़ा कर लिया और सरकार ही बदल दी। 1970 में, तख्तापलट के बाद कंबोडिया में प्रिंस सिहानोक (Sihanouk ) को सत्ता से हटा दिया गया था। इसके बाद लोन नोल (Lon Nol) ने सरकार का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया। 1970 में कंबोडिया में जनरल लोन नोल को सत्ता में लाने वाले तख्तापलट के बाद, अमेरिका ने भी उत्तरी वियतनाम के ठिकानों और आपूर्ति मार्गों को नष्ट करने के लिए पूर्वी कंबोडिया में सीमित अभियान शुरू किया। ये घुसपैठ मुख्य रूप से अमेरिकी समर्थन से दक्षिण वियतनामी सेना द्वारा की गई थी। शुरू-शुरू में लोन नोल की सरकार लोकप्रिय थी, लेकिन वियतनाम युद्ध में इसकी भागीदारी ने कंबोडिया को युद्ध में घसीट दिया। संयुक्त राज्य अमेरिका और दक्षिण वियतनाम ने पूर्वी कंबोडिया पर आक्रमण किया, लेकिन कम्युनिस्ट सेनाएँ पश्चिम की ओर पीछे हट गईं।
पैरिस में संघर्ष विराम समझौते पर पहुंचने के बाद कम्बोडियन कम्युनिस्टों (Cambodian Communists) के लिए उत्तरी वियतनामी समर्थन कम हो गया। हालांकि, कंबोडियाई कम्युनिस्टों ने लड़ाई जारी रखी और संयुक्त राज्य अमेरिका ने कंबोडिया पर बड़े पैमाने पर हवाई बमबारी का जवाब दिया। गृहयुद्ध दो और वर्षों तक जारी रहा, लेकिन 1973 के अंत तक, लोन नोल की सरकार ने केवल नोम पेन्ह, उत्तर-पश्चिम और कुछ प्रांतीय शहरों को अपने नियंत्रण में लिया। अप्रैल 1975 में लोन नोल की सरकार गिर गई और कम्युनिस्ट ताकतों ने कंबोडिया पर कब्ज़ा कर लिया। उन्होंने सभी शहरवासियों को शहर छोड़ कर ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन बिताने का आदेश दिया। 1975 में खमेर रूज के कंबोडिया पर कब्ज़ा करने के बाद, देश को एक कट्टरपंथी कम्युनिस्ट समाज में बदल दिया। खमेर रूज ने धन, बाज़ार और निजी संपत्ति के अधिकार को ख़त्म कर दिया और स्कूल, अस्पताल, दुकानें, कार्यालय और मठ बंद करा दिए। यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, और सभी को खेती के काम करने पर मजबूर कर दिया गया। खमेर रूज ने चावल की पैदावार को तुरंत दोगुना करने के लिए सभी कृषि को एकत्रित करने की मांग की। यह योजना बहुत ही अव्यवस्थित तरीके से लागू की गई और इसके कारण बड़े पैमाने पर अकाल पड़ा और लोगों की जान चली गई। खमेर रूज के शासन के दौरान कम से कम 1.5 मिलियन कंबोडियन अधिक काम, भुखमरी, बीमारी या फांसी के कारण मर गए। खमेर रूज के कार्यों की तुलना अन्य अत्याचारों जैसे होलोडोमोर (Holodomor), होलोकॉस्ट (Holocaust), ग्रेट लीप फॉरवर्ड (Great Leap Forward) और रवांडा नरसंहार (Rwanda Genocide) से की जाती है।
हालांकि 1979 में, वियतनाम ने कंबोडिया पर पूर्ण पैमाने पर आक्रमण शुरू कर दिया। यह आक्रमण वियतनामी नागरिकों पर खमेर रूज शासन द्वारा लगातार किए जा रहे हमलों के जवाब में किया गया था। इसके अतिरिक्त, वियतनामी सरकार ने कंबोडिया में जातीय वियतनामी आबादी की रक्षा करने के लिए भी यह कदम उठाया, जिन्हें खमेर रूज नरसंहार के दौरान गंभीर रूप से निशाना बना रहे थे । आखिरकार 1991 में पैरिस शांति समझौते ने इस क्षेत्र में स्थायी शांति को बहाल कर दिया। ये समझौते आज 32 साल बाद भी महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
1991 में पैरिस शांति समझौते ने कम्बोडियन-वियतनामी युद्ध और तीसरे इंडोचीन युद्ध को पूरी तरह से समाप्त कर दिया। इन समझौतों के परिणामस्वरूप शीत युद्ध के बाद पहले संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन की तैनाती हुई और पहली बार संयुक्त राष्ट्र ने एक राज्य की सरकार के रूप में कार्यभार संभाला।
समझौतों पर उन्नीस देशों द्वारा हस्ताक्षर किए गए और इसमें निम्नलिखित बिंदु शामिल थे:
-कंबोडिया पर पैरिस सम्मेलन का अंतिम अधिनियम।
-कंबोडिया संघर्ष के राजनीतिक समाधान पर समझौता।
-कंबोडिया की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और हिंसात्मकता, तटस्थता और राष्ट्रीय एकता के संबंध में समझौता।
-कंबोडिया के पुनर्वास और पुनर्निर्माण पर घोषणा। पैरिस शांति समझौते को कंबोडियन इतिहास में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम माना जाता है, जो एक लंबे और विनाशकारी गृह युद्ध के अंत का प्रतीक था। इसने 19 विभिन्न राज्यों को एकजुट किया और देश के लिए एक व्यापक राजनीतिक ढांचा स्थापित किया। हालाँकि पैरिस शांति समझौते की प्रभावशीलता के बारे में अभी भी बहस चल रही है। लेकिन इन्हें व्यापक रूप से कंबोडिया के लिए एक सकारात्मक कदम के रूप में देखा जाता है। कंबोडिया की रॉयल सरकार ने पैरिस शांति समझौते के प्रमुख मूल्यों को 1993 के संविधान में एकीकृत किया है।

संदर्भ
Https://Tinyurl.Com/Bdzn92mp
Https://Tinyurl.Com/2fz47wbs
Https://Tinyurl.Com/2bwr8r5e
Https://Tinyurl.Com/Yhs4mtwz
Https://Tinyurl.Com/Bu7a79w

चित्र संदर्भ
1. वियतनाम युद्ध की तस्वीर को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
2. गृहयुद्ध के दौरान वियतनामी बंधकों को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
3. हाथ जोड़े वियतनामी नागरिक को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
4. अपने घायल साथी को कंधों पर उठाए हुए वियतनामी सैनिक को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. दक्षिण वियतनाम के चू लाई में रिचर्ड निक्सन एक वियतनामी सैनिक से हाथ मिलाते हुए दर्शाता एक चित्रण (PICRYL)