स्वस्थ जीवन शैली जैसे नियमित व्यायाम और योग रखेगा मेरठवासियों को मोटापे से दूर

शरीर के अनुसार वर्गीकरण
01-02-2024 09:43 AM
Post Viewership from Post Date to 03- Mar-2024 (31st Day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Messaging Subscribers Total
2210 232 0 2442
* Please see metrics definition on bottom of this page.
स्वस्थ जीवन शैली जैसे नियमित व्यायाम और योग रखेगा मेरठवासियों को मोटापे से दूर

विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization (WHO) के अनुसार, आज सभी देशों में मोटापा सबसे आम सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है जो अधिकांशतः सभी गंभीर बीमारियों की जड़ होते हुए भी सबसे ज्यादा उपेक्षित है। WHO विश्व स्वास्थ्य सांख्यिकी रिपोर्ट 2012 के अनुसार, वैश्विक स्तर पर छह में से एक वयस्क मोटापे की समस्या से पीड़ित है। और प्रत्येक साल अधिक वजन या मोटापे के कारण लगभग 2.8 मिलियन व्यक्तियों की मृत्यु हो जाती है। रुग्णता (morbidity)और मृत्यु दर के बढ़ते जोखिम के कारण, मोटापे को भी अब एक गंभीर बीमारी के रूप में जाना जाने लगा है। मोटापे को मधुमेह, उच्च रक्तचाप, डिस्लिपिडेमिया dyslipidaemia, हृदय रोग और यहां तक ​​कि कुछ कैंसर सहित अन्य चयापचय विकारों का कारण भी माना जाता है। मोटापे को अब आम तौर पर सामान्यीकृत मोटापा (Generalized Obesity (GO) और पेट का मोटापा (Abdominal Obesity (AO) के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इसके अलावा मोटापे से ग्रस्त व्यक्तियों में संतुलित वजन वाले व्यक्तियों की तुलना में मृत्यु दर और रुग्णता की दर भी अधिक दर्ज की गई है।
1.2 अरब से अधिक की आबादी के साथ हमारा देश भारत दुनिया का दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला एक विकासशील देश है। लेकिन जितनी तीव्र गति से देश विकास कर रहा है, उतनी ही तेज गति से देश में मोटापा फ़ैल रहा है। अतीत में व्याप्त गरीबी के कारण अल्पपोषण (malnutrition) को तेजी से समृद्धि से जुड़े मोटापे द्वारा स्थानांतरित किया जा रहा है। इसके साथ ही मोटापे के बढ़ते प्रसार में औद्योगीकरण और शहरीकरण का भी योगदान है।
भारतीयों में मोटापा मुख्य रूप से पेट और कमर के चारों ओर चर्बी जमा होने और आंत में वसा जमा होने के रूप में अधिक होता है, जिसे "एशियाई भारतीय लक्षण प्ररूप" (Asian Indian phenotype) के नाम से जाना जाता है। उत्तर भारत के शहरी क्षेत्र दिल्ली और ग्रामीण क्षेत्र बल्लबगढ़ (हरियाणा राज्य) की वयस्क आबादी में किए गए एक अध्ययन में ग्रामीण आबादी (पुरुष: 7.7, महिला: 11.3%) की तुलना में शहरी आबादी (पुरुष: 35.1, महिला: 47.6%) में अधिक वजन की समस्या व्यापक रूप से पाई गई है। इसी प्रकार शहरी क्षेत्र नई दिल्ली में किए गए एक अन्य अध्ययन में, सामान्यीकृत मोटापे (Generalized Obesity) की व्यापकता दर 50.1 प्रतिशत थी, जबकि पेट के मोटापे (abdominal obesity) की व्यापकता दर 68.9 प्रतिशत पाई गई। भारत के उत्तरी (हरियाणा), मध्य (जयपुर), पश्चिमी (पुणे), पूर्वी (कोलकाता), और दक्षिणी (कोच्चि, गांधीग्राम) क्षेत्रों में चार शहरी और पांच ग्रामीण स्थानों में मध्यम आयु वर्ग की महिलाओं के बीच किए गए एक अध्ययन में, ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में शहरी क्षेत्रों में सामान्यीकृत मोटापे की व्यापकता दर क्रमशः 22.5% की तुलना में 45.6% तथा पेट के मोटापे की व्यापकता दर क्रमशः 13.0% की तुलना में 44.3% पाई गई।
भारत में, बढ़ता शहरीकरण, उन्नत परिवहन तकनीक का उपयोग, संसाधित और जंक फूड की बढ़ती उपलब्धता और लोकप्रियता, टेलीविजन और मोबाइल का अधिक उपयोग, शारीरिक रूप से निष्क्रियता, और पोषक तत्वों से रहित आहार मुख्य रूप से मोटापे की बढ़ती व्यापकता दर का कारण हैं। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में किए गए कई अध्ययनों में यह स्पष्ट हो गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में शहरी क्षेत्रों में सामान्यीकृत मोटापे और पेट के मोटापे की व्यापकता दर लगभग दोगुना या कभी कभी तीन गुना तकअधिक है। क्या आप जानते हैं कि हमारे मेरठ शहर में भी शारीरिक गतिविधि और व्यायाम के संबंध में मधुमेह रोग की व्यापकता पर एक अध्ययन किया गया जिसके नतीजे चौंकाने वाले हैं। इस अध्ययन में पाया गया कि वे लोग जो शारीरिक गतिविधि से जुड़े हुए कार्य कर रहे थे, उनमें मधुमेह रोग न्यूनतम पाया गया जबकि ऐसे लोग जो शारीरिक रूप से निष्क्रिय कार्य जैसे कि ऑफिस आदि का कार्य कर रहे थे उनमें मधुमेह का विस्तार अधिक था। इसी प्रकार नियमित रूप से व्यायाम करने वाले लोगों में टाइप 2 मधुमेह की व्यापकता दर 9.4% थी जो नियमित रूप से व्यायाम नहीं करने वाले लोगों की 16.4% दर से कम थी। इसका एक प्रमुख कारण यह हो सकता है कि व्यायाम इंसुलिन संवेदनशीलता, प्रतिरक्षा प्रणाली और चयापचय स्वास्थ्य में सुधार करता है, जिसके कारण मधुमेह की संभावना कम हो जाती है।
इसके अलावा, दिन में आधे घंटे से कम व्यायाम करने वाले लोगों में मधुमेह की व्यापकता दर 12.3% थी, जबकि प्रतिदिन आधे घंटे से अधिक समय तक व्यायाम करने वालों में यह केवल 5.6% थी। इसी प्रकार नियमित रूप से योग का अभ्यास करने वाले लोगों में टाइप 2 मधुमेह की व्यापकता उन लोगों की तुलना में कम पाई गई जो योग का अभ्यास नहीं कर रहे थे। इन सभी अध्ययनों का एक ही निष्कर्ष निकलता है कि गतिहीन और निष्क्रिय जीवनशैली का मोटापे के रूप में आपके शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। अतः लोगों को स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और लंबा और रोग मुक्त जीवन जीने के लिए एक स्वस्थ जीवन शैली अपनानी चाहिए जिसमें नियमित व्यायाम, योग और वजन घटाने जैसी आदतों को अपनाने के लिए उत्सुक रहना चाहिए।

संदर्भ

https://shorturl.at/lpxSZ
https://shorturl.at/grFO7

चित्र संदर्भ

1. भांगड़ा करती महिलाओं को संदर्भित करता एक चित्रण ( Flickr)
2. पेट के मोटापे को संदर्भित करता एक चित्रण (Flickr)
3. जंक फ़ूड और मोटापे को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. व्यायाम करती भारतीय महिलाओं को संदर्भित करता एक चित्रण ( Flickr)
5. योग मुद्रा में एक महिला को दर्शाता एक चित्रण (pixels)