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                                            रामपुर में हाल ही में एक ताराघर शुरू किया गया है। ताराघर में खगोल विषय की ज्ञानवर्धक और मनोरंजक जानकारी दी जाती है तथा उस विषय के कार्यक्रम किये जाते हैं। रामपुर में शुरू किया गया ताराघर बहुत ही महत्वपूर्ण और अनोखा है। यह भारत का पहला ऐसा ताराघर होगा जहाँ पर डिजिटल लेज़र तकनीक का इस्तेमाल किया जायेगा। यहाँ और एक ख़ास बात यह है कि अमरीकी खगोल संस्था नासा रामपुर ताराघर को खगोलीय सूचनाएं प्रदान करेगी, यह भी भारत में पहली बार हो रहा है। रामपुर का यह ताराघर, जिला जेल के पीछे मस्जिद-ए-रबी के पास स्थित है तथा सोमवार छोड़ कर बाकी सभी दिन सुबह 11 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक खुला रहेगा।
इस ताराघर को आर्यभट्ट प्लैनेटेरियम (Planetarium) के नाम से जाना जायेगा। आर्यभट्ट प्राचीन भारतीय गणितज्ञ, ज्योतिष्विद एवं खगोलज्ञ थे। उन्होंने पाई (π) के सुनिश्चित और सही मान को निरुपित किया तथा खगोलविज्ञान में प्रथम, सप्रमाण यह सिद्ध किया की पृथ्वी अपनी धुरी पर घुमती है। खगोल क्षेत्र में उनका काम अग्रणी है। उन्होंने सौर प्रणाली की गतियाँ, नक्षत्रों के आवर्तकाल, ग्रहण और सूर्य केंद्रीयता के विषयों में अन्वेषण सिद्धांत दुनिया के सामने रखे। रामपुर के इस निराले ताराघर का नाम इनके नाम पर रखना बिलकुल उचित है।
आशा है कि इस ताराघर का रामपुर निवासी पूर्ण लाभ उठाएंगे और इससे बच्चों की विज्ञान और प्रौद्योगिकी की तरफ रूचि बढ़ेगी। आशा है आर्यभट्ट प्लैनेटेरियम की वजह से रामपुर में ऐतिहासिक और हस्तकला विरासत के साथ वैज्ञानिक विरासत भी कायम होगी।
1. कृषि विज्ञानं केंद्र, रामपुर  http://rampur.kvk4.in/
2. आर्यभट्ट प्लेनेटेरियम, रामपुर http://igplanetarium.org/Bhimrao%20ambedkar.aspx