रामपुर के नवाब रजा अली खान के गीतों के साथ,विदेशों में भी खुशियां बिखेरते हैं होली के रंग

विचार I - धर्म (मिथक/अनुष्ठान)
25-03-2024 09:12 AM
Post Viewership from Post Date to 25- Apr-2024 (31st Day)
City Subscribers (FB+App) Website (Direct+Google) Messaging Subscribers Total
1833 76 0 1909
* Please see metrics definition on bottom of this page.
रामपुर के नवाब रजा अली खान के गीतों के साथ,विदेशों में भी खुशियां बिखेरते हैं होली के रंग

हमारे देश भारत में सभी धर्मों और आस्थाओं से जुड़े लोग सभी धर्मों के सभी त्यौहार मनाते हैं। हम एक-दूसरे के त्यौहारों में पूरे उत्साह से भाग लेते हैं। लेकिन सभी प्रमुख भारतीय त्यौहारों में से, होली का त्यौहार एक ऐसा प्रतीक्षित त्यौहार है जो विभिन्न धर्मों के लोगों को एक-दूसरे से जोड़ने का कार्य करता है। पूरे देश के साथ साथ हमारे शहर रामपुर में भी होली का त्यौहार बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। हमारे शहर रामपुर में मुस्लिम समुदाय के लोग भी नवाबी दौर से होली खेलते आ रहे हैं। रियासत के आखिरी नवाब रजा अली खान ने तो होली गीत भी लिखे, जो आज भी होली के मौके पर गाए जाते हैं। तो आइए आज हमारे शहर रामपुर की होली और नवाब रजा अली खान के लिखे गीतों के विषय में जानते हैं। इसके साथ ही यह भी जानते हैं कि भारत के अलावा अन्य देशों में होली किस प्रकार मनाई जाती है? होली का त्यौहार न केवल हिंदुओं द्वारा बल्कि मुस्लिम, ईसाई जैसे अन्य समुदायों द्वारा भी पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। चाहे वह आम आदमी हो या कोई प्रभावशाली व्यक्तित्व, सभी होली के उत्सव को बेजोड़ उत्साह के साथ मनाते हैं। हमारा रामपुर नवाबी दौर से ही गंगा जमुनी तहज़ीब की मिसाल रहा है। यहां के नवाब सभी धर्मों का सम्मान करते थे। कहा जाता है कि पुराने समय में हमारे अवध के नवाब भी होली खेलते थे और आम लोगों द्वारा मनाए जाने वाले अन्य सभी त्योहारों में भी भाग लेते थे। होली मिलन समारोह के लिए नवाब के दरबार कई दिनों पहले से ही सजने शुरू हो जाते थे। आज भी होली के दिन किले के मैदान में होली मिलन समारोह का आयोजन किया जाता है। इसमें सभी धर्मों के लोग शामिल होते हैं। रियासत के आखिरी नवाब रजा अली खान ने तो होली के गीत भी खुद ही लिखे थे। आज भी होली के मौके पर बुजुर्ग ये गीत गुनगुनाते हैं। नवाब रज़ा अली खान को गीत-संगीत का बहुत शौक था। उनके दरबार में कलाकारों का बहुत सम्मान किया जाता था। वे स्वयं कला प्रेमी थे। सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए वे सभी त्यौहारों को मनाते थे। उन्होंने होली गीत भी लिखे, जो उस समय बच्चे-बच्चे की जुबान पर रहते थे। उनके इन गीतों का संग्रह आज भी रामपुर रज़ा लाइब्रेरी में मौजूद है, जिसमें उनके लिखे होली गीत भी शामिल हैं। उनके होली गीतों में कन्हैया और गोपियों का भी वर्णन मिलता है। अपने एक गीत में वे लिखते हैं, “श्याम न आये मोहे चित चोरी, खेलत होली चितवन तोरी। पिया, अब सम्हालो मोरी।”
नवाब रजा अली खान के इस गीत को भी काफी पसंद किया गया था,
"फागुन में रचाई है लीला ब्रजवासियों ने, हर नारा आज पूरा रंग लाया है।
अब आ जाओ कन्हैया, गोपियों को चैन नहीं, आज तो तुमसे ही उनकी आँखें फूटी हैं।"
एक अन्य गीत में वे लिखते हैं:
"मोरे कान्हा जो आये पलट के
अबके होली मई खेलूंगी डट के
उनके पीछे मई चुपके से जाके
ये गुलाल अपने तन से लगाके
रंग दूंगी उन्हें भी लिपट के"
आज भी होली मिलन समारोह के दौरान उनके लिखे गीत गाए जाते हैं।
क्या आप जानते हैं कि होली का त्यौहार न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी पूरे धूमधाम के साथ मनाया जाता है? भारत के मित्रवत पड़ोसी देश नेपाल में बहुसंख्यक आबादी हिंदुओं की है। इसलिए, वहाँ के लोगो में होली के प्रति प्रेम स्वाभाविक रूप से ही है। काठमांडू में, थमेल और दरबार स्क्वायर की सड़कों पर होली के उत्सव धूमधाम से मनाये जाते हैं। बच्चे और बड़े, सभी जी भर कर होली खेलते हैं। जबकि पाकिस्तान में जहाँ हिंदू समुदाय अल्पसंख्यक है, हिंदू अपने मुस्लिम पड़ोसियों और दोस्तों के साथ होली मनाते हैं तो दिलों की सीमाएं अदृश्य हो जाती हैं। होली का त्यौहार न केवल एशियाई बल्कि यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom) जैसे यूरोपीय देशों में भी मनाया जाता है। चूंकि इंग्लैंड (England) में एक बड़ी संख्या में भारतीय निवास करते हैं, इसलिए वहाँ होली समारोह भी बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। लंदन (London), बर्मिंघम (Birmingham), मैनचेस्टर (Manchester) और कई अन्य शहरों में लोग सूखे रंगों, स्प्रे के डिब्बे और पिचकारियों के साथ होली खेलने के लिए मैदान में आते हैं। होली के जुलूस भी आयोजित किए जाते हैं, गायन और नृत्य का आयोजन भी किया जाता है। जब होली के त्यौहार की बात आती है तो दुबई के लोग भी पीछे नहीं रहते हैं। दुबई में वंडरलैंड पार्क (Wonderland Park) और अल गढ़ौद (Al Garhoud) जैसे स्थान इस बात के साक्षी हैं कि जहाँ होली के उत्सव में हजारों पर्यटक असंख्य रंगों से सराबोर हो जाते हैं। वहीं अमेरिका (America) में भी बड़ी संख्या में भारतीयों की मौजूदगी के कारण होली प्रेमियों की कोई कमी नहीं है। होली के अवसर पर यहाँ कलर रन (Colour Run) नामक दौड़ आयोजित की जाती है, जिसमें लोग 5 किलोमीटर लंबी दौड़ में भाग लेने के लिए सफेद रंग के कपड़े पहनते हैं, ताकि उन पर होली के रंग फेंके जा सकें। संगीत की धुनों पर रंगों के साथ खेलने के लिए जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों का स्वागत किया जाता है।

संदर्भ
https://tinyurl.com/4ma98dx8
https://tinyurl.com/mr878ztu
https://tinyurl.com/ycxv2wvz
https://tinyurl.com/45ww8ev9

चित्र संदर्भ
1. यूटा, संयुक्त राज्य अमेरिका की होली को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
2. होली के दौरान एक मुस्लिम युवक को संदर्भित करता एक चित्रण (flickr)
3. नवाब रज़ा अली को दर्शाता एक चित्रण (prarang)
4. रुस में होली के दौरान एक जोड़े को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. होली खेलते विदेशियों को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)