आइए देखें, कैसे पंडित मदन मोहन मालवीय ने वर्त्तमान की भारतीय शिक्षा प्रणाली को आकार दिया

औपनिवेशिक काल और विश्व युद्ध : 1780 ई. से 1947 ई.
26-01-2025 09:22 AM
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इसमें कोई संदेह नहीं है कि, पंडित मदन मोहन मालवीय, रामपुर में एक सम्मानित व्यक्ति हैं। इसका प्रमाण यह है कि, हाल ही में, हमारे शहर में उनके सम्मान में एक पार्क का उद्घाटन किया गया है। वे भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई में एक प्रमुख नेता थे। वे एक शिक्षाविद् और पत्रकार भी थे। उनका मानना ​​था कि, भारत  के संविधान में, आधुनिक कानूनों और प्राचीन भारतीय ज्ञान का मिश्रण होना चाहिए। एक शिक्षाविद् के रूप में, उन्होंने 1915 के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय अधिनियम के तहत, 1916 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (Banaras Hindu University) की स्थापना की। मदन मोहन मालवीय ने अपना पहला भाषण, 1886 में कांग्रेस के दूसरे अधिवेशन में दिया था। इसके बाद, वे 1909, 1918, 1932 और 1933 में चार सत्रों में कांग्रेस के अध्यक्ष बने। उन्होंने, 1916 के लखनऊ समझौते के उस प्रावधान को   खारिज कर दिया था, जिसमें मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए अलग निर्वाचन क्षेत्र के प्रावधान को बरकरार रखा गया था। 1912 से 1919 के बीच, वे इंपीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल (Imperial Legislative Council) के सदस्य रहे। 1919 में इंपीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल के सेंट्रल लेजिस्लेटिव असेंबली (Central Legislative Assembly  - CLA) बनने के बाद, वे 1926 तक इसके सदस्य रहे। 1928 में, उन्होंने साइमन कमीशन (Simon Commission) के   खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया। वे पंडित नेहरू, लाला लाजपत राय आदि नेताओं के साथ विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। 1932 में, उन्होंने अपने घोषणापत्र के माध्यम से साथी नागरिकों से भारतीय उत्पाद  खरीदने का आग्रह किया। यह इंग्लैंड (England) में चल रहे 'ब्रिटिश खरीदें' अभियान के प्रति उनका जवाब था। तो आइए, आज हम,  कुछ चलचित्रों के माध्यम से, इस गणतंत्र दिवस के अवसर पर, पंडित मदन मोहन मालवीय के जीवन,  उनकी आजीविका और हमारे देश के स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान के बारे में  जानेंगे। हम बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के गठन से जुड़े उनके कुछ रोचक तथ्यों के बारे में भी जानेंगे।

 

 

संदर्भ:

https://tinyurl.com/bdejf4hr

https://tinyurl.com/42twb36f 

https://tinyurl.com/58rff7uw

https://tinyurl.com/598b7xsk 

https://tinyurl.com/38f85an7