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उत्तर प्रदेश में तेलुगु फिल्मों और मनोरंजन के प्रति लोगों की रुचि लगातार बढ़ रही है।हमारे शहर रामपुर में भी यही स्थिति देखने को मिल रही है।ेलुगु, एक शास्त्रीय द्रविड़ भाषा है, जो मुख्य रूप से भारत के आंध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्यों में बोली जाती है। यह इन राज्यों की आधिकारिक भाषा भी है। वर्ष 2022 में, लगभग 96 मिलियन लोग इस भाषा को बोलते हैं।यह द्रविड़ भाषा परिवार की सबसे व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा मानी जाती है।तेलुगु भाषा का पहला प्रमाण 6वीं शताब्दी ईस्वी में मिलता है।इसकी लिपि, प्राचीन ब्राह्मी लिपि से विकसित हुई है।प्राचीन काल में ताड़ के पत्तों पर लिखने की परंपरा के कारण, इसकी लिपि में गोल अक्षर पाए जाते हैं।तेलुगु को बाएँ से दाएँ लिखा जाता है।आज इस अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर हम तेलुगु भाषा की उत्पत्ति और विकास पर विस्तार से चर्चा करेंगे। सबसे पहले, हम कलमल्ला शिलालेख के बारे में जानेंगे, जिसे 575 ईस्वी पूर्व का माना जाता है। इसे पूरी तरह से तेलुगु भाषा में लिखा गया सबसे पुराना शिलालेख माना जाता है। इसके बाद, हम तेलुगु भाषा की विभिन्न बोलियों और उन क्षेत्रों का अध्ययन करेंगे, जहाँ ये बोली जाती हैं। फिर, तेलुगु लिपि की वर्णमाला सीखकर, इस भाषा में लिखने के तरीके को समझेंगे। अंत में, हम तेलुगु भाषा से जुड़े कुछ रोचक और अनोखे तथ्यों पर भी चर्चा करेंगे।
चलिए शुरुआत तेलुगु भाषा की उत्पत्ति और विकास के साथ करते हैं:
तेलुगु भाषा, द्रविड़ भाषा परिवार की एक प्रमुख भाषा है। इसकी उत्पत्ति प्रोटो-द्रविड़ भाषा से हुई है, जो एक प्राचीन मूल की भाषा मानी जाती है। भाषाविज्ञान के अध्ययन से पता चलता है कि प्रोटो-द्रविड़ भाषा लगभग चौथी सहस्राब्दी ईसा पूर्व बोली जाती थी। तुलनात्मक भाषाविज्ञान के अनुसार, तेलुगु दक्षिण द्रविड़-II (जिसे दक्षिण-मध्य द्रविड़ भी कहा जाता है) उप-समूह से संबंधित है। इस उप-समूह में गोंडी, कुवी, कोया, पेंगो, कोंडा और मांडा जैसी कई गैर-साहित्यिक भाषाएँ भी आती हैं।
तेलुगु भाषा की सभी बोलियों और रूपों का आधार, प्रोटो-तेलुगु को माना जाता है। रूसी भाषाविद् मिखाइल एस. एंड्रोनोव (Mikhail S. Andronov) के अनुसार, तेलुगु भाषा का विभाजन लगभग 1000 ईसा पूर्व हुआ था।
तेलुगु भाषा के इतिहास को चार प्रमुख चरणों में विभाजित किया जाता है:
1. प्रागैतिहासिक तेलुगु (600 ई.पू.-200 ई.पू.)
2. प्राचीन तेलुगु (200 ई.पू.-1000 ई.)
3. मध्य तेलुगु (1000 ई.-1600 ई.)
4. आधुनिक तेलुगु (1600 ई.-वर्तमान)
तेलुगु भाषा के सबसे पुराने शब्दों में से एक "नागाबू" है, जिसे अमरावती स्तूप में पाया गया था। इसकी समयावधि लगभग 200 ईसा पूर्व मानी जाती है। 200 ईसा पूर्व से 500 ईसा पूर्व के बीच अमरावती, नागार्जुनकोंडा, कृष्णा नदी बेसिन, बल्लारी, एलुरु, ओंगोल और नेल्लोर क्षेत्रों में कई तेलुगु शब्दों की पहचान हुई है। इनमें मुख्य रूप से स्थानों और व्यक्तियों के नाम शामिल हैं।

कलमल्ला शिलालेख (Kalamalla inscription), भारत में पूरी तरह से तेलुगु भाषा में लिखा गया सबसे पुराना शिलालेख है। इसे रेनाती चोल वंश के राजा एरिकल मुथुराजू ने बनवाया था। इस शिलालेख की खोज तेलुगु भाषा परिरक्षक राज्य के अध्यक्ष ओंटेरू श्रीनिवासुलु रेड्डी, सेवानिवृत्त इतिहास प्रोफ़ेसर श्रीनिवासुलु, पुरातत्वविद् उमा महेश्वर सरमा और कवि वेमू नारायण रेड्डी द्वारा की गई थी। यह शिलालेख 575 ईस्वी का माना जाता है।
कलमल्ला शिलालेख का महत्व:- यह शिलालेख, तेलुगु लिपि के विकास का प्रमाण है। हालांकि समय के साथ इसके अक्षर धुंधले हो गए थे, जिससे कई लोगों को इसे पहचानने और पुष्टि करने में कठिनाई हुई। लेकिन अब, प्रख्यात पुरातत्वविदों ने इसे कलमल्ला शिलालेख के रूप में प्रमाणित कर दिया है।
आइए अब, भारत में तेलुगु की बोलियों पर एक नज़र डालते हैं:-
भारत में तेलुगु भाषा की कई बोलियाँ बोली जाती हैं। इनमें प्रमुख रूप से तीन प्रमुख बोलियाँ शामिल हैं:
आंध्र तेलुगु – यह मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्रों में बोली जाती है।
रायलसीमा तेलुगु – यह रायलसीमा क्षेत्र के चार ज़िलों में बोली जाती है।
तेलंगाना तेलुगु – यह मुख्य रूप से तेलंगाना राज्य में प्रचलित है।
तेलुगु वर्णमाला (వర్ణమాల) ध्वन्यात्मक होती है, जिसमें प्रत्येक व्यंजन में एक अंतर्निहित स्वर (मूल रूप से मौजूद) होता है। जब स्वर स्वतंत्र रूप से प्रयुक्त होते हैं, तो उन्हें अलग से लिखा जाता है, खासकर जब वे किसी शब्दांश की शुरुआत में हों।
तेलुगु लिखना सीखने के लिए सबसे पहले अलग-अलग अक्षरों को समझना ज़रूरी है। तेलुगु में स्वरों (అచ్చులు - अच्चुलु) के रूप में निम्नलिखित अक्षर होते हैं:
అ, ఆ, ఇ, ఈ, ఉ, ఊ, ఋ, ౠ, ఎ, ఏ, ఐ, ఒ, ఓ, ఔ, అం, అః
ये क्रमशः हिंदी ध्वनियों अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ॠ, ए, ऐ, ओ, औ, अं, अः के समान होते हैं।
इन स्वरों का उच्चारण इस प्रकार होता है:
అ (अ) - जैसा कि "अंगूर" में
ఆ (आ) - जैसा कि "आम" में
ఇ (इ) - जैसा कि "इमली" में
ఈ (ई) - जैसा कि "ईख" में
ఉ (उ) - जैसा कि "उल्लू" में
ఊ (ऊ) - जैसा कि "ऊषा" में
ఋ (ऋ) - जैसा कि "ऋतु" में
ౠ (ॠ) - इसका उच्चारण "ऋ" से दीर्घ रूप में होता है
ఎ (ए) - जैसा कि "एड़ी" में
ఏ (ऐ) - जैसा कि "ऐश्वर्य" में
ఐ (औ) - जैसा कि "औषधि" में
ఒ (ओ) - जैसा कि "ओस" में
ఓ (ओ) - जैसा कि "ओम" में
ఔ (औ) - जैसा कि "औषधि" में
అం (अं) - जैसा कि "अंग" में
అః (अः) - जैसा कि "अहंकार" में
तेलुगु व्यंजन (హల్లులు - हालुलु)
तेलुगु व्यंजनों की सूची इस प्रकार है:
1. क वर्ग: క, ఖ, గ, ఘ, ఙ - (का, खा, गा, घा, ङ)
2. च वर्ग: చ, ఛ, జ, ఝ, ఞ - (च, छ, ज, झ, ञ)
3. ट वर्ग: ట, ఠ, డ, ఢ, ణ - (टा, ठा, डा, ढा, ण)
4. त वर्ग: త, థ, ద, ధ, న - (ता, था, दा, धा, न)
5. प वर्ग: ప, ఫ, బ, భ, మ - (पा, फा, बा, भा, मा)
6. अन्य व्यंजन: య, ర, ల, వ, శ, ష - (या, रा, ला, वा, सा, शा)
7. विशेष ध्वनियाँ: స, హ, ళ, క్ష, ఱ - (सा, हा, ळा, क्ष, रा)
आइए तेलुगु में लिखने के आसान तरीकों से परिचित होते हैं:
1. तेलुगु संज्ञाओं को समझें
नीचे कुछ सामान्य शब्द दिए गए हैं:
2. कुछ आम क्रियाएँ सीखें
3. तेलुगु में संवाद के लिए बुनियादी शब्द
4. तेलुगु के कुछ आम वाक्यांश
5. तेलुगु व्याकरण का अभ्यास करें
पूर्वसर्ग (Prepositions) के उदाहरण
తన చిన్న కుక్కతో వచ్చాడు। (ताना चिनना कुक्क तो वच्चाडु।)
నేను కత్తి లేకుండా తింటాను। (नेनु कट्टी लेकुंडा तिन्तानु।)
निषेध (Negation) के उदाहरण
నేను మిమ్మల్ని అర్థం చేసుకున్నాను। (नेनु मिम्मल्नी अर्थं चेसुकुन्नानु।)
నేను మిమ్మల్ని అర్థం చేసుకోలేదు। (नेनु मिम्मल्नी अर्थं चेसुकोलेदु।)
प्रश्न (Questions) के उदाहरण
మీ పేరు ఏమిటి? (मी पेरु एमिटि?)
ఇది ఎంత? (इदि एंता?)
आइए, अब आपको तेलुगु भाषा के बारे में कुछ रोचक और अनोखे तथ्यों से परिचित कराते हैं:
1) तेलुगु भाषा ने भारत के नक्शे को बदल दिया: ब्रिटिश शासन के दौरान, बढ़ते तनाव के बीच, तेलुगु भाषी क्षेत्रों के सांस्कृतिक नेताओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी भाषा के प्रति गर्व और सांस्कृतिक पहचान की भावना ने एक अलग राज्य की मांग को जन्म दिया। जब केंद्र सरकार ने इस मांग को अस्वीकार कर दिया, तो पोट्टी श्रीरामुलु (Potti Sriramulu) नामक नेता ने 1952 में आमरण अनशन शुरू कर दिया। लंबे संघर्ष के बाद, सरकार को जनता की मांग माननी पड़ी, और 1953 में आंध्र राज्य का गठन हुआ। यह भारत में भाषाई आधार पर राज्यों के निर्माण की प्रक्रिया की शुरुआत थी, जिसने आगे चलकर पूरे देश में बड़े राजनीतिक बदलाव लाए।

2) तेलुगु भाषा, अमेरिकी आई टी क्षेत्र में प्रभावी भूमिका निभा रही है : आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के तेलुगु भाषी क्षेत्रों से बड़ी संख्या में इंजीनियर और टेक्नोलॉजी विशेषज्ञ अमेरिका गए। 2000 के दशक में, हैदराबाद से कई आई टी पेशेवर, अपने परिवारों के साथ अमेरिका में बस गए। इससे वहां एक मज़बूत तेलुगु-भाषी समुदाय विकसित हुआ, जो लगातार बढ़ रहा है। इसके कारण, तेलुगु भाषा से जुड़ी सेवाओं, जैसे कि भाषा पाठ, पुस्तकें और तकनीकी संसाधनों की मांग भी बढ़ गई है।
3) तेलुगु अनुवाद और स्थानीयकरण सेवाओं में बढ़ती मांग: प्रौद्योगिकी कंपनियां, जैसे नेटफ़्लिक्स (Netflix) और अमेज़ॅन (Amazon), भारतीय भाषाओं में अपनी सेवाओं का विस्तार कर रही हैं। हाल ही में, अमेज़ॅन ने घोषणा की कि, उनकी वेबसाइट और ऐप अब तेलुगु, तमिल और अन्य द्रविड़ भाषाओं में भी उपलब्ध होंगे। इन भाषाओं को बोलने वालों की संख्या, लगभग 20 करोड़ तक पहुंचती है, जिससे इसका व्यावसायिक महत्व बढ़ गया है।
संदर्भ
https://tinyurl.com/bqhu29h
https://tinyurl.com/2aa9clcz
https://tinyurl.com/2aduktxm
https://tinyurl.com/25ktnxgv
https://tinyurl.com/2387ntmw
मुख्य चित्र: प्राचीन तेलुगु लेखन और तेलुगु लेखक वेदार्थ मधुसूदन शर्मा: (Wikimedia)