लुडस लैट्रुनकुलोरम जैसे प्राचीन रोमन गेम, आपकी बुद्धिमत्ता को उच्चतम स्तर तक चुनौती देंगे

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लुडस लैट्रुनकुलोरम जैसे प्राचीन रोमन गेम, आपकी बुद्धिमत्ता को उच्चतम स्तर तक चुनौती देंगे

रामपुर वासियों के बीच 'सांप - सीढ़ी' और 'लूडो' जैसे बोर्ड गेम खूब पसंद किए जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्राचीन रोम में भी एक ऐसा खेल था जो काफ़ी हद तक लूडो से मिलता-जुलता था? यह खेल था लुडस लैट्रुनकुलोरम (Ludus latrunculorum), जिसे "लुटेरों का खेल" भी कहा जाता था। इतिहासकारों का मानना है कि इस खेल का आविष्कार पहली शताब्दी ईसा पूर्व में हुआ था। यह खेल भी प्राचीन मिस्र के खेल सेनेट की तरह एक रहस्यमयी खेल है, क्योंकि इसकी कोई संरक्षित नियम पुस्तिका नहीं मिली है। हालांकि, पुरातात्विक साक्ष्यों और प्राचीन साहित्य के आधार पर आधुनिक इतिहासकारों ने इसके नियमों को फ़िर से तैयार किया है। आज के इस मनोरंजक लेख में, हम इस खेल और इसके पुनर्निर्मित नियमों को विस्तार से समझेंगे। इसके तहत खासतौर पर, हम 1892 में एडवर्ड फ़ॉकनर (Edward Faulkner) द्वारा बनाए गए नियमों के बारे में जानेंगे। इसके बाद, हम यह सीखेंगे कि इस खेल को कैसे खेला जाता था। इसके अलावा, हम प्राचीन रोम में खेले जाने वाले अन्य लोकप्रिय बोर्ड गेम जैसे ताली (Tali), त्रोपा (Tropa), रोता (Rota) और ताबुला (Tabula) पर भी चर्चा करेंगे।

लुडस लैट्रनकुलोरम, जिसे लैट्रनकुली या लैट्रोनेस भी कहा जाता है, एक दो-खिलाड़ी रणनीतिक बोर्ड गेम था! इसे पूरे रोमन साम्राज्य में खेला जाता था। इसे शतरंज या ड्राफ्ट जैसा माना जाता है क्योंकि यह सैन्य रणनीति पर आधारित खेल था। हालांकि, इस खेल के नियम और संरचना को पूरी तरह से समझना कठिन है, क्योंकि इसके बारे में सीमित जानकारी उपलब्ध है। विभिन्न स्रोतों के आधार पर इसकी कई व्याख्याएँ की गई हैं।

चूना पत्थर और चीनी मिट्टी के टुकड़ों से बना यह बोर्ड, लैट्रुनकुलस के खेल को दर्शाता है, जिसे सैनिकों या चोरों के खेल के रूप में भी जाना जाता है, जिसे स्पेन के अल्काला डे हेनारेस (Alcalá de Henares) नामक शहर 
में, रोमन शहर कॉम्प्लुटम (Complutum) के एंटीक्वेरियम में प्रदर्शित किया गया है। यह रोमन रणनीति खेल, जो पहली से पांचवीं शताब्दी ईस्वी तक लोकप्रिय था, शतरंज या चेकर्स के समान है और इसे दो खिलाड़ियों के बीच खेला जाता था | चित्र स्रोत : WIkimedia

 लेकिन एडवर्ड फाल्कनर (1892) द्वारा इसके नियमों को दोबारा र्निर्मित किया गया! ये नियम क्रमशः इस प्रकार हैं:

  • यह खेल, 144 वर्गों (संभवतः 12×12) के बोर्ड पर खेला जाता था।
  • प्रत्येक खिलाड़ी की पाँच पंक्तियाँ होती थीं, जो बोर्ड के बाएँ कोने से शुरू होती थीं और बारी-बारी से रखी जाती थीं।
  • गोटियाँ लंबवत, क्षैतिज, तिरछे, आगे और पीछे सभी दिशाओं में चल सकती थीं।
  • जब दो गोटियाँ एक-दूसरे के पास होती थीं, तो वे आक्रमण कर सकती थीं। यदि कोई तीसरी गोटी विपरीत दिशा से आती थी, तो बीच की गोटी को हटा दिया जाता था।
  • कोई भी गोटी दो विरोधी गोटियों के बीच फँसने पर स्वतः नहीं हटाई जाती थी।
  • जब एक पक्ष बुरी तरह हार जाता था या अपनी चालें बंद कर लेता था, तो उसे पराजित घोषित किया जाता था।
  • यह खेल, प्राचीन रोम में काफ़ी लोकप्रिय था और इसे युद्ध की रणनीतियों को सीखने के लिए भी खेला जाता था।

आइए अब समझते हैं कि, लुडस लैट्रुनकुलोरम को कैसे खेला जाता है?

इस खेल में आपको अपने प्रतिद्वंद्वी के डक्स या किंग (जिसे यहाँ एक स्टार से ड्रैगन कहा गया है!) को पकड़ना होता है। इसके अलावा, जितने अधिक मोहरे (प्यादे) कैप्चर और बाहर किए जा सकें, उतना बेहतर होता है।

खेल के नियम:

मोहरों की प्रारंभिक स्थिति:- 

  • सभी मोहरे बोर्ड पर पहले से तय स्थिति में रखे जाते हैं।
  • यह तय करने के लिए कि कौन पहले चलेगा, पासा फेंका जाता है, प्लेयर 1 लाइटपास का उपयोग करता है।

मोहरों की चाल

  • सभी मोहरे एक ही प्रकार से चलते हैं।
  • वे किसी भी दिशा में आगे बढ़ सकते हैं, लेकिन तिरछे नहीं।
  • उनकी गति पर कोई सीमा नहीं होती, जब तक कि कोई अवरोध न हो।
  • एक मोहरा बिना घोषणा किए दुश्मन की दो मोहरों को पकड़ सकता है।
  • लेकिन, अगर खिलाड़ी दो मोहरों के बीच जाकर उन्हें कैप्चर करता है, तो उसे इसकी घोषणा करनी होगी।
  • खिलाड़ी अपने प्रतिद्वंद्वी के मोहरों को घेरकर उनका रास्ता भी रोक सकता है।
  • किसी मोहरे को पकड़ने और बोर्ड से हटाने के लिए, उसे दो तरफ से घेरना होता है या कोने में फँसाना पड़ता है।
  • डक्स को पकड़ने के लिए उसे चारों ओर से या किसी कोने में पूरी तरह ब्लॉक करना होगा।

खेल का अंत और विजेता

  • अगर डक्स (किंग) पूरी तरह घिर जाता है, तो खेल समाप्त हो जाता है और उसे पकड़ने वाला खिलाड़ी जीत जाता है।
  • यदि प्रतिद्वंद्वी का डक्स कोई चाल नहीं चल सकता, तो भी जीत तय हो जाती है।
  • अगर किसी भी खिलाड़ी का डक्स पकड़ा नहीं जा सका, तो बोर्ड पर सबसे अधिक मोहरे रखने वाला खिलाड़ी विजेता होगा।

लुडस लैट्रुनकुलोरम के अलावा भी प्राचीन रोम में कई बोर्ड गेम लोकप्रिय थे, जिनमें से कुछ आज के आधुनिक खेलों से मिलते-जुलते हैं। इनमें से कुछ खेल रणनीति, भाग्य और कौशल का मिश्रण थे। 

आइए ऐसे ही कुछ रोचक खेलों पर नज़र डालते हैं।

चित्र स्रोत : Wikimedia

 1) ताली और त्रोपा: यह खेल, ग्रीस और मिस्र से आया था और प्राचीन रोम में बहुत लोकप्रिय था। यह खेल आधुनिक याहत्ज़ी जैसा था। इसे खेलने के लिए, किसी विशेष बोर्ड की आवश्यकता नहीं होती थी। इस खेल में "नकल बोन्स" (Knuckle Bones) नाम की छड़ियों का उपयोग किया जाता था, जिन्हें विभिन्न सामग्रियों से बनाया जा सकता था, लेकिन ज्यादातर जानवरों की हड्डियों का उपयोग होता था।

इस खेल के दौरान, प्रत्येक खिलाड़ी छड़ियों को फेंकता था, और सबसे मज़बूत हाथ वाले खिलाड़ी को विजेता घोषित किया जाता था। स्कोर जोड़कर कुल अंक तय किए जाते थे। 

इस खेल के खास संयोजन थे:

  • वीनस (सबसे ऊँचा स्कोर) – 1, 3, 4, 6
  • सेनियो – 6 और किसी भी अन्य संख्याओं का संयोजन
  • गिद्ध (Vulture) – सभी संख्याएँ समान
  • कुत्ता (सबसे खराब स्कोर) – सभी 1

हालांकि ताली खेलने के तरीकों को लेकर लोगों के अलग-अलग विचार हैं, लेकिन यह माना जाता है कि खेल जुए से जुड़ा था और इसे कई राउंड में खेला जाता था।

चित्र स्रोत : Wikimedia 

2) लुडस डुओडेसिम स्क्रिप्टोरम: इसका अर्थ 'बारह चिह्नों का खेल" होता है। यह बैकगैमौन जैसा खेल था और इसे बारह वर्गों की दो पंक्तियों वाले बोर्ड पर खेला जाता था। खिलाड़ी एक-दूसरे के विपरीत बैठते थे और अपनी सभी मोहरों को पहले वर्ग में रखते थे।

खेल के नियम इस प्रकार थे:

  • खिलाड़ी तीन पासे फेंकते थे और उसी अनुसार मोहरों को आगे बढ़ाते थे।
  • इस खेल का लक्ष्य, सभी मोहरों को प्रतिद्वंद्वी के पहले वर्ग तक पहुँचाना होता था।
  • यदि कोई खिलाड़ी प्रतिद्वंद्वी की मोहर वाले वर्ग पर पहुँचता, तो उस मोहर को फ़िर से पहले वर्ग में भेज दिया जाता।
  • यदि किसी वर्ग पर पहले से ही दो या अधिक प्रतिद्वंद्वी की मोहरे होतीं, तो वहाँ कोई और मोहरा नहीं रखा जा सकता था।
  • हालांकि इस खेल के बहुत कम पुरातात्विक प्रमाण मिले हैं, फ़िर भी यह रोम में लोकप्रिय रणनीतिक खेल था।

3) रोता: रोता को पहली बार 1916 में एल्मर ट्रूसेडेल मेरिल ने पहचाना था। यह एक साधारण लेकिन दिलचस्प प्राचीन रोमन खेल था। इसे गोलाकार बोर्ड पर खेला जाता था, जो 8 खंडों में विभाजित होता था। बोर्ड पर 9 गोलाकार कोशिकाएँ ( – 8 खंडों के किनारों पर और 1 बीच में) होती थीं। यह खेल चीनी चेकर्स और टिक-टैक-टो जैसा था। खिलाड़ियों को अपने तीन मोहरों को सीधी रेखा में रखने की कोशिश करनी होती थी।

खेल के नियम:

  • खिलाड़ी अपनी बारी छोड़ नहीं सकते थे।
  • एक ही सेल पर दो मोहरे नहीं रख सकते थे।
  • खिलाड़ी मोहरों को सावधानी से चलाते थे, जिससे यह एक शुद्ध रणनीति का खेल बन जाता था।
  • रोता में भाग्य की भूमिका बहुत कम थी। यह पूरी तरह रणनीति पर आधारित था, जिससे इसे रोम में बुद्धिमान लोगों का पसंदीदा खेल माना जाता था।
चित्र स्रोत : Wikimedia 

4) टैबुला: टैबुला को आधुनिक बैकगैमौन का पूर्वज माना जाता है। यह लुडस डुओडेसिम स्क्रिप्टा से प्रेरित था, लेकिन इससे तेज़ और अधिक रोमांचक था। इसमें रणनीति, गति और भाग्य का मिश्रण था।

खेल के नियम:

  • तीन पासों के आधार पर मोहरों की चाल तय होती थी।
  • इस खेल के नियम ज़ेनो के प्रसिद्ध मैच से लिए गए थे।
  • तेज़ी और रणनीति इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे।
  • टैबुला रोम में खेल प्रेमियों के बीच काफ़ी लोकप्रिय था और इसे विभिन्न अवसरों पर खेला जाता था।

इन सभी खेलों की लोकप्रियता से यह पता चलता है कि प्राचीन रोम में बोर्ड गेम्स मनोरंजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहे होंगे। इनमें कुछ खेल भाग्य पर आधारित थे, जबकि कुछ रणनीति और कौशल पर आधारित थे। ये खेल, न केवल समय बिताने का साधन थे, बल्कि समाज में बुद्धिमत्ता और चतुराई को भी दर्शाते थे। इनमें से कई खेलों के रूप अब भी मौजूद हैं और दुनिया भर में खेले जाते हैं।

संदर्भ:

https://tinyurl.com/yjz3ukc6
https://tinyurl.com/yps39z3b
https://tinyurl.com/2938bdb5
https://tinyurl.com/22rv3fjr

मुख्य चित्र: कुंज़िंग, जर्मनी के म्यूज़ियम क्विंटाना ऑफ़ आर्कियोलॉजी में लुडस लैट्रुनकुलोरम का आधुनिक पुनर्निर्माण (Wikimedia)