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                                            रामपुर के नागरिक, क्या आप जानते हैं कि, भारत मोबाइल गेम डाउनलोड के लिए एक अग्रणी बाज़ार है, जिसमें 2024 में 8.5 बिलियन से अधिक डाउनलोड्स हैं। इसमें कई लोकप्रिय खेल, जैसे कि – गरीना फ़्री फ़ायर (Garena Free Fire), लूडो किंग (Ludo King), कैंडी क्रश सागा (Candy Crush Saga), रॉबलॉक्स (Roblox), क्लैश ऑफ़ क्लैन्स (Clash of Clans), क्लैश रॉयल (Clash Royale), कॉल ऑफ़ ड्यूटी (Call of Duty) आदि शामिल हैं। ऐसे खेलों के बारे में बात करते हुए, आपने ‘गेमिंग की लत’ के बारे में अवश्य सुना होगा। यह वीडियो गेम खेलने के लिए बाध्यकारी भावना है, जो दैनिक ज़िम्मेदारियों, रिश्तों और मानसिक कल्याण की कीमत पर हावी होती है। इससे गेमर के शारीरिक और मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है। इस संदर्भ में चलिए, आज भारत में मोबाइल गेमिंग से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण आंकड़ों का पता लगाएं। फिर, हम डाउनलोड किए जाने के आधार पर, अपने देश में सबसे अधिक खेले जाने वाले मोबाइल गेम्स पर प्रकाश डालेंगे। उसके बाद, हमें पता चलेगा कि, ‘मोबाइल गेम की लत’ क्या है। इस संदर्भ में, हम इस प्रकार की लत से जुड़ी कुछ सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं एवं इसके इलाज पर चर्चा करेंगे।
भारत में मोबाइल गेमिंग से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण आंकड़े:
2020 में प्रस्तुत एक रिपोर्ट के अनुसार, 10 में से 7 शहरी भारतीय, आज अपने किसी भी डिवाइस पर वीडियो गेम या मोबाइल गेम खेलते हैं। इससे हमारा देश, दुनिया के शीर्ष 10 गेमिंग देशों में स्थान पाता है। मोबाइल गेमर्स (स्मार्टफ़ोन या टैबलेट पर खेलने वाले गेमर) ने स्पष्ट रूप से, पर्सनल कंप्यूटर (Personal computer) या कंसोल गेमर्स (Console gamers) को पीछे छोड़ दिया है। केवल 12% भारतीय कंसोल पर गेम खेलते हैं, जबकि, 67% भारतीय गेमर्स, स्मार्टफ़ोन या टैबलेट का उपयोग करते हैं।
82% भारतीय गेमर्स, एक सप्ताह में 10 घंटों तक अपने स्मार्टफ़ोन पर गेम खेलते हैं। दूसरी तरफ़ तरफ़, 16% गेमर्स सप्ताह में 10 घंटों से अधिक समय तक, खेल खेलते हैं।
भारत में गेमर्स का प्रतिशत हिस्सा अमेरिका (71 प्रतिशत) और ऑस्ट्रेलिया (72 प्रतिशत) के बराबर है। हालांकि, यह अभी भी दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के अनुपात से कम है। कंसोल गेमर्स के लिए प्रमुख बाज़ार – हॉंगकॉंग (Hong Kong) – 32 प्रतिशत, स्पेन (Spain) – 29 प्रतिशत, अमेरिका (America) – 28 प्रतिशत, यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom) – 28 प्रतिशत, और ऑस्ट्रेलिया (Australia) – 27 प्रतिशत आदि हैं।
भारत में अधिकांश तौर पर खेले जाने वाले मोबाइल गेम:
| गेम का नाम | रेटिंग्स(सितारों में) | डाउनलोड्स | प्रकार | 
| फ़्री फ़ायर(Free Fire) | 4.3 | 100 मिलियन से अधिक | एक्शन(Action) | 
| लूडो किंग(Ludo King) | 4.2 | 500 मिलियन से अधिक | बोर्ड(Board) | 
| कैंडी क्रश सागा(Candy Crush Saga) | 4.4 | 1000 मिलियन से अधिक | कैज़ुअल (Casual) | 
| क्लैश ऑफ़ क्लैन्स(Clash of Clans) | 4.5 | 500 मिलियन से अधिक | स्ट्रेटजी(Strategy) | 
| कॉल ऑफ़ ड्यूटी(Call of duty) | 4.2 | 100 मिलियन से अधिक | एक्शन(Action) | 
| सबवे सर्फ़र्स(Subway surfers) | 4.4 | 1000 मिलियन से अधिक | आर्केड(Arcade) | 
| तीन पत्ती(Teen Patti) | 4.3 | 100 मिलियन से अधिक | कसीनो (Casino) | 
| टेंपल रन 2(Temple Run 2) | 4.5 | 500 मिलियन से अधिक | एक्शन(Action) | 
| फ़्रूट निंजा(Fruit Ninja) | 4.1 | 500 मिलियन से अधिक | आर्केड(Arcade) | 
| क्लैश रॉयल(Clash royale) | 4.2 | 100 मिलियन से अधिक | स्ट्रेटजी(Strategy) | 
मोबाइल गेम की लत के क्या कारण हैं?
शोधकर्ताओं को लगता है कि, वीडियो गेम खेलने और जीतने की प्रक्रिया, हमारे मस्तिष्क में डोपामीन (Dopamine) के स्त्राव को बढ़ाती है। डोपामाइन, एक मस्तिष्क रासायनिक द्रव्य है, जो हमारे कई शारीरिक कार्यों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसमें सुखद भावना और प्रेरणा शामिल है। डोपामीन, अन्य विकारों या व्यसनों में भी स्त्रावित होने वाला पदार्थ है। हालिया अनुसंधान, वीडियो गेम की लत और व्यसन विकारों वाले लोगों के दिमाग में, समानताएं दिखाते हैं।
वीडियो गेम की लत से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याएं:
1.व्यक्तिगत स्वच्छता में उपेक्षा: वीडियो गेम के आदी लोग, अपनी स्वच्छता के बारे में कम ध्यान देते हैं। क्योंकि, वे अकेले खेल खेलते हैं, एवं सामाजिक समूहों में कम समय बिताते हैं।
2.ध्यान अभाव/सक्रियता विकार (Attention-deficit/hyperactivity disorder): ये विकार, आज के अधिकांश वीडियो गेमर्स के बीच आम है। वीडियो गेम्स की उच्च अन्तरक्रियाशीलता के कारण, ये गेमर्स के बीच आम हो गया है।
3.सीखने की अक्षमता: गहन वीडियो गेम्स में जल्दी से प्रगति करने वाले लोग, अक्सर वास्तविक दुनिया में चीज़ें सीखने में अक्षमताएं दर्शाते हैं।
4.व्यक्तिगत संबंधों का नुकसान: लत के अधीन गेमर्स, अक्सर दोस्तों, परिवार और सामाजिक गतिविधियों की तुलना में वीडियो गेम पर अधिक समय समर्पित करते हैं।
5. वज़न बढ़ना और मोटापा: वीडियो गेम के आदी लोग, अक्सर बाहर कम समय बिताते हैं और शारीरिक रूप से असक्रिय रहते हैं। इससे वज़न बढ़ने, मोटापे, मधुमेह और हृदय रोग जैसी स्थितियों की जोखिम बढ़ती है।
6.खराब पोषण: गेम्स की लत वाले गेमर्स, आमतौर पर पोषण की उपेक्षा करते हैं और फ़ास्ट फ़ूड और अन्य सुविधाजनक परंतु अस्वास्थ्यकर खाद्य विकल्प चुनते हैं।
7.गठिया और कार्पल टनल सिंड्रोम (Carpal tunnel syndrome): जो लोग अपनी उंगलियों और कलाई के साथ सतत गतिशील रहते हैं, गठिया और कार्पल टनल सिंड्रोम विकसित कर सकते हैं।
8.नींद विकार: गेम्स के आदी गेमर्स, जो रात में देर से खेलते हैं, वे अनिद्रा जैसे नींद विकारों से पीड़ित हो सकते हैं।
9.आक्रामक विचार और व्यवहार: बच्चे और युवा, जो लंबे समय तक वीडियो गेम खेलते रहते हैं, वे आक्रामक विचारों और व्यवहारों को प्रदर्शित करते हैं।
आप अपने वीडियो गेम की लत का इलाज कैसे कर सकते हैं?
1.) मनोचिकित्सा:
समस्याग्रस्त विचारों और व्यवहारों को पहचानने और संशोधित करने के लिए कई तरीके उपलब्ध हैं। इस प्रक्रिया में आम तौर पर एक मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर के साथ संवाद करना शामिल है। वे हमें समर्थन, शिक्षा और मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
2.) कॉग्निटिव-बिहेवियरल थेरेपी (Cognitive-Behavioural Therapy):
यह मनोचिकित्सा उपचार, जो आपको अपने विचारों और व्यवहारों की जांच और उन्हें संशोधित करने में मदद करता है।
3.) अभिभावक परामर्श:
वीडियो गेम्स की लत की प्रकृति और प्रभाव पर, बच्चों एवं युवाओं के अभिभावकों को उन्हें शिक्षित करना चाहिए। यह पारिवारिक गतिशीलता और संवाद को मज़बूत करने में भी मदद करता है।
4.) दवाएं:
यदि मानसिक अस्वास्थ्य या चिंता जैसी अंतर्निहित स्थिति है, तो इन लक्षणों को प्रबंधित करने के लिए, दवाएं भी ली जा सकती हैं।
संदर्भ
मुख्य चित्र स्रोत : pexels