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हमारा शहर अपनी रज़ा लाइब्रेरी और ऐतिहासिक इमारतों के लिए मशहूर है! लेकिन इसकी सांस्कृतिक विरासत की समृद्धि के बावजूद, आज यह शहर एक बड़ी स्वास्थ्य चुनौती का सामना कर रहा है! यह चुनौती है "उच्च रक्तचाप यानी हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) की तेज़ी से बढ़ती समस्या।" रामपुर की आबादी लगातार बढ़ रही है और इसके साथ ही हाई ब्लड प्रेशर जैसी गंभीर बीमारियाँ भी तेज़ी से बढ़ रही हैं। हाई ब्लड प्रेशर को अक्सर "साइलेंट किलर"(Silent Killer) कहा जाता है, क्योंकि यह बीमारी ज़्यादातर बिना किसी स्पष्ट लक्षण के धीरे-धीरे शरीर को नुकसान पहुँचाती है। इसकी चपेट में आने वाले कुछ लोगों को सिर दर्द, चक्कर आना, आँखों के सामने धुंध दिखना या साँस लेने में परेशानी जैसी समस्याएँ हो सकती हैं! लेकिन ज़्यादातर मामलों में इसके लक्षण दिखाई ही नहीं देते।
यही वजह है कि नियमित रूप से अपना ब्लड प्रेशर चेक कराना ही इसका जल्दी पता लगाने का सबसे भरोसेमंद तरीका है। अगर हाई ब्लड प्रेशर का इलाज सही समय पर न किया जाए, तो यह दिल का दौरा (हृदयाघात), ब्रेन स्ट्रोक (Brain Stroke), किडनी फेल होना या आँखों की रोशनी कमज़ोर होने जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। इसलिए जरूरी है कि हम अपनी ज़िंदगी में कुछ अहम बदलाव लाएँ। आज के इस लेख में हम जानेंगे कि हाई ब्लड प्रेशर को "साइलेंट किलर" क्यों कहा जाता है? आगे हम जानेंगे कि इसे पहचानने के सबसे आसान तरीके क्या हैं! फिर हम समझेंगे कि यह मधुमेह (डायबिटीज़) जैसी दूसरी बीमारियों से कैसे जुड़ा होता है और यदि समय रहते इसका इलाज न किया जाए तो इसके क्या नुकसान हो सकते हैं।
उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) "साइलेंट किलर" क्यों है?
उच्च रक्तचाप को आमतौर पर "हाइपरटेंशन" (Hypertension) कहा जाता है! यह हमें चुपचाप लेकिन बेहद खतरनाक तरीके से तबाह कर सकता है। यही वजह है कि इसे “साइलेंट किलर” कहा जाता है। ज़्यादातर लोगों को ये पता भी नहीं होता कि वे इस बीमारी से जूझ रहे हैं, क्योंकि इसकी शुरुआत में कोई साफ़-साफ़ लक्षण दिखाई नहीं देते। लेकिन अंदर ही अंदर यह शरीर को ऐसे नुकसान पहुंचाता है, जिनकी वजह से दिल का दौरा, स्ट्रोक और किडनी फेल जैसी जानलेवा बीमारियां हो सकती हैं! ये बीमारियाँ दुनिया भर में मौत के सबसे आम कारणों में शामिल हैं।
सबसे डरावनी बात यह है कि लोग सालों तक बिना किसी संकेत के इसके साथ जीते रहते हैं। जब तक इस बिमारी का पता चलता है, तब तक ये अपना नुकसान कर चुका होता है। हाइपरटेंशन एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जो दुनिया भर में करोड़ों लोगों को चुपचाप प्रभावित कर रही है। इसकी सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि ये ज़्यादातर बिना लक्षणों के होता है, इसलिए नियमित जांच और सही समय पर पहचान बहुत ज़रूरी है।
कैसे जांचा जाता है रक्तचाप?
डॉक्टर एक विशेष कफ (पट्टी) और स्टेथोस्कोप या डिजिटल मशीन की मदद से हाथ की नस में दबाव मापते हैं। इसके लिए हैंड पंप या मशीन का उपयोग करके रक्तचाप बढ़ाया जाता है। रक्तचाप को सिस्टोलिक (Systolic) (दिल के धड़कने के दौरान) और डायस्टोलिक (Diastolic) (दिल के आराम के दौरान) दबाव के रूप में मापा जाता है।
यह दो स्तरों पर मापा जाता है:
इसके लिए माप की इकाई मिलीमीटर पारा (mmHg) होती है। अगर आपका रक्तचाप लगातार 130/80 mmHg या उससे ज्यादा आता है, तो आपको उच्च रक्तचाप हो सकता है।
कभी-कभी सिर्फ ऊपरी दबाव ही बढ़ा होता है, जिसे “पृथक सिस्टोलिक उच्च रक्तचाप” कहा जाता है। ये रक्तचाप 65 साल से ज़्यादा उम्र के लोगों में आम है।
अतिरिक्त और विशेष जांचें:
ई सी जी (ECG) और इकोकार्डियोग्राम (Echocardiogram) : यह दोनों जांचें दिल की स्थिति और कामकाज को समझने में मदद करती हैं। ये दर्द रहित होती हैं।
अगर हम उच्च रक्तचाप को नज़रअंदाज़ कर दें, तो इसका अंजाम बेहद गंभीर हो सकता है। यह खामोश दुश्मन हमें धीरे-धीरे कई खतरनाक बीमारियों की ओर धकेल देता है—जिनमें दुनिया की सबसे अहम स्वास्थ्य समस्याएँ शामिल हैं:
क्या मधुमेह वाकई उच्च रक्तचाप की वजह बन सकता है?
बिल्कुल! और यही इसे और भी खतरनाक बना देता है। जब किसी व्यक्ति को डायबिटीज (Diabetes) होती है, तो उसका शरीर या तो इंसुलिन (insulin) पर्याप्त मात्रा में नहीं बना पाता, या वह इंसुलिन ठीक से काम नहीं करता। इंसुलिन वही हार्मोन है जो हमारे शरीर को खाने से मिली ग्लूकोज़ (glucose) को ऊर्जा में बदलने में मदद करता है। लेकिन जब इंसुलिन अपनी भूमिका सही से नहीं निभा पाता, तो ग्लूकोज़ कोशिकाओं तक नहीं पहुँचती और सीधा खून में जमा होने लगती है।
इस बढ़ती हुई रक्त शर्करा से धीरे-धीरे शरीर के कई अंगों को नुकसान होने लगता है, खासकर उनको जो हमारे रक्तचाप को नियंत्रित रखने में अहम भूमिका निभाते हैं!
जैसे कि:
इन दोनों पर असर पड़ते ही रक्तचाप का संतुलन बिगड़ना शुरू हो जाता है और यही मधुमेह को उच्च रक्तचाप का एक बड़ा कारण बनाता है। कुल मिलाकर "उच्च रक्तचाप" या "हाइपरटेंशन" इस शहर की बड़ी और खामोश समस्या के रूप में सामने आया है, जो लोगों की अनदेखी और जागरूकता की कमी के कारण धीरे-धीरे विकराल रूप ले रहा है। लेकिन सही जानकारी, समय पर पहचान और डॉक्टर की सलाह से न सिर्फ़ इस बीमारी को रोका जा सकता है, बल्कि रामपुर जैसे शहर को एक स्वस्थ भविष्य की ओर अग्रसर भी किया जा सकता है।
संदर्भ
मुख्य चित्र में उच्च रक्तचाप से पीड़ित एक महिला अपना रक्तचाप जांच करवा रही है। का स्रोत : wikimedia
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