
Post Viewership from Post Date to 06- Jul-2025 (31st) Day | ||||
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City Subscribers (FB+App) | Website (Direct+Google) | Messaging Subscribers | Total | |
2193 | 42 | 0 | 2235 | |
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रामपुर में कभी विज्ञापन का मतलब था—बाज़ारों में लोगों की बातचीत या दुकानों के शटरों पर लगे पोस्टर। आज वही काम इंस्टाग्राम स्टोरीज़ और वॉट्सऐप फॉरवर्ड्स कर रहे हैं।
आपको जानकर हैरानी होगी कि विज्ञापन का सफ़र आज से हज़ारों साल पुराना है! इसकी जड़ें करीब 3000 साल पहले मिस्र के थेब्स शहर तक जाती हैं। वहीं पर दुनिया का पहला लिखा हुआ विज्ञापन एक पपीरस (एक खास तरह का कागज़) पर खोजा गया। दिलचस्प बात ये थी कि इसमें एक भागे हुए नौकर की तलाश की सूचना और साथ ही, एक कपड़े की दुकान का प्रचार भी किया गया था। यहीं से लिखकर विज्ञापन करने की शुरुआत हुई, जो सदियों तक विकसित होती रही।
शुरुआत में तो विज्ञापन ज़्यादातर ज़ुबानी या एक-दूसरे को उत्पाद के बारे में बताकर ही होता था। पर जैसे-जैसे समाज बदला, विज्ञापन के तरीके भी बदलने लगे। लोगों का ध्यान खींचने के लिए पत्थरों पर नक्काशी और झंडों का इस्तेमाल होने लगा। इस तरह, केवल सुनने की बजाय देखकर जानकारी देने का चलन शुरू हुआ, और इसने चीज़ों और सेवाओं को लोगों तक पहुँचाने का नज़रिया ही बदल दिया।
आज हम जिस 'विज्ञापन' को जानते हैं, उसका रूप करीब 17वीं सदी में उभरना शुरू हुआ, जब अख़बार छपने लगे। हालाँकि इसकी नींव तो बहुत पहले ही रखी जा चुकी थी! पहला अंग्रेज़ी विज्ञापन 1477 में विलियम कैक्सटन (William Caxton) ने छापा था! देखते ही देखते, 19वीं सदी आते-आते अख़बार और पत्रिकाएँ विज्ञापन के सबसे बड़े मंच बन गए। उस दौर के विज्ञापन बड़े सीधे-सरल होते थे, जिनमें ज़्यादातर लिखावट ही होती थी, और तस्वीरें न के बराबर होती थी। इनका मुख्य काम बस लोगों को बाज़ार में उपलब्ध चीज़ों और सेवाओं की जानकारी देना था।
फिर औद्योगिक क्रांति का दौर आया। 19वीं सदी के अंत और 20वीं सदी की शुरुआत में पोस्टर्स (Posters) और बड़े-बड़े होर्डिंग खूब चलन में आए। इन्हें भीड़भाड़ वाली जगहों पर लगाया जाता, ताकि आते-जाते लोगों की नज़रें इन पर टिकें। चटकीले रंग और आकर्षक तस्वीरें इन्हें किसी भी ब्रांड को मशहूर करने का ज़बरदस्त ज़रिया बना गईं।
चलिए अब देखते हैं कि अलग-अलग समय में विज्ञापन का स्वरूप कैसा रहा।
21वीं सदी में डिजिटल दुनिया ने विज्ञापन को कैसे बदला?
संदर्भ
मुख्य चित्र में एक कांस्य की प्लेट है, जिसका उपयोग चीन के सॉन्ग राजवंश काल में जिनान शहर में स्थित "लियू परिवार की सुई की दुकान" के विज्ञापन को छापने के लिए किया गया था। इसे दुनिया का सबसे प्राचीन और पहचाना गया मुद्रित विज्ञापन माध्यम माना जाता है। तथा ऑनलाइन विज्ञापन का स्रोत : Wikimedia, pexels
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