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सरस्वती नदी के बाएं तट पर स्थित लालबाग पैलेस (Lal Bagh Palace) केवल एक इमारत नहीं, बल्कि होलकर वंश की भव्यता और ऐश्वर्य का सजीव प्रतीक है। इंदौर के इस भव्य महल का निर्माण तीन पीढ़ियों में हुआ — इसकी नींव तुकोजीराव होलकर द्वितीय (Tukojirao Holkar II) (1844–1886) ने रखी, शिवाजीराव होलकर (Shivaji Rao)(1886–1903) ने निर्माण को आगे बढ़ाया, और तुकोजीराव होलकर तृतीय (Tukojirao Holkar III) (1903–1926) ने इसे पूर्ण रूप से अपना निवास बना लिया। वे 1926 में गद्दी त्यागने के बाद भी 1978 तक यहीं निवास करते रहे। कालांतर में यह संपत्ति प्रिंसेस उषा ट्रस्ट (Princess Usha Trust) से होते हुए देवी अहिल्याबाई होलकर शैक्षणिक न्यास (Devi Ahilya Bai Holkar Educational Trust) में स्थानांतरित हुई और अंततः 1987 में इसे मध्य प्रदेश सरकार ने अधिग्रहित कर एक संग्रहालय का रूप दिया।
यह महल 76 एकड़ में फैला हुआ है और इसका निर्माण तीन चरणों में हुआ। इसमें कभी 20 एकड़ का गुलाब उद्यान भी था। 1980 के दशक में महल उपेक्षा का शिकार हुआ और उसमें कई चोरियाँ भी हुईं, लेकिन 1987 में सरकार द्वारा अधिग्रहण के बाद इसे एक संग्रहालय के रूप में पुनर्जीवित किया गया।
पहले वीडियो में आप लाल बाघ की वास्तुकला के बारे में देखेंगे।
नीचे दिए गए वीडियो के माध्यम से आप लालबाग पैलेस की सुंदर वास्तुकला और खूबसूरत वातावरण को देख सकते हैं।
वास्तुकला और भव्य सज्जा
बर्नार्ड ट्रिग्स (Bernard Triggs) द्वारा डिज़ाइन किया गया यह महल वास्तुकला की रिनेसां (renaissance), पैलाडियन (Palladian) और बारोक शैलियों (baroque elements) का अद्भुत मिश्रण है। इसके फर्नीचर में रोकैको (rococo) और नियो-क्लासिकल (neo-classical) डिज़ाइन झलकती है। इसके चारों ओर फ्रेंच और इंग्लिश लैंडस्केपिंग का सुंदर मेल दिखाई देता है, जो इसे एक विशुद्ध रूप से यूरोपीय स्वरूप तो देता है, लेकिन भारतीय आत्मा को बनाए रखता है।
महल में 45 कक्ष और हॉल हैं — कुछ तहखाने में जैसे स्टोर रूम, किचन, बॉयलर रूम आदि; शेष भूतल और प्रथम तल पर स्थित हैं, जैसे:
नीचे दिए गए वीडियो लिंक के माध्यम से आप लाल बाग पैलेस के भव्य इंटीरियर और आंतरिक वास्तुकला की झलक देख सकते हैं।
अंदर की अद्भुत कलाकृतियाँ और विशेषताएँ
महल के अंदर बेल्जियम के रंगीन कांच की खिड़कियाँ, फ्रांस और इटली से आयातित झूमर, पर्शियन कालीन, ग्रीक देवी-देवताओं की चित्रशैली, और होलकर राजाओं के तेल चित्र सजाए गए हैं।
विशेष आकर्षणों में शामिल हैं:
इस महल का मुख्य द्वार लंदन के बकिंघम पैलेस की प्रतिकृति है, लेकिन उससे दो गुना बड़ा। यह इंग्लैंड से लाया गया कास्ट आयरन से बना है और उस पर होलकर राज्य का चिन्ह – “जो प्रयास करता है, वही सफल होता है” उकेरा गया है। द्वार के दोनों ओर अष्टधातु के दो सिंह लगाए गए हैं, जो रॉयल प्रभाव को और बढ़ाते हैं।
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