रामपुरवासियों, जब हम स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता की बात करते हैं, तो दवाओं और उनके नवाचारों का महत्व किसी भी चर्चा में सबसे अहम माना जाता है। कोविड-19 महामारी ने यह स्पष्ट कर दिया कि फार्मास्यूटिकल (Pharmaceutical) कंपनियां केवल बीमारियों का इलाज करने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ये समाज में आशा और सुरक्षा की किरण भी फैलाती हैं। इन कंपनियों द्वारा विकसित टीके, जीवन रक्षक दवाएँ और स्वास्थ्य उत्पाद न केवल रोगों को रोकते हैं, बल्कि लाखों लोगों की जीवन प्रत्याशा और जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाते हैं। आज हम जर्मनी की दो अग्रणी फार्मा कंपनियों - मर्क (Merck) और बायर (Bayer) - के समृद्ध इतिहास, उल्लेखनीय नवाचार और वैश्विक योगदान के बारे में विस्तार से जानेंगे। साथ ही, हम देखेंगे कि भारत में इनकी उपस्थिति, विशेषकर बायर ज़ाइडस फार्मा (Bayer Zydus Pharma), स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में किस प्रकार योगदान दे रही है और कैसे यह रमपुर के लोगों के लिए भी नई उम्मीदों की किरण बन रही है।
आज हम इस लेख में छह मुख्य पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे। सबसे पहले, जानेंगे कि फार्मास्यूटिकल उद्योग हमारे जीवन में कितनी अहम भूमिका निभाता है और इसका वैश्विक स्तर पर क्या महत्व है। इसके बाद, मर्क कंपनी का इतिहास, शुरुआती संघर्ष और उसके वैश्विक विस्तार की कहानी समझेंगे। फिर, मर्क के महत्वपूर्ण नवाचार और जीवन रक्षक टीकों पर गौर करेंगे। चौथा बिंदु बायर कंपनी के इतिहास और फार्मास्यूटिकल उद्योग में उसके अग्रणी योगदान पर केंद्रित होगा। पाँचवाँ, भारत में बायर ज़ाइडस फार्मा की स्थिति और स्वास्थ्य क्षेत्र में उसके योगदान को जानेंगे। और अंत में, मर्क और बायर की वैश्विक वित्तीय सफलता और भविष्य की संभावनाओं का विश्लेषण करेंगे। आइए, इन सभी पहलुओं को क्रमवार और स्पष्ट तरीके से समझते हैं।
फार्मास्युटिकल उद्योग का मानव जीवन में महत्व
फार्मास्युटिकल उद्योग आज हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन चुका है। यह उद्योग न केवल बीमारियों के इलाज का साधन है, बल्कि स्वास्थ्य सुरक्षा, रोग रोकथाम और जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है। कोविड-19 (Covid-19) महामारी ने इस उद्योग की अहमियत को और स्पष्ट कर दिया, जब पूरी दुनिया की निगाहें नई वैक्सीन के विकास पर टिकी थीं। फार्मास्युटिकल कंपनियां केवल रोगों के उपचार तक ही सीमित नहीं हैं। ये वैज्ञानिक अनुसंधान, नैदानिक परीक्षण और नए चिकित्सा उत्पादों के विकास में निरंतर जुटी रहती हैं। इनके द्वारा तैयार दवाएँ विभिन्न रूपों में आती हैं - गोलियाँ, कैप्सूल (capsule), सिरप (syrup), इंजेक्शन (injection), पैच (patch) और यहां तक कि जैविक टीके भी। वैज्ञानिक बड़े प्रयोगशालाओं में यह अध्ययन करते हैं कि विभिन्न रोग कैसे कार्य करते हैं और उनके प्रभाव को कैसे रोका जा सकता है। यह प्रक्रिया लंबी और जटिल होती है, जिसमें प्रत्येक दवा को सुरक्षित और प्रभावी बनाने के लिए कई चरणों के परीक्षण और अनुमोदन की आवश्यकता होती है। फार्मास्युटिकल उद्योग केवल दवाओं के निर्माण तक ही सीमित नहीं है। यह नए उपचार, इम्यूनोथेरेपी (Immunotherapy), बायोटेक्नोलॉजी (Biotechnology) और नवीनतम चिकित्सा तकनीकों के विकास में भी अग्रणी भूमिका निभाता है। इन नवाचारों के कारण ही आज दुनिया में लाखों लोगों की जीवन प्रत्याशा और स्वास्थ्य बेहतर हुआ है।

मर्क: 350 वर्षों का इतिहास और वैश्विक विस्तार
मर्क (Merck) दुनिया की सबसे पुरानी और प्रतिष्ठित फार्मास्युटिकल कंपनियों में से एक है। इसकी स्थापना 1668 में फ्रेडरिक जैकब मर्क (Friedrich Jacob Merck) द्वारा एंजेल फार्मेसी (Angel Pharmacy) के अधिग्रहण के साथ हुई थी। यह कंपनी आज लगभग 39,000 कर्मचारियों के साथ 67 देशों में सक्रिय है और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व कर रही है। 1820 के दशक में मर्क ने यूरोप के प्रमुख शहरों जैसे बेसल और पेरिस में अपने व्यापारिक संबंध स्थापित किए। 1891 में कंपनी ने न्यूयॉर्क (New York) में अपनी अमेरिकी शाखा की स्थापना की, जिससे यह अमेरिका में भी पहचान बनाने लगी। समय के साथ, प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध जैसी चुनौतियों के बावजूद, मर्क ने अनुसंधान और विकास को अपने विकास का आधार बनाया। कंपनी ने खोई हुई सहायक कंपनियों को पुनः स्थापित किया और वैश्विक स्तर पर अपनी पहुंच को मजबूत किया। मर्क की सबसे बड़ी ताकत इसके अनुसंधान और विकास (R&D) क्षेत्र में है। कंपनी के वैज्ञानिक लगातार नई दवाओं, टीकों और उपचार विधियों के विकास में जुटे रहते हैं। यही कारण है कि मर्क आज भी वैश्विक फार्मास्यूटिकल उद्योग में अग्रणी स्थान पर है।
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मर्क के नवाचार और जीवन रक्षक टीके
मर्क ने स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में अनेक ऐतिहासिक योगदान दिए हैं। कंपनी ने खसरा, कण्ठमाला, रूबेला (Rubella) और एचपीवी (HPV) जैसी बीमारियों के टीके विकसित किए, जो वैश्विक स्तर पर जीवन रक्षक साबित हुए। इसके अलावा, मर्क ने कार्डियोलॉजी (Cardiology) दवाएँ जैसे ‘डिजीमर्क’ (Digimerk) और खांसी की दवा ‘पेक्टामेड’ (Pectamed) लॉन्च की। कैंसर इम्यूनोथेरेपी में मर्क की ब्लॉकबस्टर (blockbuster) दवा कीट्रूडा (Keytruda) ने वैश्विक स्तर पर कंपनी की पहचान और राजस्व में जबरदस्त वृद्धि की है। कीट्रूडा केवल कैंसर के इलाज तक सीमित नहीं है, बल्कि इम्यून सिस्टम (Immune System) को मजबूत करके शरीर की प्राकृतिक रक्षा प्रणाली का समर्थन करती है। इसके परिणामस्वरूप, मर्क ने दुनिया भर में लाखों रोगियों के जीवन को बेहतर बनाया है। विशेषज्ञों के अनुसार, 2026 तक कीट्रूडा की वैश्विक बिक्री $30 बिलियन तक पहुँचने की संभावना है। इसके अलावा, मर्क जैव प्रौद्योगिकी और नवीन टीकों के क्षेत्र में लगातार नवाचार कर रहा है, जिससे संक्रामक रोगों के नियंत्रण और रोकथाम में महत्वपूर्ण योगदान मिलता है।
बायर: नवाचार और उद्योग में अग्रणी योगदान
बायर (Bayer) का मुख्यालय लीवरकुसेन, जर्मनी में है। यह कंपनी फार्मास्यूटिकल्स, उपभोक्ता स्वास्थ्य देखभाल उत्पाद, कृषि रसायन, बीज और जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सक्रिय है। बायर की स्थापना 1863 में फ्रेडरिक बायर और डायर फ्रेडरिक वेस्कॉट (Dyer Frederick Wescott) ने की थी। 1899 में बायर ने एस्पिरिन (Aspirin) लॉन्च किया, जो आज भी डब्ल्यू एच ओ (WHO) की आवश्यक दवाओं की सूची में शामिल है। एस्पिरिन ने हृदय रोगों, दर्द और सूजन के इलाज में क्रांतिकारी योगदान दिया। 1925 में बायर ने पांच अन्य जर्मन कंपनियों के साथ मिलकर आईजी फारबेन (IG Farben) का गठन किया, जिससे यह दुनिया की सबसे बड़ी रासायनिक और दवा कंपनी बन गई। 2016 में बायर का अमेरिकी बहुराष्ट्रीय कंपनी मोनसेंटो (Monsanto) के साथ विलय हुआ, जो अब तक का सबसे बड़ा अधिग्रहण माना जाता है। बायर विशेष रूप से हृदय चिकित्सा, ऑन्कोलॉजी (Oncology) और विशेष चिकित्सा विज्ञान में अग्रणी है। यह कंपनी निरंतर नए उपचार और दवाओं के विकास में निवेश करती है, जिससे वैश्विक स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होता है।![]()
भारत में बायर ज़ाइडस फार्मा की स्थिति और योगदान
भारत में बायर और ज़ाइडस कैडिला (Zydus Cadila) का संयुक्त उद्यम बायर ज़ाइडस फार्मा के नाम से जाना जाता है। यह मुख्य रूप से प्रिस्क्रिप्शन उत्पादों पर केंद्रित है, जिसमें विशेष रूप से कार्डियोलॉजी, महिला स्वास्थ्य देखभाल, ऑन्कोलॉजी, हेमेटोलॉजी (Haematology) और नेत्र विज्ञान शामिल हैं। कंपनी तीन प्रमुख व्यावसायिक इकाइयों में सक्रिय है: सामान्य चिकित्सा, महिला स्वास्थ्य देखभाल और विशेष चिकित्सा। बायर ज़ाइडस फार्मा ने भारत में नवाचार, उच्च गुणवत्ता वाली दवाओं और रोगियों की देखभाल में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसके उत्पाद लाखों रोगियों की जीवन प्रत्याशा और स्वास्थ्य में सुधार लाने में सहायक हैं।
मर्क और बायर की वैश्विक वित्तीय सफलता
मर्क और बायर केवल स्वास्थ्य सेवा में ही नहीं बल्कि वित्तीय दृष्टि से भी वैश्विक स्तर पर मजबूत कंपनियां हैं। 2024 में मर्क की अनुमानित बिक्री $63.1-64.3 बिलियन (billion) के बीच रहने की संभावना है। कीट्रूडा की बिक्री ने वार्षिक लाभ को कई गुना बढ़ाया है। वहीं, बायर ने 2022 में 50.739 बिलियन यूरो (Euro) की बिक्री दर्ज की और ईबिट्डा (EBITDA) 13.513 बिलियन यूरो तक बढ़ाया। शुद्ध आय 4.150 बिलियन यूरो रही और मुक्त नकदी प्रवाह 3.111 बिलियन यूरो तक पहुंचा। इन आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि नवाचार, उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद और उत्कृष्ट प्रबंधन के माध्यम से फार्मास्युटिकल उद्योग में निरंतर सफलता संभव है।
संदर्भ-
https://tinyurl.com/yuxwstcw
https://tinyurl.com/47vekk6k
https://tinyurl.com/5an73fnw
https://tinyurl.com/mw43kbk5
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