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रामपुर में आने वाला हर पर्यटक जामा मस्जिद के दीदार किए बिना शायद ही लौटना चाहे। यह केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि हमारी शहर की शान और ऐतिहासिक गौरव का प्रतीक भी है। इसकी नींव 1766 में नवाब फैजुल्लाह खान ने रखी थी, जिन्हें रामपुर का संस्थापक भी माना जाता है। लगभग एक सदी बाद, नवाब कल्ब अली खान ने इसे और भी भव्य रूप दिया। उन्होंने इसे न केवल धार्मिक महत्व का केंद्र बनाया, बल्कि इसे सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से भी खास बनाया। जामा मस्जिद की मुगल शैली की वास्तुकला, तीन बड़े गुंबद और चार ऊंची मीनारें इसे शाही भव्यता देती हैं। नवाब कल्ब अली खान ने इसे 300,000 रुपये की लागत से पुनर्निर्मित कराया और 1874 में इसका उद्घाटन किया। उनके प्रयासों से रामपुर में शिक्षा, पुस्तकालय, कला-साहित्य और सिंचाई जैसे क्षेत्रों में भी विकास हुआ। आज जामा मस्जिद रामपुरवासियों के लिए गर्व और पहचान का प्रतीक है, और इसकी भव्यता देखकर हर आगंतुक मंत्रमुग्ध हो जाता है। आज यह मस्जिद न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि पर्यटन और सांस्कृतिक दृष्टि से भी रामपुरवासियों के लिए गर्व का कारण है।
इस लेख में हम जानेंगे कि जामा मस्जिद का निर्माण कैसे हुआ और इसके पीछे किस नवाब की दूरदर्शिता थी। इसके बाद हम मस्जिद की अद्भुत मुगल शैली की वास्तुकला, गुंबद, मीनारें और घड़ी जैसी विशेषताओं पर नजर डालेंगे। इसके साथ ही मस्जिद के चारों ओर विकसित शादाब मार्केट और सर्राफा बाजार की जानकारी जानेंगे, जो व्यापार और सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक हैं। अंत में हम मोती मस्जिद और जामा मस्जिद के बीच समानताओं और भिन्नताओं पर चर्चा करेंगे।

जामा मस्जिद का इतिहास और निर्माण
रामपुर की जामा मस्जिद की नींव नवाब फैजुल्लाह खान ने 1766 में रखी थी। यह केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि उस समय के नवाबी गौरव और रामपुर की सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक भी थी। नवाब फैजुल्लाह खान ने इस मस्जिद के निर्माण के माध्यम से न केवल अपने धर्म के प्रति आस्था दिखाई, बल्कि शहर की वास्तुकला और संस्कृति में भी योगदान दिया। लगभग एक सदी बाद, नवाब कल्ब अली खान ने इसे और भव्य रूप में पुनर्निर्मित कराया। नवाब कल्ब अली खान ने केवल मस्जिद का निर्माण ही नहीं कराया, बल्कि रामपुर में शिक्षा, पुस्तकालय, सिंचाई और कला-साहित्य के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस पुनर्निर्माण पर 300,000 रुपये की भारी लागत आई और 1874 में यह काम पूरा हुआ। उस समय इसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते थे।
वास्तुकला और खासियतें
जामा मस्जिद की वास्तुकला मुगल शैली की उत्कृष्ट मिसाल है। इसमें तीन विशाल गुंबद और चार ऊंची मीनारें हैं, जिनके स्वर्णिम शीर्ष इसे शाही भव्यता प्रदान करते हैं। मस्जिद में कई प्रवेश-द्वार हैं, और मुख्य द्वार पर ब्रिटेन से लाई गई घड़ी लगी है, जिसका उपयोग नमाज़ के समय को देखने के लिए किया जाता था। मस्जिद के आसपास नवाब फैजुल्लाह खान द्वारा बनाए गए गेट, जैसे शाहबाद गेट, नवाब गेट और बिलासपुर गेट, शहर के प्रमुख प्रवेश-पथ हैं। मस्जिद परिसर में एक इमामबाड़ा भी है, जहां मुहर्रम के दौरान शहीद इमाम हुसैन की याद में संस्कार आयोजित होते हैं। इस मस्जिद की हर दीवार, गुंबद और मीनार सावधानी और बारीकी से बनाई गई है, जो नवाबी वास्तुकला के गौरव को आज भी जीवित रखती है।
शादाब और सर्राफा बाजार: व्यापार और सौहार्द का प्रतीक
जामा मस्जिद के आसपास शादाब मार्केट और सर्राफा बाजार विकसित हुए, जो आज भी मस्जिद की आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। इन बाजारों में हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के व्यापारी अपनी दुकानें चलाते हैं। यह सांप्रदायिक सौहार्द का जीवंत उदाहरण है और दर्शाता है कि धर्म और व्यापार दोनों ही शहर के सामाजिक ताने-बाने का हिस्सा हैं। मस्जिद और बाजार का यह जोड़ केवल आर्थिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। यह क्षेत्र रामपुरवासियों और पर्यटकों दोनों के लिए आकर्षण का केंद्र बन चुका है, और यहां की हलचल और जीवंतता शहर की सांस्कृतिक विविधता को उजागर करती है।
मोती मस्जिद और जामा मस्जिद का मेल
मोती मस्जिद जामा मस्जिद से केवल 200 मीटर की दूरी पर स्थित है और सफेद संगमरमर से बनी है। इसकी सुंदरता देखकर जामा मस्जिद की भव्यता का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। मोती मस्जिद का निर्माण नवाब फैज़ुल्लाह खान ने 1711 में शुरू किया था और इसे नवाब हामिद अली खान ने पूरा किया। इसमें चार लंबी मीनारें और तीन गुंबद हैं, और इसकी वास्तुकला पर मुगलिया शैली का स्पष्ट प्रभाव देखा जा सकता है। मोती मस्जिद और जामा मस्जिद की शैली में समानताएं हैं, जो रामपुर की समृद्ध नवाबी वास्तुकला की पहचान को और भी विशेष बनाती हैं। दोनों मस्जिदें धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से एक दूसरे का पूरक हैं और शहर के गौरव का हिस्सा हैं।
संदर्भ
https://shorter.me/SzqkJ
https://shorter.me/0E2XJ
https://shorter.me/T11EH
https://tinyurl.com/4wfpbh2y
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