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लोगों के नौकरी से सेवानिवृत्ति होने के बाद उनके पास पैसा का अभाव होने लगता है। ऐसे ही अभाव को कम करने के लिए पेंशन योजनाएं लाई गई हैं। पेंशन योजनाएं वृद्धावस्था के दौरान वित्तीय सुरक्षा और स्थिरता प्रदान करती हैं जब लोगों के पास आय का कोई भी नियमित स्रोत नहीं होता है। सेवानिवृत्ति योजनाएं यह सुनिश्चित करती है कि वृद्धावस्था के दौरान लोग गर्व के साथ अपने जीवन स्तर से समझौता किए बिना अपना निर्वाह कर सकें। पेंशन योजना से लोगों को निवेश करने और अपनी बचत संचित करने का अवसर प्राप्त होता है, जिसके जरिये उन्हें सेवानिवृत्ति के समय वार्षिक योजना के रूप में एक नियमित आय के तौर पर एक मुश्त राशि मिलती है।
वर्तनाम में भारत सरकार ने अधिक से अधिक नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) आरंभ की है। यह एक स्वैच्छिक योगदान पेंशन प्रणाली है जिसे 10 अक्तूबर 2003 को स्थापित पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के द्वारा प्रशासित और विनियमित किया जाता है। एनपीएस 1 जनवरी 2004 में सरकारी कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत्ति आय प्रदान करने के उद्देश्य से आरंभ की गई थी। परंतु बाद में साल 1 मई 2009 में इसे स्वैच्छिक आधार पर असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों सहित देश के सभी नागरिकों को प्रदान किया गया।
एनपीएस का लक्ष्य पेंशन के सुधारों को स्थापित करना और नागरिकों में सेवानिवृत्ति के लिए बचत की आदत को बढ़ावा देना है। आज एनपीएस धारा 80CCC और धारा 80CCD के तहत आसानी से उपलब्ध है और कर में छूट प्रदान करता है। पहले 60 साल पूरे होने पर आप कुल जमा एनपीएस के खाते से 60 फीसदी हिस्सा निकाल सकते थे इसमें से आपको 40 फीसदी निकालने पर कर नहीं चुकाना पड़ता था लेकिन बाकी 20 फीसदी पर आप को अपने इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से कर चुकाना पड़ता था, परंतु 10 दिसंबर 2018 को, भारत सरकार ने पूरे 60 फीसदी हिस्से को कर मुक्त कर दिया है। एनपीएस के तहत कर्मचारी सेवानिवृत्ति के समय कुल जमा कोष में से 60 प्रतिशत राशि निकालने का पात्र होता है। शेष 40 प्रतिशत जुड़ी राशि उस कर्मचारी के पेंशन योजना में चली जाती है।
18 वर्ष की उम्र से लेकर 60 वर्ष की उम्र तक कोई भी भारतीय नागरिक चाहे वे निवासी हों या अनिवासी उपस्थिति बिन्दु (पीओपी)-सेवाप्रदाता (पीओपी- एसपी) एनपीएस में आवेदन जमा करने की तिथि से एनपीएस में खाता खोल सकते हैं। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, निजी बैंकों, निजी वित्तीय संस्थानों और डाक विभाग सहित नागरिकों के राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) खोलने के लिए उपस्थिति के बिंदु (पीओपी) के रूप में 58 संस्थानों को अधिकृत किया है। इस योजना में दो तरह के खाते होते हैं: टियर 1 और टियर 2। टियर 1 खाते से आप जो भी रकम जमा कर रहे हैं उसे वक्त से पहले यानी सेवानिवृत्ति तक नहीं निकाल सकते हैं, यह सेवा निवृत्ति की बचत के लिए बनाया गया खाता है। टियर 2 खाते में आप अपनी इच्छा से पैसा जमा कर सकते है और निकाल भी सकते है। परंतु इस खाते पर कोई कर लाभ उपलब्ध नहीं हैं।
भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भारत के सभी किसानों के लिए किसान पेंशन योजना कि घोषणा की। इस योजना के तहत 60 वर्ष से अधिक आयु वाले सभी किसानों को मासिक पेंशन के रूप में 5000 रुपये दिये जायेंगे। इसका लाभ उठाने के लिये किसानों को इस पेंशन योजना में अपना पंजीकरण कराना होगा। रामपुर में भी वृद्धावस्था के लिये कई पेंशन कल्याणकारी योजनाएं चलाई गई हैं। यहां वृद्धावस्था /किसान पेंशन के तहत कई वृद्ध लाभांवित हुए है। 2018 के एक सर्वेक्षण के अनुसार जनपद में शहरी क्षेत्र के 512 वृद्ध किसानों ने इस योजना लाभ उठाया।
जब व्यक्ति रोजगार से मुक्त अथवा कार्य करने में अक्षम हो जाता है, वैसी स्थिति में पेंशन उसके लिए वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करती है। भारत में जीवन प्रत्याशा बढ़ने के कारण आज पेंशन योजनाएं अधिक लाभप्रद बन गई हैं। भारत के निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र में कई पेंशन योजनाएं प्रचलन में हैं। भारत सरकार ने अपने नागरिकों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न पेंशन योजनाएं लागू की हैं, किन्तु सभी योजनाओं का उद्देश्य सभी को सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना ही होता है।
संदर्भ:
1.https://en.wikipedia.org/wiki/National_Pension_System
2.https://www.india.gov.in/spotlight/national-pension-system-retirement-plan-all
3.https://bit.ly/2S26JfN
4.http://www.indiaeinfo.com/apply-for-rs-5000-monthly-pension-for-all-farmers/
5.https://rampur.nic.in/old-age-pension-farmer-pension/