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एक अच्छा जीवन व्यतीत करने के लिए शारीरिक स्वास्थ्य जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही महत्वपूर्ण मानसिक स्वास्थ्य भी है। किंतु वर्तमान समय की व्यस्त दिनचर्या में ऐसे कई कारक हैं जिनका सीधा असर हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। भारत में 7.5% भारतीय आबादी किसी न किसी तरह की मानसिक बीमारी से पीड़ित है किंतु इनका उपचार करने के लिए 4,000 से भी कम विशेषज्ञ मौजूद हैं। यह अनुमान लगाया गया है कि अगले साल तक, भारत का लगभग 20% हिस्सा किसी न किसी मानसिक बीमारी से पीड़ित होगा। मानसिक बीमारियां सभी स्वास्थ्य संबंधी विकारों का एक छंठा हिस्सा बनाती हैं। यदि मानसिक बीमारियों की व्यापकता और उपचार प्राप्त करने वाले रोगियों के अनुपात को देखा जाये तो यह अनुपात 70% से भी अधिक है। तनाव, अवसाद, स्मृति हीनता आदि ऐसी कई मानसिक दशाएं हैं जिनसे मानव ग्रसित है तथा अपने मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ अपने शारीरिक स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचाता है।
जैसा कि हम जानते हैं कि व्यायाम हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, किंतु कई लोग यह नहीं जानते कि इसका सकारात्मक असर हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। व्यायाम सिर्फ एरोबिक (Aerobic) क्षमता और मांसपेशियों के आकार के बारे में नहीं है। ऐसा नहीं है कि लोग केवल शरीर को बेहतर, कमर को पतला तथा जीवन को लम्बा करने के लिए ही व्यायाम करते हैं। वे नियमित रूप से व्यायाम करने के लिए प्रेरित होते हैं क्योंकि इससे उन्हें कल्याण का आभास होता है। वे दिन भर अधिक ऊर्जावान महसूस करते हैं, रात में बेहतर नींद लेते हैं, याददाश्त को ताज़ा रखते हैं, और अधिक आराम तथा सकारात्मक महसूस करते हैं।
व्यायाम कई सामान्य मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों के लिए शक्तिशाली दवा भी है। नियमित व्यायाम तनाव से छुटकारा दिलाता है, स्मृति में सुधार लाता है, बेहतर नींद में मदद करता है, तथा समग्र मनोदशा को बढ़ाता है। व्यायाम का प्रभाव हमारे मस्तिष्क की न्यूरोप्लास्टिसिटी (Neuroplasticity) पर पड़ता है। ये वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा न्यूरॉन्स (Neurons) समय के साथ एक अव्यवस्था के अनुकूलित हो जाते हैं। अधिकतर ऐसा किसी उत्तेजना के बार-बार सम्पर्क में आने की प्रतिक्रिया के कारण होता है। ऑक्सीजन (Oxygen) की उपस्थिति में होने वाला व्यायाम न्यूरोट्रॉफिक कारकों (Neurotrophic factors) - जैसे, BDNF, IGF-1, VEGF के उत्पादन को बढ़ाता है, जोकि मस्तिष्क में रक्त वाहिकाओं के निर्माण, वयस्क न्यूरोजेनेसिस (Adult neurogenesis), और न्यूरोप्लास्टिसिटी के अन्य रूपों को बढ़ावा देकर हमारी स्मृति के विभिन्न रूपों और संज्ञानात्मक कार्यों में सुधार लाते हैं।
कई महीनों की अवधि में लगातार किया गया व्यायाम मस्तिष्क के विभिन्न कार्यों में नैदानिक रूप से महत्वपूर्ण सुधार लाता है और मस्तिष्क के लगभग सभी क्षेत्रों में ग्रे मैटर (Grey matter) की मात्रा को बढ़ाता है। ग्रे मैटर केंद्रीय तंत्रिका तंत्र का एक प्रमुख घटक है, जो संज्ञानात्मक कार्यों के नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वायु की उपस्थिति में व्यायाम करने के प्रभाव से मस्तिष्क की प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स (Prefrontal cortex), कॉडेट न्यूक्लियस (Caudate nucleus) और हिप्पोकैम्पस (Hippocampus) संरचनाएं ग्रे पदार्थ की मात्रा में सबसे बड़ा सुधार दिखाती हैं। ये संरचनाएं उन सभी महत्वपूर्ण मस्तिष्क संरचनाओं में से एक हैं जो डोपामीन (Dopamine) और नॉरेपिनेफ्रिन प्रणालियों (Norepinephrine systems) में संज्ञानात्मक नियंत्रण को जन्म देती हैं। जब इनके ग्रे पदार्थ में वृद्धि होती है तो स्थानिक स्मृति में सुधार, सूचना प्रसंस्करण गति में तेज़ी तथा एपिजेनेटिक (Epigenetic) परिवर्तन होते हैं जो तनाव में सुधार, संज्ञानात्मक कार्य में सुधार और न्यूरोनल गतिविधि (Neuronal activity) में वृद्धि करते हैं। ऐसे कई साक्ष्य हैं जो यह बताते हैं कि शारीरिक व्यायाम मस्तिष्क में संरचनात्मक और कार्यात्मक परिवर्तनों को प्रेरित करता है और सकारात्मक जैविक और मनोवैज्ञानिक प्रभावों को निर्धारित करता है। यह बुढ़ापे में होने होने वाले रोगों का मुकाबला करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह न्यूरोडीजेनेरेशन (Neurodegeneration) का एक सुरक्षात्मक कारक भी है।
क्रोनिक (Chronic) और एरोबिक व्यायाम द्वारा समान रूप से लाभ प्राप्त किया जा सकता है। शारीरिक व्यायाम बुद्धिमत्ता को बढ़ाता है तथा बुढापे में आने वाली समस्याओं को रोकने में मदद करता है। जैसे जो वृद्ध लोग हल्का व्यायाम करते हैं, उनकी संज्ञानात्मक हानि से पीड़ित होने की संभावना आधी हो जाती है। एक संभावित कारण यह है कि व्यायाम मस्तिष्क में रक्त (और इसलिए ऑक्सीजन) की आपूर्ति को बढ़ाता है, जो इसे स्मृति को बनाए रखने हेतु ऊर्जा देने में मदद करता है। यह न्यूरॉन्स की वृद्धि को बढ़ावा देता है और कुछ न्यूरोट्रांसमीटर (Neurotransmitter) और विकास हार्मोन (Growth hormone) के स्राव के लिए उन्हें प्रोत्साहित करता है। ये सभी प्रक्रियाएं मस्तिष्क के समग्र स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। इसलिए अच्छे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए व्यायाम का उपयोग एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में किया जा सकता है।
संदर्भ:
1. https://bit.ly/2PjqAED
2. https://en.wikipedia.org/wiki/Neurobiological_effects_of_physical_exercise
3. https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5934999/
4. https://www.bbc.com/future/article/20141010-why-exercise-boosts-iq
5. https://bit.ly/2VpDh4T
चित्र सन्दर्भ:
1. https://bit.ly/2T5dnlj
2. https://www.piqsels.com/en/search?q=spiritual+exercise
3. https://www.piqsels.com/en/search?q=spiritual+exercise
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