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ब्रह्माण्ड में मौजूद ग्रह-उपग्रह अपनी अद्भूत संरचना और आश्चर्यजनक गतिविधियों के कारण अनयास ही मानव का ध्यान अपनी और आकर्षित करते हैं। हर किसी के मन में इन्हें निकटता से देखने की जिज्ञासा उत्पन्न होती है लेकिन सभी के लिए यह संभव नहीं है। किंतु विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी के विकास ने इसे आम जन के लिए काफी हद तक संभव बना दिया है, विश्व भर में जगह जगह पर बनी नक्षत्रशालाएं इसका प्रत्यक्ष उदाहरण हैं। यहां पर मौजूद उपकरणों के माध्यम से खगोलीय घटनाओं को काफी निकटता से देखा जा सकता है। रामपुर की आर्यभट्ट नक्षत्रशाला भी इनमें से एक है जो आम जनता को विभिन्न खगोलीय घटनाओं जैसे चन्द्रग्रहण, सूर्यग्रहण को निकटता से देखने के अवसर प्रदान करती है।
इस प्रकार की खगोलीय घटनाओं को बिना किसी उपकरण के देखना आंखों की रोशनी के लिए खतरा बन सकता है। इसलिए इस नक्षत्रशाला में विभिन्न प्रकार की दूरबीनें लगायीं गयी हैं जिनकी सहायता से लोग आसानी से इन घटनाओं का अवलोकन कर सकते हैं। प्रारंभ में राज्य सरकार द्वारा इस नक्षत्रशाला का नाम भीमराव अंबेटकर जी के नाम पर रखा गया था आगे चलकर इसका नाम बदलकर भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक एवं गणितज्ञ आर्यभट्ट जी के नाम पर रख दिया गया। इसकी प्रमुख विशेषता यह है कि ये नक्षत्रशाला भारत की पहली लेजर (Laser) नक्षत्रशाला है, जोकि डिजिटल लेजर तकनीक (Digital laser technology) पर आधारित है। नक्षत्रशाला के कंप्यूटर डेटाबेस (Computer Database) में घटनाओं के अनुक्रम के साथ दिनांक और समय जैसी अन्य सूचनाओं या जानकारियों को नासा (NASA) द्वारा ऑनलाइन (Online) अद्यतन किया जाता है। उन सूचनाओं से कंप्यूटर द्वारा भावी आकाशीय गतिविधियों के चित्र तैयार किए जाते हैं। जिसके बाद उन्हें लेजर प्रक्षेपक (Laser Projector) का उपयोग करने वाले नक्षत्रशाला में प्रदर्शित किया जाता है।
इस नक्षत्रशाला में प्रतिदिन लोगों के लिए 3 कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनकी अवधि 50 मिनट की होती है। कार्यक्रम का समय दोपहर 1:00 बजे, अपराह्न 3:00 बजे और शाम 5:00 बजे का होता है। 100 या अधिक के समूह के लिए यहां पर अतिरिक्त कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है, जिसमें प्रति व्यक्ति शुल्क 10 रुपये लगता है, यह कार्यक्रम 10:30 बजे से 12:15 बजे के बीच आयोजित किए जाते हैं। गर्मियों की छुट्टियों में एक अन्य अतिरिक्त कार्यक्रम शाम 6 बजे से भी दिखाया जाता है। नक्षत्रशाला में प्रवेश शुल्क 3 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए प्रति व्यक्ति 25 रुपये है। प्रमाण पत्र दिखाने पर विकलांगों के लिए प्रवेश निःशुल्क है। 30 या अधिक व्यक्तियों के समूह के लिए रियायती टिकट प्रति व्यक्ति 10 रुपये है। प्रत्येक सोमवार को नक्षत्रशाला बंद रहती है।
यह नक्षत्रशाला खगोल विज्ञान और रात में होने वाली आकाशीय घटनाओं के बारे में शैक्षिक और मनोरंजक जानकारियों या आकाशीय नेविगेशन (Navigation) में प्रशिक्षण के लिए उपयोगी है। यह नक्षत्रशाला 3-डी (3-D) चित्रों का अनुभव भी प्रदान करती है, जिसे विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा बनाया गया है। रामपुर की यह नक्षत्रशाला विज्ञान और तकनीक को लोकप्रिय बनाने में मदद करती है।
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