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वास्तुकला इस्लाम की सबसे उच्चतम और विकसित कलाओं में से एक है। इस्लामी निवासिय वास्तुकला की अपनी विशेषताएँ हैं जो अदब, उम्मा और एकांत के सहित जलवायु पर आधारित है। प्रांगण और बड़ी बाहरी फाटक जैसी दिवार, रस्ते के तरफ न खुलने वाली खिड़कियाँ, इन सभी वैशिष्ट्यों की वजह से इस वास्तुकला को आर्किटेक्चर ऑफ़ वैइल – परदे/नक़ाब की वास्तुकला के नाम से जाना जाता है। हमे इस वास्तुकला के बहुत सारे उदाहरण रामपुर में मिलते हैं। रामपुर में आज भी ऐसे कई घर हैं जो इस्लामिक आवासीय वास्तुकला के आधार पर बने हैं। कमरों के बीच घिरा हुआ प्रांगण जो बाहरी दिवार की तरफ जाता है और इस बाहरी दिवार में एक छोटा दरवाज़ा जिस में आने-जाने के लिए झुकना पड़ता है। घर के अंदर का हिस्सा खुला एवं हवादार रहता है और इसमें धुप ठीक से मिलने के लिए प्रबंध होता है। इन घरों में वजुखाना और कभी-कभी फुहारें भी होते हैं। इस्लामिक आवास में बाहरी बड़ी दीवार बहुत महत्वपूर्ण होती है। उसकी वजह से कोई भी अन्दर झांक नहीं सकता और घर की तथा घर वालों की खास कर औरतों की व्यक्तिगतता बनी रहती है। उस दिवार का एक और मकसद ये होता है की ठण्ड और ठंडी हवाओं से बचाव हो सके। बहुत बार इन दीवारों को, रामपुर में भी, पुष्पलताएं अथवा पर्णावली से ढका जाता है जिस वजह से आद्रता बनी रहती है और गर्मी से राहत भी मिलती है। 1. इस्लामिक आर्किटेक्चर: जारा हुसैन http://www.bbc.co.uk/religion/religions/islam/art/architecture.shtml 2. प्राइवेसी, मॉडेस्टी, हॉस्पिटैलिटी, एंड द डिजाइन्स ऑफ़ मुस्लिम होम्स: अ लिटरेचर रिव्यु: ज़ुल्केप्ली ओथमान, रोजमेरी ऐर्द, लौरी बैय्स, फ्रंटियर्स ऑफ़ आर्किटेक्चरल रिसर्च (2015) 4, 12-23. 3. द इन्फ्लुएंस ऑफ़ कल्चर एंड रिलिजन ऑन विजुअल प्राइवेसी: जैतोन अब्दुल रहीम, एशियन कोन्फेरेंस, साउथ कोरिया, 25-27 औगस्ट 2014 4. https://www.islamicity.org/8005/suggestions-for-designing-and-building-muslim-houses/ 5. http://www.muslimheritage.com/article/courtyard-houses-syria 6. रेसिडेंशियल आर्किटेक्चर इन इस्लामिक सिविलाइज़ेशन: डॉ. खालिद अज़ब, इनफार्मेशन डायरेक्टरेट, अलेक्सांद्रिया लाइब्रेरी