रामपुर में बासमती चावल की खेती

डीएनए के अनुसार वर्गीकरण
03-02-2018 12:12 PM
रामपुर में बासमती चावल की खेती

पूरे विश्व में तक़रीबन 155 दस-लाख हेक्टेयर जमीन पर और 11% कृषिभूमि पर चावल की खेती होती है। भारत पुरे विश्व में चावल उत्पादन में दुसरे स्थान पर है तथा यहाँ पर सुगन्धित चावल के कई प्रकार उगाये जाते हैं। भारत में 7 मिलियन टन से भी ज्यादा सुगन्धित चावल उगता है जिसमे से लग-भग 3.5 मिलियन टन निर्यात किया जाता है। इस चावल को बासमती के नाम से जाना जाता है, बासमती मतलब जो सुगन्धित है। बासमती को चावल का राजा कहा जाता है। लम्बे चावल के दाने, खुशबू तथा स्वाद के लिए जाना जाता है। केतकी/केवड़ा जैसी खुशबू वाले 2-एसिटल-1-पाईरोंलीन इस संयोंजक की वजह से बासमती को ऐसी खुसबू मिलती है। सन 2005 के एक शोधनिबंध के रिपोर्ट अनुसार उत्तर प्रदेश के 13 जिलों में 2.45 लाख हेक्टेयर जमीन में बासमती उगाया जाता है जिसमे से रामपुर की 11.2 हज़ार हेक्टेयर जमीन पर। बासमती चावल के दो प्रमुख प्रकार हैं: पारंपारिक और अपारंपरिक। रामपुर कृषि-निर्यात क्षेत्र में आता है तथा उत्तर प्रदेश के कुल चावल उत्पादन में से 12.13% चावल उत्पादन यहाँ पर होता है। हर बासमती चावल के प्रकार की जैविक सरंचना उसके डीएनए (डी-ओक्सी-रायबोनुक्लिक एसिड) मतलब जीवित कोशिकाओं के गुणसूत्रों में पाए जाने वाले तंतुनुमा अणु डी-ऑक्सीराइबोन्यूक्लिक अम्ल के अनुसार बदलती है। इसमें अनुवांशिक कूट निबद्ध रहता है और दो अलग-अलग गुणसुत्रों को मिलाकर नयी संकरित प्रजातियाँ बनाई जाती हैं । डी एन ए अणु की संरचना घुमावदार सीढ़ी की तरह होती है। रामपुर में पूसा बासमती 1121, पूसा 1509, पीबी-1,3 और 6 ये बासमती चावल के प्रकार उत्पादित होते हैं। पूसा बासमती 1 (पीबी-1) जिसे तोडल के नाम से भी जाना जाता है एक संकरित चावल का प्रकार है जिसे भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने, दिल्ली ने पारंपरिक चावल का इस्तेमाल करके तैयार किया है। बासमती चावल में होने वाली मिलावट को रोकने के लिए डीएनए प्राविधि का उपयोग किया जाता है। 2017 के एक रिपोर्ट अनुसार खरीफ के मौसम में रामपुर में कुल जमीन के 1.8% जमीन पर बासमती चावल उगाया गया। आज रामपुर में एमएसएमई रिपोर्ट के अनुसार चावलकारखाने बनाने की योजनाएं अंतर्भूत हैं। प्रस्तुत चित्र पारंपरिक बासमती चावल का है। 1. सी-डेप रामपुर 2007 2. बासमतीसर्वे रिपोर्ट वॉल्यूम 1, एपीइडीए, नई दिल्ली, 2017 3. बासमती डेवलपमेंट रिसर्च फाउंडेशन, एपीइडीए, नई दिल्ली रिपोर्ट 4, 2017 4. बासमती http://agritech.tnau.ac.in/banking/PDF/Basmati.pdf 5. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, दिल्ली http://www.iari.res.in/ 6. बासमती वेरिफायर किट http://www.cdfd.org.in/images/APEDA/basmati_verifiler_manual.pdf 7.http://nopr.niscair.res.in/bitstream/123456789/5888/1/IJBT%203%284%29%20519-526.pdf