भूकंप की क्षति को उसकी तीव्रता या परिणाम, कौन से संदर्भ में आंका जाना चाहिए?

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भूकंप की क्षति को उसकी तीव्रता या परिणाम, कौन से संदर्भ में आंका जाना चाहिए?

भूकंप पृथ्वी के आंतरिक भाग में उत्पन्न होने वाली गहरी शक्तियों का परिणाम होता हैं, जो लगातार पृथ्वी की सतह को प्रभावित करते हैं। इन शक्तियों के कारण उत्पन्न हुई ऊर्जा, चट्टानों के भीतर विभिन्न तरीकों से संग्रहीत होती है। और जब यह ऊर्जा अचानक जारी होती है, तो भूकंप का परिणाम होता है।
भूकंप की गंभीरता को ‘तीव्रता(Intensity)’ और ‘परिमाण(Magnitude)’ दोनों के संदर्भ में व्यक्त किया जा सकता है।हालांकि, ये दोनों शब्द काफी भिन्न हैं, परंतु फिर भी हम अक्सर इनसे भ्रमित हो सकते हैं।तीव्रता लोगों, इमारतों और प्राकृतिक कारकों पर देखे गए, भूकंप के प्रभावों पर आधारित है। जबकि, परिमाण भूकंप के केंद्र पर जारी भूकंपीय ऊर्जा की मात्रा से संबंधित है। यह उन उपकरणों पर दर्ज भूकंप तरंगों के आयाम पर आधारित है, जिनमें एक सामान्य अंशांकन होता है। इस प्रकार भूकंप की तीव्रता को एकल, यंत्रवत् निर्धारित मूल्य द्वारा दर्शाया जाता है। भूकंपीय तरंगें भूकंप से उत्पन्न कंपन होते हैं, जो पृथ्वी के माध्यम से यात्रा करते हैं। इन्हें सीस्मोग्राफ(Seismograph) नामक उपकरणों पर दर्ज किया जाता है। सिस्मोग्राफ एक ज़िग-ज़ैग ट्रेस(Zig-zag trace)रिकॉर्ड करता है, जो उपकरण के नीचे मौजूद जमीन के दोलन के अलग-अलग आयाम को दर्शाता है। भूकंप के रिक्टर(Richter scale) परिमाण पैमाने को 1935 में कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी(California Institute of Technology) के चार्ल्स एफ. रिक्टर(Charles F. Richter) द्वारा भूकंप के परिणाम की तुलना करने के लिए, एक गणितीय उपकरण के रूप में विकसित किया गया था। रिक्टरस्केल पर परिमाण को पूर्ण संख्याओं और दशमलव अंशों में व्यक्त किया जाता है। उदाहरण के लिए, एक मध्यम भूकंप के लिए 5.3 की तीव्रता की गणना की जा सकती है, और एक शक्तिशाली भूकंप के लिए 6.3 की तीव्रता का मूल्यांकन किया जा सकता है। लगभग 2.0 या उससे कम तीव्रता वाले भूकंपों को आमतौर पर सूक्ष्म भूकंप कहा जाता है। वे आमतौर पर लोगों द्वारा महसूस नहीं किए जाते हैं और उन्हें केवल स्थानीय भूकंपमापी पर ही दर्ज किए जाते हैं। लगभग 4.5 या उससे अधिक तीव्रता वाली घटनाएं, संवेदनशील भूकंपमापी द्वारा दर्ज किए जाने के लिए पर्याप्त परिणामी होती हैं। कुछ बड़े भूकंप भी होते हैं, जैसे 1964 में अलास्का(Alaska) में आया भूकंप एक बड़ा भूकंप था। बड़े भूकंप की तीव्रता 8.0 या इससे अधिक होती है। औसतन हर वर्ष दुनिया में कहीं न कहीं,इतनी बड़ी तीव्रता का एक भूकंप आता है।
हालांकि,रिक्टरस्केल की कोई ऊपरी सीमा नहीं है, सबसे बड़े ज्ञात भूकंपों की तीव्रता 8.8 से 8.9 के बीच रही है। परिमाण में प्रत्येक पूर्ण-संख्या वृद्धि के लिए, जारी भूकंपीय ऊर्जा लगभग 32 गुना बढ़ जाती है। इसका मतलब है कि 7 तीव्रता का भूकंप 6 तीव्रता की तुलना में 32 गुना अधिक ऊर्जा पैदा करता है, या 32 गुना अधिक शक्तिशाली होता है। जबकि, भूकंप द्वारा हुई क्षति को व्यक्त करने के लिए रिक्टरस्केल का उपयोग नहीं किया जाता है। किसी घनी आबादी वाले क्षेत्र में आया भूकंप, जिसके परिणामस्वरूप जीवनहानी और काफी क्षति होती हैं, उसका परिणाम किसी दूरदराज के क्षेत्र में आए भूकंप के समान ही हो सकता है,जो कम जीवन हानी के कारण हमारा ध्यान आकर्षित नहीं करता है।जबकि, महासागरों के नीचे आने वाले बड़े तीव्रता वाले भूकंपों को इंसानों द्वारा महसूस भी नहीं किया जा सकता है। पृथ्वी की सतह पर हुए भूकंप के प्रभाव को इसकी तीव्रता कहा जाता है। तीव्रता के पैमाने में कुछ प्रमुख प्रतिक्रियाओं की एक श्रृंखला शामिल होती है, जैसे कि, लोगों का घबराकर अपने घरों से बाहर आना, घरों को नुकसान, या फिर पूर्ण विनाश। किसी भूकंप की तीव्रता को मापने हेतु, वर्तमान में संयुक्त राज्य अमेरिका(United States of America) में संशोधित मर्कल्ली तीव्रता स्केल(Mercalli Intensity Scale)प्रयुक्त की जाती है। इसे 1931 में अमेरिकी भूकंप विज्ञानी हैरी वुड(Harry Wood) और फ्रैंक न्यूमैन(Frank Neumann) द्वारा विकसित किया गया था। तीव्रता के 12 बढ़ते स्तरों से बना यह पैमाना, रोमन अंकों(Roman numbers) द्वारा निर्दिष्ट किया गया है। इसका कोई गणितीय आधार नहीं है; इसके बजाय यह देखे गए प्रभावों के आधार पर एक श्रेणी है। भूकंप के बाद किसी विशिष्ट स्थल को निर्दिष्ट किया गया, संशोधित मर्कली तीव्रता मान गैर-वैज्ञानिकों के लिए परिमाण की तुलना में गंभीरता का अधिक सार्थक माप है।क्योंकि, तीव्रता उस स्थान पर वास्तव में अनुभव किए गए प्रभावों को संदर्भित करती है। अधिकतम देखी गई तीव्रता आम तौर पर भूकंप के केंद्र के पास होती है। आइए, मर्कली स्केल के माप जानते हैं।
तीव्रता 10: चरम – इसमें कुछ अच्छी तरह से निर्मित लकड़ी के ढांचे की संरचनाएं नष्ट हो सकते है; आधिकांश चिनाई और ढांचागत संरचनाएं नींव के साथ नष्ट हो जाती हैं तथा रेल की पटरियां मुढ़ सकती हैं।
तीव्रता 9: विनाशकारी – इसमें विशेष रूप से डिज़ाइन की गई संरचनाओं में काफी क्षति हो सकती हैं जबकि, अच्छी तरह से डिजाइन की गई ढांचागत संरचनाएं टूट सकती हैं। आंशिक रूप से ढहने के साथ, बड़ी इमारतों को भी भारी क्षति हो सकती है।
तीव्रता 8: गंभीर – विशेष रूप से डिज़ाइन की गई संरचनाओं में मामूली क्षति जबकि, आंशिक रूप से ढहने के साथ, सामान्य बड़ी इमारतों में अधिक क्षति देखी जा सकती हैं। इस तीव्रता पर ख़राब ढंग से निर्मित संरचनाओं में व्यापक क्षति होती हैं। चिमनियों, कारखानों , स्तंभों, स्मारकों, दीवारों आदि का गिरना भी इसमें आम हैं।
तीव्रता 7:बहुत तीव्र – इस तीव्रता पर अच्छे डिजाइन और निर्माण की इमारतों में क्षति नगण्य होती हैं जबकि, अच्छी तरह से निर्मित सामान्य संरचनाओं में मामूली से मध्यम क्षति होती हैं। इसके अलावा, खराब तरीके से निर्मित या खराब डिजाइन वाली संरचनाओं में काफी क्षति हो सकती हैं।
तीव्रता 6: तीव्र – इस तीव्रता वाले भूकंप को सभी महसूस कर सकते हैं और भयभीत हो सकते है। कुछ भारी फर्नीचर अपनी जगह से खिसक सकते हैं, तथा प्लास्टर गिरने की कुछ घटनाएं हो सकती हैं।
तीव्रता 5: मध्यम – इस तीव्रता को लगभग सभी महसूस करते हैं तथा अगर हम चैन की नींद सो रहे हो तब भी जग सकते हैं ! । घर के कुछ बर्तन और खिड़कियां टूट सकती हैं तथा अस्थिर वस्तुएं उलट सकती हैं।
तीव्रता 4: – कई लोग इसे अपने घर के अंदर महसूस कर सकते हैं, या फिर, बाहर भी महसूस कर सकते हैं। बर्तन, खिड़कियां,दरवाज़े आदि अस्त-व्यस्त हो सकते हैं।खड़ी गाडियां अपनी जगह से हिल सकती हैं।
तीव्रता 3: कमज़ोर – खड़ी गाडियां थोड़ी हिल सकती हैं। घर के अंदर, विशेषकर इमारतों की ऊपरी मंजिलों पर लोगों द्वारा इसे महसूस किया जा सकता हैं, हालांकि, इसे भूकंप मानना कठिन होता है।
तीव्रता 2: – इस तीव्रता को आराम कर रहे कुछ ही, व्यक्तियों द्वारा महसूस किया जा सकता हैं, विशेषकर इमारतों की ऊपरी मंजिलों पर, क्योंकि, इसकी तीव्रता कमज़ोर होती है।
तीव्रता 1: इन भूकंपों को दरअसल महसूस ही नहीं किया जाता हैं। दरअसल, भूकंपों को 19वीं सदी के अंत से ही इस प्रकार,यंत्रवत् दर्ज किया गया है। इसलिए, पुराने भूकंपों की तीव्रता केवल अनुमान है।अब तक का सबसे बड़ा भूकंप, 9.5 परिणाम वाला था जो, 1960 में चिली(Chile) में आया था। दूसरा सबसे बड़ा भूकंप 9.2 परिणाम का था और 1964 में अलास्का में आया था। जबकि, 2004 का कुख्यात हिंद महासागर भूकंप, जिसके कारण विनाशकारी सुनामी आई थी तथा व्यापक विनाश हुआ था, उसका परिणाम 9.2 था।

संदर्भ
https://tinyurl.com/5jsafa5c
https://tinyurl.com/jxe6p4y9
https://tinyurl.com/43ffut6c
https://tinyurl.com/yyszs6yf

चित्र संदर्भ
1. भूकंप के कारण क्षतिग्रस्त हुए मकानों और अकेली पड़ चुकी बच्ची को दर्शाता एक चित्रण (Pexels)
2. रामपुर के पास नवीनतम भूकंप के मानचित्र को दर्शाता एक चित्रण (earthquakelist)
3.1900 से 2017 तक आये (एम6.0+) भूकंपो को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. भूकंप के रिक्टर पैमाने को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. लॉस एंजिल्स के उत्तर-पश्चिम में कैरिज़ो मैदान में सैन एंड्रियास फॉल्ट की हवाई तस्वीर को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
6. भारत के संशोधित भूकंप खतरा क्षेत्र मानचित्र को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)