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रामपुर से थोड़ी ही दूरी पर बसे, मुरादाबाद शहर को ध्वनि प्रदूषण के मामले में भारत का सबसे खराब शहर और दुनिया में दूसरा सबसे खराब शहर का दर्जा मिल चुका है! संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम द्वारा प्रकाशित 'एनुअल फ्रंटियर रिपोर्ट, 'Annual Frontier Report, 2022'' के अनुसार, उत्तर प्रदेश का मुरादाबाद शहर, विश्व स्तर पर दूसरा सबसे अधिक ध्वनि प्रदूषित शहर है। रिपोर्ट के अनुसार 2021 में इस क्षेत्र में उच्चतम 114 (डीबी) डेसिबल (dB) Decibel) का ध्वनि प्रदूषण दर्ज किया गया।
ध्वनि एक तरंग की तरह है, जो तब उत्पन्न होती है जब कोई चीज़ आगे-पीछे हिलती है। इन झटकों के कारण छोटे-छोटे कण एक-दूसरे से टकराते हैं और फिर अलग हो जाते हैं। ये कण उसी दिशा में हिलते हैं, जिस दिशा में लहर चल रही होती है । ध्वनि की तीव्रता को डेसीबल नामक सापेक्ष इकाइयों में मापा जाता है। यह माप हमें बताता है कि, ध्वनि तरंग में कितनी ऊर्जा है। मनुष्यों के लिए, आदर्श ध्वनि का स्तर लगभग 10dB होता है, लेकिन वहीँ 130dB की ध्वनियाँ इतनी तेज होती हैं कि वे हमारे कानों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती हैं।
इस रिपोर्ट में दुनिया भर के 61 शहरों को शामिल किया गया है। “119 डीबी के ध्वनि प्रदूषण के साथ बांग्लादेश की राजधानी ढाका (Dhaka) दुनियां में सबसे अधिक ध्वनि प्रदूषित शहरों की इस सूची में सबसे ऊपर है।” दूसरे स्थान पर मुरादाबाद तो वहीं तीसरे स्थान पर पाकिस्तान के इस्लामाबाद शहर को रखा गया है, जहां का अधिकतम ध्वनि प्रदूषण स्तर 105 डीबी है। इस सूची में दक्षिण एशिया के तेरह शहर शामिल हैं। इनमें से पांच (कोलकाता 89 डीबी, आसनसोल (89 डीबी), जयपुर (84 डीबी), और दिल्ली 83 डीबी) अकेले हमारे भारत से हैं।
70 डीबी से अधिक आवृत्ति वाली ध्वनियाँ, हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक मानी जाती हैं। हालांकि मुरादाबाद के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक अधिकारी ने इस रिपोर्ट से असहमति जताई है। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के तहत मुरादाबाद क्षेत्रीय कार्यालय के एक अधिकारी विकास मिश्रा जी के अनुसार यूएनईपी (UNEP) ने मुरादाबाद में शोर के स्तर के डेटा को मापने के लिए कोई भी सेंसर (sensor) नहीं लगाया और बिना निगरानी के भला उन्हें यह जानकारी कैसे मिल सकती है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन सुझाव देता है कि आवासीय क्षेत्रों में शोर का स्तर 55 डीबी और व्यावसायिक क्षेत्रों में 70 डीबी तक होना चाहिए। 2018 में, डब्ल्यूएचओ ने स्वास्थ्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सड़क शोर के लिए 53 डीबी की सीमा का सुझाव दिया था। यूएनईपी के कार्यकारी निदेशक, इंगर एंडरसन (Inger Andersen,) के अनुसार जैसे-जैसे शहर बड़े होते हैं, वैसे-वैसे ध्वनि प्रदूषण भी एक बड़ी समस्या बन जाती है। ध्वनि प्रदूषण आम लोगों के स्वास्थ्य और नींद दोनों को प्रभावित करता है और क्षेत्र में रहने वाले जानवरों को भी नुकसान पहुंचाता है। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि यूरोपीय संघ में रहने वाले लगभग 20% लोग हानिकारक स्तर के शोर के संपर्क में हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, दिन में आठ घंटे तक 85 डेसिबल ध्वनि के संपर्क में रहने से स्थायी रूप से सुनने की क्षमता खत्म हो सकती है। यदि हम लंबे समय तक ध्वनि प्रदूषण के संपर्क में रहें तो इसका निम्न स्तर भी हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है। यूरोप में, लंबे समय तक ध्वनि प्रदूषण के संपर्क में रहने के कारण हर साल 12,000 लोगों की असामयिक मृत्यु हो जाती है। साथ ही यहाँ पर हर साल हृदय रोग के 48,000 नए मामले सामने आते हैं और 22 मिलियन लोग चिड़चिड़े हो जाते हैं।
टोरंटो, कनाडा (Toronto, Canada) में 15 वर्षों तक किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि यातायात से उत्पन्न शोर के कारण आठ प्रतिशत लोगों में दिल का दौरा, दिल की विफलता और मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है, जबकि दो प्रतिशत लोगों में उच्च रक्तचाप बढ़ जाता है। एक अन्य अध्ययन से पता चला है कि कोरिया (Korea) में दिन के समय ध्वनि में सिर्फ एक डेसिबल की वृद्धि से हृदय और मस्तिष्क संबंधी बीमारियों का खतरा 0.17 से 0.66 प्रतिशत तक बढ़ जाता है।
रिपोर्ट के अनुसार इरब्रिड (Irbid, Jordan), ल्योन (Lyon, France), मैड्रिड (Madrid, Spain), स्टॉकहोम (Stockholm, Sweden) और बेलग्रेड (Belgrade, Serbia), दुनिया के पांच सबसे शांत शहर हैं, जहां शोर का स्तर 70 डेसिबल से भी कम है। हमें उम्मीद है, कि जल्द ही तेज़ी के साथ आगे बढ़ते भारत के अधिकांश शहर भी अपने यहां शोर के स्तर को कम करने में सफल होंगे।
संदर्भ
https://tinyurl.com/yxk3pjp6
https://tinyurl.com/ytasrvvj
https://tinyurl.com/r8a6uzn5
https://tinyurl.com/bp5r4j66
चित्र संदर्भ
1. मुरादाबाद शहर को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
2. मानचित्र में मुरादाबाद को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
3. ध्वनि की तीव्रता मांपने वाले यंत्र को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
4. ध्वनि स्तर मापने वाले मीटर को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. ध्वनि प्रदूषण के दुष्प्रभावों को दर्शाता एक चित्रण (flickr)