बैक्टीरिया व सूक्ष्मजीव अंतरिक्ष में जीवित रहकर, कैसे करेंगे हमारी मदद

बैक्टीरिया, प्रोटोज़ोआ, क्रोमिस्टा और शैवाल
21-11-2023 10:22 AM
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बैक्टीरिया व सूक्ष्मजीव अंतरिक्ष में जीवित रहकर, कैसे करेंगे हमारी मदद

जहां–जहां मनुष्य हैं, वहां–वहां सूक्ष्म जीव भी हैं। बैक्टीरिया(Bacteria) और कवक(Fungi) हमारे चारों ओर– हमारे घरों, कार्यालयों, औद्योगिक क्षेत्रों, बाहर, और यहां तक कि, अंतरिक्ष में भी रहते हैं। अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन(International Space station) के पहले मॉड्यूल(Module) के विमोचन से ही, नासा(NASA– National Aeronautics and Space Administration) ने सूक्ष्मजीवों की प्रवृत्ति की निगरानी की है। साथ ही, वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष स्टेशन के आठ विभिन्न एवं विशिष्ट स्थानों पर सूक्ष्मजीवों को लेकर अध्ययन भी किए हैं।
चूंकि, अंतरिक्ष स्टेशन एक बंद प्रणाली होती है, सूक्ष्मजीवों के वहां पहुंचने का एकमात्र तरीका, वहां पृथ्वी से विमोचित किए गए अंतरिक्ष यान की सामग्री तथा आने वाले अंतरिक्ष यात्रियों की सवारी, आदि है। प्रक्षेपण के समय, यान, भोजन, वाहन और चालक दल के सदस्यों में से प्रत्येक के पास, अपना स्वयं का माइक्रोबायोम(Microbiome) या रोगाणुओं का समूह होता है। और जब यह सब कुछ स्टेशन पर पहुंच जाता है, तो ये माइक्रोबायोम ‘अंतरिक्ष स्टेशन के माइक्रोबायोम’ का हिस्सा बन जाते हैं। शोधकर्ता दीर्घकालिक माइक्रोबियल अध्ययन करने के लिए भी, अंतरिक्ष स्टेशन का उपयोग करते हैं। आज तक, अधिकांश अंतरिक्ष सूक्ष्म जीव विज्ञान अनुसंधान, जमीन-आधारित तंत्र के माध्यम से और अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन(International Space Station) पर हुआ है, जो हमारे ग्रह पृथ्वी की सतह से लगभग 475 किलोमीटर ऊपर, मौजूद है। इन अध्ययनों से यह स्पष्ट है कि, गहरे अंतरिक्ष अभियानों एवं मानव अंतरिक्ष अभियानों को सफल बनाने में सूक्ष्म जीव महत्वपूर्ण हो सकते हैं।
मानव स्वास्थ्य के संदर्भ में, अंतरिक्ष जीवाणु रोगजनन एवं रोगाणुरोधी प्रतिरोध से संबंधित प्रक्रियाओं को भी प्रभावित करते है। उदाहरण के लिए, पृथ्वी पर मौजूद बैक्टीरिया की तुलना में, स्पेस शटल मिशन(Space Shuttle mission) एसटीएस-115 पर उगाए गए साल्मोनेला टाइफिम्यूरियम(Salmonella typhimurium) ने म्यूरिन संक्रमण मॉडल(Murine infection model) में अधिक विषाक्तता का प्रदर्शन किया। एक अन्य रिपोर्ट से पता चला है कि, अंतरिक्ष स्टेशन पर उगाए गए एस्चेरिचिया कोली(Escherichia coli) ने पृथ्वी के नमूनों की तुलना में, एंटीबायोटिक(Antibiotic) जेंटामाइसिन(Gentamicin) की उच्च सांद्रता में बढ़ने के लिए, अपने आप को अनुकूलित किया है। दरअसल, अंतरिक्ष स्टेशन पर बैक्टीरिया के चार प्रकार पाए गए हैं, जिनमें से तीन प्रकार विज्ञान के लिए, पहले अज्ञात थे। अब इनका उपयोग, भविष्य के दीर्घकालिक अंतरिक्ष उड़ान मिशनों के दौरान, वहां पौधों को उगाने में मदद के लिए भी किया जा सकता है। शोधकर्ताओं ने बैक्टीरिया के जिन चार प्रकारों को अलग किया है, वे मिथाइलो बैक्टीरियासी(Methylobacteriaceae) परिवार से संबंधित हैं। मिथाइलोबैक्टीरियम बैक्टीरिया की प्रजातियां पौधों की वृद्धि को बढ़ावा देती हैं और उन्हें प्रभावित करने वाले रोगजनकों से लड़ती हैं।
शोधकर्ता अब हमारे भारतीय जैव विविधता वैज्ञानिक, मुहम्मद अजमल खान को सम्मानित करने के लिए, बैक्टीरिया के इन नए प्रकारों को ‘मेथिलोबैक्टीरियम अजमाली’ नामक प्रजाति के रूप में नामित करना चाहते हैं। ये नए बैक्टीरिया अंतरिक्ष में पौधों के विकास में सहायता के लिए “जैव प्रौद्योगिकी रूप से उपयोगी आनुवंशिक निर्धारक” हो सकते हैं। मिथाइलोबैक्टीरियम का उपयोग पौधों को पृथ्वी के बाहर बढ़ाने की कोशिश में आने वाले तनाव से, उबरने में मदद करने हेतु किया जा सकता है। दूसरी ओर, कुछ अन्य अध्ययनों के सुझाव है कि, बैक्टीरिया के कुछ लचीले प्रकार अंतरिक्ष की कठोर परिस्थितियों में जीवित रह सकते हैं। इसमें डाइनोकोकस(Deinococcus) बैक्टीरिया भी शामिल हैं, जो अंतरिक्ष स्टेशन की सतह पर तीन साल तक जीवित रहे हैं। उन्हें “पैनस्पर्मिया(Panspermia)” सिद्धांत का परीक्षण करने के लिए वहां रखा गया था, कि, जीवन पूरे ब्रह्मांड में मौजूद है।
एक अन्य अध्ययन में, अंतरिक्ष स्टेशन पर मानव शरीर से जुड़े बैक्टीरिया और कवक की एक विविध आबादी की पहचान की गई है, जहां वे कुछ हद तक अधिक संरक्षित हैं। इन बैक्टीरिया की पहचान, स्टेशन के विभिन्न स्थानों के स्वाबों(Swab) से की गई है। अतः अब, यह समझना महत्वपूर्ण है कि, किस प्रकार के रोगाणु इस अनूठे वातावरण में जमा हो सकते हैं, जीवित रह सकते हैं और पनप सकते हैं। क्योंकि, वे अंतरिक्ष यानों के चालक दल के स्वास्थ्य एवं यान की संरचना को प्रभावित कर सकते हैं, या जिन ग्रहों और खगोलीय पिंडों पर हैं, उन पर बस जाते हैं।
यह खोज निश्चित रूप से दिलचस्प है, क्योंकि हम किसी दिन मनुष्यों को मंगल ग्रह की लंबी यात्रा पर भेजने का लक्ष्य रख रहे हैं, और वे अरबों सूक्ष्म जीवों से घिरे होंगे। हम उन सभी प्रजातियों के बारे में जितना अधिक जानेंगे, हमारे लिए यह ज्ञान उतना ही बेहतर होगा।

संदर्भ
https://tinyurl.com/47ub67fj
https://tinyurl.com/5tzcbukp
https://tinyurl.com/2sz49uu4
https://tinyurl.com/y7b8v4b2

चित्र संदर्भ
1. अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को दर्शाता एक चित्रण (pickpik)
2. अन्तरिक्ष में खाने को दर्शाता एक चित्रण (Needpix)
3. साल्मोनेला टाइफिम्यूरियम को दर्शाता एक चित्रण (flickr)
4. डाइनोकोकस बैक्टीरिया को दर्शाता एक चित्रण (PhyloPic)
5. अंतिक्ष भोजन को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)