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मकर संक्रांति भारतीय उपमहाद्वीप और दुनिया भर के हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला प्रमुख त्योहार है। यह त्योहार शीत ऋतु के अंत का भी प्रतिनिधित्व करता है। मकर संक्रांति का यह पर्व सूर्य देवता को समर्पित है तथा इसे फसल उत्सव के रूप में भी जाना जाता है। यह त्योहार उत्तर भारत में विशेष रूप से बिहार, झारखंड एवं उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन सूर्य, मकर राशि में प्रवेश करता है।
देश के विभिन्न हिस्सों में इसे माघी, पौष संक्रांति या केवल संक्रांति के रूप में भी जाना जाता है। इस दिन लोग नदियों में डुबकी लगाते हैं, सूर्य देवता की पूजा करते हैं तथा जरूरतमंदों को अनाज, मिठाई एवं तिल का दान करते हैं। ऐसा विश्वास है कि ऐसा करने से सुख और समृद्धि में वृद्धि होती है। यह एक वैदिक उत्सव है, जिसमें गुड़–तिल, रेवड़ी, गजक का प्रसाद बाँटा जाता है। घरों और अनुष्ठानों में प्रसाद के रूप में खिचड़ी का भोग लगाया जाता है। इस त्यौहार का सम्बन्ध प्रकृति, ऋतु परिवर्तन और कृषि से है तथा ये तीनों चीज़ें ही जीवन का आधार मानी जाती हैं। रामपुर में इसे खिचड़ी और प्रसिद्ध पतंग उत्सव के रूप में मनाया जाता है। तो आइए इस शुभ दिन के अवसर पर देखें कि रामपुर में खिचड़ी या पतंग उत्सव को कैसे मनाते हैं।
संदर्भ: