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जौनपुर के नागरिकों, पन्ना (Emerald) एक सुंदर हरा रत्न है, जिसे इसके रंग और दुर्लभता के कारण बहुत अधिक मूल्य दिया जाता है। ये रत्न पृथ्वी के अंदर गहरे दबाव और तापमान के कारण बनते हैं, और आमतौर पर शिस्ट (schist) या ग्रेनाइट (granite) जैसी चट्टानों में पाए जाते हैं। भारत में, पन्ना मुख्य रूप से राजस्थान में खनन किया जाता है। खनन प्रक्रिया में आमतौर पर पृथ्वी में सुरंगें खोदी जाती हैं या खुले खड्डों का उपयोग किया जाता है, ताकि पन्ना से भरपूर चट्टानों तक पहुंचा जा सके। जब रत्न निकाल लिए जाते हैं, तो उन्हें सावधानी से साफ़, काटा और पॉलिश किया जाता है ताकि उनका चमक और सुंदरता बाहर आ सके। आज हम पन्ना के बारे में जानेंगे। फिर हम पन्ना के खनन प्रक्रिया के बारे में चर्चा करेंगे। इसके बाद हम भारत में पन्ना के भंडार और संसाधनों पर नज़र डालेंगे। फिर हम दुनिया के सबसे बड़े पन्ना उत्पादक देशों के बारे में जानेंगे।
पन्ना (Emerald)
चमकीला हरा पन्ना, जो वृद्धि, प्रजनन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है, भारत में पाया जाने वाला एक मूल्यवान रत्न है। राजस्थान, खासकर जयपुर के आस-पास का क्षेत्र, पन्ना का एक महत्वपूर्ण स्रोत है, जिसे इसके हरे रंग जैसे पेरीडोट (peridot) और अद्वितीय षट्कोणीय क्रिस्टल (hexagonal crystal) संरचना के लिए जाना जाता है। वेदिक ज्योतिष में पन्ना ग्रह बुध से जुड़ा हुआ है और माना जाता है कि यह बुद्धिमत्ता, संचार और रचनात्मकता को बढ़ाता है।
खनन प्रक्रिया
पन्ना को निकालना एक बहुत ही सावधानी और मेहनत से भरा काम होता है। इसके लिए न सिर्फ़ कुशल हाथों की ज़रूरत होती है, बल्कि भूविज्ञान (geology) की अच्छी समझ भी होनी चाहिए। आइए, पन्ना की खनन प्रक्रिया के कुछ अहम चरणों को आसान भाषा में समझते हैं:
1. खोज (Exploration): खनन शुरू करने से पहले यह जानना ज़रूरी होता है कि पन्ना कहां पाया जा सकता है। इसके लिए वैज्ञानिक ज़मीन की जाँच करते हैं, खुदाई करके मिट्टी के नमूने लेते हैं और पता लगाते हैं कि वहाँ कितना और कैसा पन्ना हो सकता है।
2. निकालने के तरीके (Extraction Techniques): पन्ना निकालने के दो मुख्य तरीके होते हैं:
3. छांटना और श्रेणीकरण (Sorting and Grading): जब पन्ना ज़मीन से निकाल लिया जाता है, तो उसे रंग, चमक और आकार के आधार पर छांटा जाता है। इसे “ग्रेडिंग” कहते हैं। ग्रेडिंग से यह तय होता है कि कौन-सा पन्ना बाज़ार में कितना क़ीमती होगा।
भारत में पन्ना के भंडार और संसाधन
2015 में एनएमआई (National Mineral Inventory) के आंकड़ों के अनुसार, पूरे भारत में पन्ना के कुल संसाधन लगभग 55.87 टन आंके गए थे। ये सारे भंडार सिर्फ़ झारखंड राज्य में पाए गए हैं, और ये सभी “प्रारंभिक खोज” श्रेणी (reconnaissance category) में आते हैं। इन पन्नों की गुणवत्ता अभी पूरी तरह से तय नहीं की गई है।
हालाँकि, राजस्थान, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में भी पन्ना पाए जाने की खबरें हैं, लेकिन वहाँ अभी तक पन्ने के कुल भंडार का ठीक-ठीक अनुमान नहीं लगाया गया है।
राजस्थान में, खासकर राजसमंद और अजमेर ज़िलों में कई जगहों पर पन्ना पाया गया है। अजमेर-राजसमंद बेल्ट में पन्ना खासतौर पर पेग्माटाइट्स (Pegmatites) नाम की चट्टानों के ऊपरी हिस्सों में पाया जाता है। पन्ना का भंडार यहाँ 221 किलोमीटर के एक लंबे क्षेत्र में फैला हुआ है, जो राजसमंद ज़िले के गमगुड़ा गाँव से लेकर अजमेर ज़िले के बूबनी और मुहामी गाँव तक जाता है।
यहाँ के कुछ मुख्य स्थान हैं – राजगढ़, टीखी और कलागुमान (राजसमंद ज़िला)। लेकिन इन इलाकों में पन्ना बहुत ही बिखरा हुआ और असमान रूप में पाया जाता है।
ओडिशा में, बोलांगीर ज़िले के बीरा-महराजपुर बेल्ट में पन्ना होने की जानकारी मिली है।
छत्तीसगढ़ में, रायपुर ज़िले के देवभोग क्षेत्र में पन्ना पाया गया है।
इसके अलावा, तमिलनाडु के कोयंबटूर ज़िले में भी कुछ जगहों पर पन्ना, एक्वामरीन और ऐमेथिस्ट जैसे रत्नों के अनियमित और छोटे क्रिस्टल मिले हैं।
दुनिया के तीन सबसे बड़े पन्ना उत्पादक देश
दुनिया के सबसे सुंदर और कीमती पन्ने कोलंबिया से आते हैं। कोलंबिया में कई तरह के पन्ने मिलते हैं, लेकिन यहाँ का चमकीला, गहरा हरा पन्ना इतना खास होता है कि बाकी देशों में मिलने वाले पन्नों की तुलना उसी से की जाती है।
ब्राज़ील में भी 1980 के बाद से कई बड़े पन्ना भंडार मिले हैं। अब ब्राज़ील भी पन्ना का एक बड़ा उत्पादक देश बन गया है। यहाँ के रत्नों का रंग कोलंबिया के मुकाबले थोड़ा हल्का और उसमें नीला आभास होता है, क्योंकि उसमें लोहे (Iron) की मात्रा ज़्यादा होती है। ब्राज़ील आमतौर पर ऐसे पन्ने पैदा करता है जो गहनों में इस्तेमाल के लिए उपयुक्त होते हैं, लेकिन उनकी गुणवत्ता कोलंबिया के पन्नों जितनी उच्च नहीं मानी जाती।
तीसरे नंबर पर है ज़ाम्बिया। ज़ाम्बिया में पन्ना सबसे पहले 1931 में खोजा गया था और 1967 में इनकी खुदाई व व्यापार शुरू हुआ। यहाँ के पन्ना रत्नों का रंग थोड़ा नीला या स्लेटी होता है और ये थोड़े गहरे होते हैं। ये अपनी तरह से बहुत खास होते हैं, लेकिन कोलंबिया के चमकीले पन्नों की बराबरी अब भी नहीं कर पाते।
हालाँकि, पन्ना पूरी दुनिया में पाया जाता है, लेकिन सबसे ज़्यादा और सुंदर पन्ने यही तीन देश – कोलंबिया, ब्राज़ील और ज़ाम्बिया – से मिलते हैं, जो अक्सर सुंदर गहनों में इस्तेमाल किए जाते हैं।
इसके अलावा, कुछ और देश जहाँ से पन्ना मिलता है, वे हैं – जिम्बाब्वे, अफ़ग़ानिस्तान, रूस, भारत, पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया और तंज़ानिया।
2015 में इथियोपिया (Ethiopia) से भी बहुत सुंदर और साफ़ पन्ने मिलने लगे थे। यहाँ तक कि कुछ पन्ने अमेरिका में भी निकाले गए हैं।
संदर्भ
मुख्य चित्र में क्वार्ट्ज पर पन्ना का स्रोत : Wikimedia
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