जौनपुर में स्वच्छ ऊर्जा की ओर एक सकारात्मक कदम

नगरीकरण- शहर व शक्ति
27-05-2025 09:27 AM
जौनपुर में स्वच्छ ऊर्जा की ओर एक सकारात्मक कदम

जौनपुर की गलियों में जब सूरज की पहली किरण पड़ती है, वो वह केवल यहाँ की ऐतिहासिक इमारतों को ही रोशन नहीं करती, बल्कि भविष्य की संभावनाओं को भी उजागर करती हैं। क्या आप जानते हैं कि शर्की शासन की सांस्कृतिक धरोहर और शीतला चौकिया देवी की भूमि, जौनपुर, आज एक नए युग की ओर बढ़ रहा है! यह युग है, संधारणीय या सतत ऊर्जा (Sustainable Energy) का!  
जी हाँ, बिजली की बढ़ती मांग और जीवाश्म ईंधन पर हमारी बढ़ती निर्भरता, न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुँचा रही है, बल्कि भविष्य की ऊर्जा सुरक्षा पर भी सवाल खड़े कर रही है। लेकिन जौनपुर शहर, जो कभी अपनी इत्र, इमली और इमारतों के लिए प्रसिद्ध था, आज पर्यावरण संरक्षण की इस दौड़ में भी पीछे नहीं है। सौर ऊर्जा से सजी छतें, और पवन ऊर्जा की दिशा में बढ़ते कदम, न सिर्फ़ लागत को कम कर रहे हैं, बल्कि एक स्वच्छ और सुरक्षित भविष्य की नींव रख रहे हैं। इस बदलाव में केवल सरकार या बड़ी कंपनियाँ नहीं, बल्कि यहाँ के आम नागरिक छात्र, किसान, दुकानदार भी बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। आज, जब पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन के संकट से जूझ रही है, ऐसे समय में जौनपुर जैसे आंतरिक शहरों की भूमिका और भी ज़्यादा अहम हो जाती है। अक्षय ऊर्जा को अपनाकर हम न केवल कार्बन उत्सर्जन को घटा सकते हैं, बल्कि अपने शहर को आने वाली पीढ़ियों के लिए भी रहने लायक बना सकते हैं। आज के इस लेख में हम समझेंगे कि आखिर संधारणीय ऊर्जा क्या है, यह हरित भविष्य के लिए क्यों जरूरी है, और जौनपुर जैसे शहर इस क्षेत्र में कैसे योगदान दे सकते हैं। साथ ही हम जानेंगे कि सरकार की कौन-कौन सी पहलें इस बदलाव को गति दे रही हैं। 

अक्षय ऊर्जा का प्रतीक | चित्र स्रोत : wikimedia 

आइए सबसे पहले जानते हैं कि संधारणीय सतत ऊर्जा क्या है?

आज के समय में संधारणीय ऊर्जा, ऊर्जा क्षेत्र में एक नए युग की नींव रख रही है। यह हमें दुनिया की तीन सबसे बड़ी चुनौतियों (पर्यावरण संरक्षण, ऊर्जा की सुरक्षा, और सामाजिक-आर्थिक विकास) का ठोस समाधान दे रही है।

यह न केवल ऊर्जा आपूर्ति को डीकार्बोनाइज़ (Decarbonize) करने में मदद करती है, बल्कि जीवाश्म ईंधनों पर हमारी निर्भरता से भी हमें आज़ादी दिला रही है। इस क्षेत्र ने पूरी दुनिया में लाखों लोगों को रोज़गार देकर यह भी साबित किया है कि यह केवल पर्यावरण ही नहीं, अर्थव्यवस्था को भी नई दिशा दे रही है।

सतत विकास का असली मक़सद है “एक ऐसा भविष्य जहाँ हर व्यक्ति को गरिमापूर्ण जीवन जीने के लिए ज़रूरी संसाधन मिलें, वह भी बिना प्रकृति को नुकसान पहुँचाए।” इसके लिए ज़रूरी है कि हम आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय पहलुओं के बीच संतुलन बनाए रखें! अक्षय ऊर्जा (renewable energy) इस संतुलन को संभव बनाने में एक निर्णायक भूमिका निभा रही है।

लेह में सोलर कुकर | चित्र स्रोत : WIkimedia 

आइए अब जानते हैं कि यह हमें किस तरह से दुनिया की सबसे बड़ी चुनौतियों से निपटने का रास्ता दे रही है:

1. ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में जबरदस्त कमी:  जब हम सौर, पवन और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को अपनाते हैं, तो इससे जीवाश्म ईंधनों पर हमारी निर्भरता कम होती है! इसके साथ ही वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) जैसी ग्रीनहाउस गैसों (greenhouse gases) की मात्रा भी घटती है। इससे न केवल जलवायु परिवर्तन के विनाशकारी असर को रोकने में मदद मिलती है, बल्कि पृथ्वी का भविष्य भी सुरक्षित होता है।

2. ऊर्जा सुरक्षा मजबूत होती है: नवीकरणीय ऊर्जा हमें ईंधन के लिए बाहरी आपूर्ति पर निर्भर होने से बचाती है। जब कोई देश सौर या पवन जैसी स्थानीय और टिकाऊ अर्थात ऊर्जा का उपयोग करता है, तो वह ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर बनता है। इससे आपात स्थितियों में भी ऊर्जा आपूर्ति बनी रहती है और ऊर्जा सुरक्षा को नई मज़बूती मिलती है।

3. ऊर्जा की पहुँच को बनाता है हर कोने तक संभव: आज भी दुनिया के कई दूरदराज़ और गरीब इलाकों में लोग अंधेरे में जी रहे हैं। लेकिन अब, अक्षय ऊर्जा तकनीकों की बदौलत, ये समुदाय भी पहली बार बिजली की रोशनी देख पा रहे हैं। इससे न सिर्फ़ जीवन आसान होता है, बल्कि भूख, गरीबी और पिछड़ेपन जैसी समस्याओं से लड़ने की ताक़त भी मिलती है। भारत सरकार की योजनाओं ने इस दिशा में बड़ी क्रांति ला दी है! आज गाँव-गाँव तक बिजली पहुँच रही है और लाखों ज़िंदगियाँ बदल रही हैं।

4. ग्रामीण विकास को देता है नई रफ़्तार: जब गाँवों को स्थायी और स्वच्छ ऊर्जा मिलती है, तो वहाँ केवल बिजली नहीं आती बल्कि वहाँ नई उम्मीदें, रोज़गार के अवसर और बेहतर जीवनशैली भी पहुँचती है। खेती से लेकर छोटे उद्योगों तक, हर क्षेत्र में विकास की लहर दौड़ जाती है। अक्षय ऊर्जा, गाँवों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक  मज़बूत कदम साबित हो रही है। 

चित्र स्रोत : Wikimedia ; आरोपण: एंड्रू ग्लासर

हम सभी को यह समझना होगा कि हमारा पर्यावरण हर छोटी-बड़ी गतिविधि से प्रभावित होता है। इसलिए, प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करना हम सबकी जिम्मेदारी है।

दुनिया के भविष्य को बदलने वाली सबसे बड़ी क्रांति (संधारणीय ऊर्जा समाधान), हमें न केवल ऊर्जा उत्पन्न करने का तरीका दे रही है, बल्कि इसके उपयोग की सोच और दिशा भी पूरी तरह बदल रही है। 
ये समाधान, आर्थिक और सामाजिक दोनों मोर्चों पर  ज़बरदस्त फ़ायदे लेकर आ रहे हैं:

1. पर्यावरण पर गहरा सकारात्मक असर: जब हम सौर, पवन और अन्य स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों को अपनाते हैं, तो ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में नाटकीय रूप से कमी आती है। इससे न सिर्फ़ आज का वातावरण सुधरता है, बल्कि हम आने वाली पीढ़ियों को भी एक सुरक्षित पृथ्वी दे रहे हैं।

2. बड़ी पैमाने पर पैसों की बचत: जब हम पवन और सौर जैसे नवीकरणीय विकल्पों में निवेश करते हैं, तो महंगे और अस्थिर जीवाश्म ईंधनों पर हमारी निर्भरता घटती है। इसका सीधा असर हमारी जेब पर पड़ता है और वो असर  फ़ायदे का होता है।

3. स्थानीय समुदायों को नई ताकत: नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएँ गाँवों और कस्बों में  रोज़गार के  हज़ारो नए अवसर लेकर आती हैं। साथ ही, ये इन क्षेत्रों में बेहतर सड़कें, बिजली और आधारभूत ढाँचा भी तैयार करती हैं! यानि बदलाव हर स्तर पर होता है।

4. देश की ऊर्जा सुरक्षा को नई मजबूती: जब हम ईंधनों को आयात करना बंद कर देते हैं, तो देश की ऊर्जा स्वतंत्रता भी बढ़ती है। इससे किसी भी वैश्विक संकट के समय भी हमारी ऊर्जा आपूर्ति सुरक्षित बनी रहती है।

5. नवाचार की रफ्तार को नया आयाम: स्वच्छ ऊर्जा की ओर बढ़ते कदम नई-नई तकनीकों को जन्म दे रहे हैं। इससे ऊर्जा उत्पादन से लेकर उसके उपयोग तक की प्रणाली पहले से कहीं ज्यादा स्मार्ट और कुशल हो रही है।

6. बेहतर स्वास्थ्य की दिशा में एक बड़ी छलांग: स्वच्छ ऊर्जा स्रोत वायु प्रदूषण को भी कम करते हैं, जिससे हवा की गुणवत्ता में सुधार होता है। इसका सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ता है! लोगों को साँस की बीमारियाँ कम होंगी और वे ज्यादा स्वस्थ जीवन जी सकेंगे।

स्वच्छ ऊर्जा निवेश को महामारी के बाद की आर्थिक सुधार, उच्च जीवाश्म ईंधन की कीमतों से जुड़े वैश्विक ऊर्जा संकट और विभिन्न देशों में बढ़ते नीतिगत समर्थन से लाभ हुआ है। | चित्र स्रोत : Wikimedia 

नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने कई प्रभावशाली योजनाएँ भी शुरू की हैं। ये पहल देश को स्वच्छ, सस्ती और टिकाऊ ऊर्जा की दिशा में आगे ले जाती हैं।

1. प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना ( Saubhagya)

2. हरित ऊर्जा गलियारा (Green Energy Corridor (GEC))

3. राष्ट्रीय स्मार्ट ग्रिड मिशन (National Smat Grid Mission (NSGM)) और स्मार्ट मीटर राष्ट्रीय कार्यक्रम (Smart Meter National Programme (SMNP))

4. हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों का  तेज़ी से अपनाना और विनिर्माण (Faster Adoption and Manufacturing of (Hybrid &) Electric Vehicles (FAME))

5. अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (International Solar Alliance (ISA))

6. सूर्य घर  मुफ़्त बिजली योजना 

नवीकरणीय ऊर्जा की ओर बढ़ता रुझान भारत के भविष्य के लिए अत्यंत आवश्यक है। सरकार द्वारा चलाई जा रही ये पहलें न केवल स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देती हैं, बल्कि आर्थिक विकास, पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में भी मजबूत कदम साबित हो रही हैं। इन योजनाओं के माध्यम से भारत टिकाऊ ऊर्जा की ओर तेज़ी से अग्रसर हो रहा है। यदि इन पहलों का क्रियान्वयन प्रभावी ढंग से किया जाए, तो आने वाले वर्षों में देश ऊर्जा के क्षेत्र में एक वैश्विक नेता बन सकता है।

 

संदर्भ 

https://tinyurl.com/3vzuewdf

https://tinyurl.com/2v3n9a63

https://tinyurl.com/2fczrmxx

https://tinyurl.com/m8m8awnf

मध्य भारत के एक गांव की दुकान में बिक्री के लिए रखे गए सौर पैनल का स्रोत : flickr 

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