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शरीर के रोगों को यदि आयुर्वेदिक उपचार के माध्यम से समाप्त किया जाये, तो शरीर निरोग भी होता है साथ ही इनके कोई दुष्प्रभाव भी देखने को नहीं मिलते हैं। त्रिफला एक ऐसी ही आयुर्वेदिक औषधि है, जिसका उपयोग आयुर्वेद में प्राचीन काल से होता हुआ आ रहा है। त्रिफला एक संस्कृत शब्द है, जिसका शाब्दिक अर्थ है "तीन फल" (आंवला, बिभीतक, हरड़)। त्रिफला में इन तीन फसलों के बीजों का अनुपात 1:2:3 (1 भाग हरड़, 2 भाग बिभीतक, 3 भाग आंवला) होता है। यह भारतीय मूल की औषधि है। भारत में इसका उपयोग लगभग 3000 वर्ष पूर्व से किया जा रहा है तथा इसके प्रति मान्यता है कि यह माता की भांति हमारे शरीर की देख रेख करता है। त्रिफला की तीनों जड़ी बूटियां आंतरिक स्वच्छता को बढ़ावा देती हैं, जमाव और अधिकता की स्थिति को कम करती हैं और पाचन और पोषक तत्वों के सम्मिलन को बेहतर बनाती हैं।
त्रिफला के लाभ :
1. एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidants) गुण
त्रिफला में कई एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidants) होते हैं, जो शरीर को सुरक्षा प्रदान करते हैं। इसमें विटामिन सी(Vitamin C), फ्लेवोनोइड्स (flavonoids), पॉलीफेनॉल्स (polyphenols), टैनिन (tannins) और सैपोनिन (saponins), पौधों के अन्य शक्तिशाली यौगिक होते हैं। ये तत्व कोशिकाओं को हानि पहुंचाने वाले कारक तथा रोग वाहक तत्वों को समाप्त करने में सहायता करते हैं। एंटीऑक्सीडेंट हृदय रोग, कुछ केंसर, मधुमेह आदि भयावह बीमारियों से निजात दिलाने में सहायता करता है।
2. दांतों के लिए लाभदायक
त्रिफला अपने एंटी-इन्फ्लेमेट्री (Anti-inflammatory) और जीवाणुरोधक गुण के कारण दांतो में कीड़े लगना, मसूड़ों की सूजन, और मसूड़े से खून आने जैसी दातों की समस्याओं से निजात दिलाता है। 143 बच्चों का अध्ययन करने पर ज्ञात हुआ कि त्रिफला के अर्क युक्त माउथवॉश (mouthwash) से कुल्ला करने पर दांतों में मैल जमने, जीवाणुओं के विकास और मुंह की सूजन से राहत दिलाता है।
3. वजन कम करने में सहायक
आपको कोई अल्पाहार या मुश्किल व्यायाम किए बिना यदि वजन घटाना है, तो उसके लिए त्रिफला एक बहुत अच्छा विकल्प है। आपके पाचन तंत्र में कोई समस्या है, जिसकी वजह से आप अक्सर भूखा महसूस करते हैं और अधिक खाते हैं, तो यह आपके वजन बढ़ने का मुख्य कारण हो सकता है। मोटापे से ग्रस्त 62 वयस्कों पर अध्ययन करने से पाया गया कि जिन लोगों ने त्रिफला पाउडर की 10 ग्राम दैनिक खुराक ली उन्हें अपने वजन, कमर की परिधि और कूल्हे की परिधि में अधिक कमी का अनुभव हुआ।
4. एक प्राकृतिक रेचक औषधि के रूप में उपयोगी
त्रिफला कब्ज़, पाचन समस्या, जुलाब, पेट तथा आंतों में सूजन जैसी समस्याओं से निजात दिलाने में उपयोगी होता है। कब्ज़ के लिए त्रिफला का प्रयोग प्राचीन काल से ही किया जा रहा है, जो काफी लाभदायक सिद्ध हुआ है।
5. त्रिफला से बालों के लिए भी लाभदायक
त्रिफला बालों के झड़ने, बालों का पतला होना और गंजेपन को रोकने में सहायक सिद्ध होता है। इसमें ऐसे तत्व हैं जो बालों के रोम के भीतर प्रभाव डालकर इनका विकास कर सकते हैं तथा इन्हें मजबूती प्रदान करते हैं। त्रिफला अपने रक्तशोधक गुणों के कारण बालों के लिए बहुत ही लाभदायक होता है साथ ही इसमें विटामिन C के आधिक्य के कारण बाल स्वस्थ रहते हैं। इसमें आंवले की उपस्थिति बालों को काला करती है। जौनपुर की कई दुकानें में स्थानीय रूप से तैयार किया गया त्रिफला तेल आसानी से मिल जाता है, जो बालों के लिए काफी लाभदायक है।
संभावित दुष्प्रभाव:
त्रिफला कुछ लोगों में दस्त और आंतों की परेशानी का कारण हो सकता है और कुछ दवाओं के साथ प्रतिक्रिया भी कर सकता है। बच्चों गर्भवती और धात्री माताओं तथा रक्तस्त्राव की समस्या से पीड़ित व्यक्तियों को इसके प्रयोग से बचना चाहिए।
त्रिफला का उपयोग कैसे करें:
त्रिफला स्वास्थ्य खाद्य भंडार या ऑनलाइन आसानी से मिल जाता है। यह कैप्सूल, पाउडर और तरल रूप में मिलता है। अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए त्रिफला चूर्ण को गर्म पानी और शहद के साथ मिलाकर भोजन से पूर्व लें। इसका सेवन घी, मक्खन तथा अन्य लाभदायक पेय के साथ भी किया जा सकता है। सामान्यतः प्रतिदिन इसके सेवन की मात्रा 500 मिलीग्राम से लेकर एक ग्राम तक होती है, किंतु कब्ज जैसी अवस्था में इसकी उच्च मात्रा ली जाती है। त्रिफला वैसे तो सभी के लिए लाभदायक है किंतु फिर भी इसके सेवन से पूर्व चिकित्सकों की सलाह ले लेनी चाहिए।
संदर्भ:
1.https://www.ora.organic/blogs/news/what-is-triphala
2.https://www.healthline.com/nutrition/triphala#section1
3.https://www.beautystylr.com/triphala-churna-for-hair/
4.https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%AB%E0%A4%B2%E0%A4%BE