 
                                            समय - सीमा 268
मानव और उनकी इंद्रियाँ 1036
मानव और उनके आविष्कार 802
भूगोल 264
जीव-जंतु 306
 
                                            वर्तमान काल में कई प्रकार के उद्योग सामने निकल कर आ रहे हैं जिनमे स्टार्टअप को मुख्यता से गिना जा सकता है। स्टार्टअप की तरफ आज एक बड़ा युवा वर्ग जा रहा है ऐसे में स्टार्टअप स्थापित करने के लिए एक मोती रकम की आवश्यकता होती है। ये रकम विभिन्न रूपों से मिलती है इस लेख में इसी विषय पर चर्चा करेंगे।
जब भी किसी कंपनी का निर्माण होता है तो उसके आर्थिक मदद के लिए इक्विटी और डेट इंस्ट्रूमेंट एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करते हैं इस भूमिका को वित्तपोषण का नाम दे सकते हैं। डेट को हिंदी में ऋण के नाम से जाना जाता है, इक्विटी और ऋण वित्तपोषण में विभिन्न अंतर हैं। ऋण विय्त्त्पोषण एक प्रकार से लोन की तरह होता है जिसमे एक निश्चित राशि उधार में लिया जाता है और उसे ब्याज के साथ में वापस किया जाता है। और इक्विटी वहीँ अलग होती है जिसमे पूँजी के बदले उस उद्योग या स्टार्टअप में एक निश्चित शेयर या व्यापार के बिक्री का प्रतिशत शामिल होता है।
 
ऋण वित्तपोषण के कई प्रकार होते हैं जो की विभिन्न संगठनों के अपने रूपों में होता है। यह बैंकों आदि जैसी वित्तीय संस्थानों से मिलता है और यह प्राप्त करने में थोड़ा कठिन जरूर है परन्तु इनका ब्याज दर काफी हद तक कम होता है और इससे यह फ़ायदा होता है की जितनी रकम एक बार में चाहिय उतना सीमित रकम एक बार में कोई भी ले सकता है। इस प्रकार के धन में समय पर ब्याज का भुगतान करना आवश्यक होता है अतः कार्य में एक गति का बना रहना भी जरूरी है। एम् सी ए कंपनियों से अग्रिम व्यापारिक नगदी लेना भी एक विकल्प होता है। इस प्रकार का ऋण उन व्यवसायों के लिए होता है जो की क्रेडिट कार्ड के माध्यम से अर्थ की प्राप्ति करते हैं।
 
इस प्रकार के ऋण में कर दाता क्रेडिट कार्ड से प्राप्त हुयी मुद्रा में एक निश्चित प्रतिशत लेता है। एम् सी ए भ्रामक भी हो सकता है तो इससे जुडी तमाम शर्तों और बातों को पढना जरूरी होता है। अब अगली वित्तीय मदद को इक्विटी के नाम से जाना जाता है। इक्विटी वित्तपोषण आमतौर पर तीन श्रोतों पर कार्य करता है- छोटे धनराशी के लिए मित्र, परिवार या छोटे निवेशकों से इक्विटी धनराशी ली जा सकती है जिसे की प्रतिशत के माध्यम से कंपनी में हिस्सा या शेयर आदि के माध्यम से लौटाया जा सकता है।
 
 
अगला है एंजल निवेशक, ये निवेशक ऐसे होते हैं जो की एक बड़ी राशि भी आपके व्यापार में लगाते हैं। ये निवेशक एक संस्था भी हो सकती है या निजी व्यक्ति इनका मुख्य कार्य होता है बड़े या दिए गए राशि के अनुसार कंपनी में स्वामित्व प्रतिशत लेना। इसके अलावां तीसरा है वेंचर कैपिटल फर्म, ये फर्म सार्वजनिक रूप से होनहार स्टार्टअप में या आईडिया में लाखों डॉलर का निवेश करती हैं। इक्विटी फाइनेंस एक हाई रिस्क टेक्नोलॉजी, और इनोवेशन स्टार्टअप के लिए अत्यंत उपयुक्त हैं तथा इसमें निवेश पर भी बड़ा फायदा होता है। इक्विटी एक अत्यंत ही लाभप्रद व्यवस्था है जिसमे की सभी रिस्क फैक्टर निवेशक के ऊपर होता है। यह एक ऐसा खेल होता है जिसमे यदि व्यवसाय चल जाए तो उनको अच्छा फायदा मिल जाएगा और यदि यह व्यवस्था नहीं चली तो देनदार का नुक्सान होता।
सन्दर्भ:-
1. https://bondstreet.com/understanding-debt-vs-equity-financing/
2. https://bit.ly/2R1TMSg
3. https://bit.ly/2R0ulAH
4. https://bit.ly/2L5FWdQ
5. https://bit.ly/2RmL8xS
 
                                         
                                         
                                         
                                         
                                        