 
                                            समय - सीमा 268
मानव और उनकी इंद्रियाँ 1036
मानव और उनके आविष्कार 802
भूगोल 264
जीव-जंतु 306
 
                                            स्वास्थ्य किसी भी व्यक्ति के मानसिक संतुलन से लेकर उसके कार्य करने की क्षमता तक को संदर्भित करता है। निरोगीकाया एक वरदान है परन्तु वर्तमान युग में स्वास्थ सम्बन्धी सेवाओं का होना अत्यंत ही आवश्यक है। स्वास्थ सेवाओं में अस्पतालों का और चिकित्सकों का होना अत्यंत ही आवश्यक है। अस्पताल और चिकित्सकों के साथ साथ एक अन्य सेवा का होना भी अत्यंत आवश्यक है और वह सेवा है अस्पताल में बिस्तरों की। अस्पताल में उपस्थित बिस्तरों की संख्या के ऊपर ही एक अस्पताल की क्षमता का निर्धारण किया जाता है। जनसँख्या के आधार पर बिस्तरों का ज्ञान होना अत्यंत ही आवश्यक है। एक उत्कृष्ट अस्पताल में जो बिस्तर (Bed) पाया जाता है उसे क्यूरेटिव (Curative) बिस्तर के रूप में जाना जाता है। ऐसे बिस्तरों की आवश्यकता तमाम गहन रोगों आदि में लाया जाता है जिनको आई.सी.यू. बेड (I.C.U. Bed) के रूप में भी जाना जाता है। इन बिस्तरों की आवश्यकता तमाम अस्पतालों में होती है क्यूंकि इन बिस्तरों पर वो तमाम सुविधाएं उपलब्ध होती हैं जो कि किसी भी मरीज को चाहिए रहती हैं। वर्तमान में जिस प्रकार से कोरोना (Corona) नामक महामारी ने पूरे देश भर को झकझोर कर रख दिया है तो ऐसे में स्वास्थ सम्बन्धी बुनियादी ढांचों की कलई खुलती हुयी प्रतीत हो रही है। आज वर्तमान समय में जब हम भारत की बात करते हैं तो यहाँ पर 1000 की जनसँख्या पर मात्र 0.55 बिस्तरों की ही उपलब्धता है। इस आंकड़े को यदि देखें तो करीब 2000 की जनसँख्या पर एक बिस्तर की उपलब्धता है। ऐसे में जब हम देखते हैं तो यह पता चलता है कि वास्तव में स्वास्थ सम्बन्धी सेवाओं को अत्यंत ही सही करने की आवश्यकता है। अब हम जब विश्व के अन्य देशों से भारत की तुलना करते हैं तो जो आंकड़े सामने आते हैं वो चिंता का विषय हैं। जर्मनी (Germany) में प्रत्येक हजार की जनसंख्या पर कुल आठ बिस्तर हैं, जापान (Japan) में 13, यूनाइटेड किंगडम (UK) में 2.54 और अमेरिका (America) में 2.77 बिस्तर उपलब्ध हैं।
 
अब जब हम विशेष रूप से भारत में सम्पूर्ण अस्पताल के बिस्तरों की बात करें तो यह करीब 1.37 मिलियन (Million) है जिनमे से 833,000 बिस्तर निजी अस्पतालों में हैं और 540,000 बिस्तर सरकारी अस्पतालों में हैं। अब इन बिस्तरों में कार्य करने वाले बिस्तरों और खराब पड़े बिस्तरों की बात करें तो निजी अस्पतालों में कुल 70 फीसद ऐसे बिस्तर हैं जो कि कार्य कर रहे हैं और 30 फीसद बिस्तर खराब हैं या तो बेकाम हैं। अब जब वहीँ हम सरकारी अस्पतालों की बात करें तो करीब 50 फीसद बिस्तर कार्य कर रहे हैं और ठीक उतने ही खराब या बिना काम के उपलब्ध हैं। अब यह विषय चिंताजनक है कि इन दोनों अस्पतालों (निजी और सरकारी) के सबसे ज्यादा बिस्तर देश के 20 सबसे महत्वपूर्ण शहरों में हैं। इस आंकड़े से यह पता चलता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बिस्तरों की संख्या अत्यंत ही चिंताजनक है। नेशनल हेल्थ प्रोफाइल (National Health Profile) 2019 के आंकड़ों की बात करें तो हमें एक भिन्न प्रकार का आंकड़ा प्राप्त होता है यह आंकड़ा मुख्य रूप से बुजुर्ग व्यक्तिओं के आधार पर है। जैसा कि हम जानते हैं कि सबसे ज्यादा स्वास्थ सम्बन्धी समस्याएं 60 वर्ष के ऊपर के व्यक्तियों को होती है तो ऐसे में भारत में कुल 1000 बुजुर्ग आबादी पर कुल 5.18 बिस्तरों की उपलब्धता है। अब जब हम प्रदेश के अनुसार अस्पतालों के अंदर बिस्तरों को देखते हैं तो हमें पता चलता है कि बिहार, झारखण्ड, गुजरात, उत्तर प्रदेश, आन्ध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, ओड़िसा, असम और मणिपुर ये 12 राज्य भारत की कुल आबादी का 70 फीसद हैं और आबादी के अनुरूप यहाँ पर सबसे कम अस्पताल के बिस्तरों की संख्या है। बिहार में तो 1000 की जनसँख्या पर मात्र 0.11 बिस्तरों की व्यवस्था है। कुछ ही ऐसे भारतीय राज्य हैं जहाँ पर बिस्तरों की संख्या सही मायने में ठीक है, जैसे कि पश्चिम बंगाल (1000 की जनसँख्या पर 2.25 बिस्तर), सिक्किम (1000 जनसँख्या पर 2.34 बिस्तर), दिल्ली (1000 की जनसँख्या पर 1.05 बिस्तर), केरल (1000 की जनसँख्या पर 1.05 बिस्तर) और तमिलनाडू (1000 की जनसँख्या पर 1.1 बिस्तर) ।
आज भारत की आजादी के इतने सालों के बावजूद भी हम देख पाते हैं कि हमारी बुनियादी स्वास्थ सेवाओं में अभी भी बहुत ही बड़े स्तर पर दिक्कतें हैं जिनकी वजह से हम कोरोना जैसी महामारी से लड़ने में उतने कारगर नहीं साबित हो पा रहे हैं जैसे कि ये होनी चाहिए।
चित्र (सन्दर्भ):
1.	मुख्य चित्र में आई.सी.यू. (ICU) कक्ष में मौजूद मरीज बिस्तर का चित्र है। (Wikimedia Commons)
2.	द्वितीय चित्र में व्यक्तिगत मरीज कक्ष में मरीज बिस्तर को दिखाया गया है। (Wikimedia Commons)
सन्दर्भ
1.	https://www.hindawi.com/journals/aph/2014/898502/fig1/
2.	https://www.hindawi.com/journals/aph/2014/898502/
3.	https://brook.gs/2XGB7Pr
4.	https://en.wikipedia.org/wiki/List_of_countries_by_hospital_beds
 
                                         
                                         
                                         
                                         
                                        