 
                                            समय - सीमा 268
मानव और उनकी इंद्रियाँ 1036
मानव और उनके आविष्कार 802
भूगोल 264
जीव-जंतु 306
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                                             अलगाव को सकारात्मक दृष्टिकोण से देखा जाए तो अकेले में हम वह सब कर सकते हैं जिसकी हम केवल कल्पना करते हैं। अपने सपनों को पूरा करने का यह सबसे अच्छा समय होता है। सोलो ट्रिप (Solo Trip) या अकेले भ्रमण, मनपसंद फिल्म देखना, मनपसंद रेस्ट्रॉंट (Restaurant) में खना खाना, मनपसंद गायक या बैण्ड (Band) के गाने सुनना, कोई नया कौशल सीखना इत्यादि ऐसे कार्य हैं जिन्हें अकेले रहकर भली-भाँति किया जा सकता है।  इतिहास में कई ऐसे महान कलाकारों, लेखकों और वैज्ञानिकों इत्यादि के नाम दर्ज हैं जिन्होंने एकांत वातावरण में रहकर महत्वपूर्ण खोजों और रचनाओं के माध्यम से विश्वभर में प्रसिद्धि प्राप्त की है। आइज़क न्यूटन (Isaac Newton), चार्ल्स डार्विन (Charles Darwin), जॉन मिल्टन (John Milton) और लॉर्ड बायरन (Lord Byron) आदि विज्ञान और साहित्य जगत के उन्हीं महान लोगों में से हैं। इन सभी ने अपने जीवन में एक लम्बा समय अकेले रहकर गुजारा और उसी दौरान अपनी महान रचनाओं का स्वरूप तैयार किया। ईसा पूर्व 1665-56 के समय जब कैंब्रिज (Cambridge) में प्लेग (Plague) के कारण कई लोगों की मृत्य हो रही थी उसी दौरान सर आइजैक न्यूटन ग्राम लिंकनशायर (Lincolnshire) में अपने पारिवारिक फार्म हाऊस (Farm House) वूल्स्टोर्प मनोर (Woolsthorpe Manor) आ गए और लम्बी अवधि यहीं एकांत में रहते हुए बिताई। यही वह समय था जब सर न्यूटन ने अपने गुरुत्वाकर्षण के नियमों पर अपने सिद्धांतों, अॅप्टिक्स (optics), कैलक्यूलस (calculus) की थीयोरी (Theory) और गति के नियमों का आधार रूप तैयार किया। चार्ल्स डार्विन अपनी लम्बी बिमारी के चलते अलगाव में रह रहे थे और उनका मानना था कि इस समय ने उनके जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उन्हें पूरी तरह से अपने अनुसंधान के लिए समर्पित होने में सक्षम बनाया। लॉर्ड बायरन जो वर्ष 1811 में हैजा की बीमारी से उभरे थे और इसी कारण उन्हे माल्टा में क्वारांटाइन (Quarantine) रहना पड़ा था। उन्होंने इसी दौरान माल्टा को एक विदाई कविता लिखी थी जो बहुत प्रसिद्ध हुई। वर्तमान समय में जब पूरा विश्व कोरोनावायरस से फैली महामारी से लड़ रहा है। इस रोग से बचने के लिए अलगाव को बचाव का ज़रिया माना जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी परिस्थिति में सर्वप्रथम यह आवश्यक है कि वर्तमान परिस्थिति को स्वीकार किया जाए और उपलब्ध संसाधनों का भरपूर उपयोग किया जाए।
अलगाव को सकारात्मक दृष्टिकोण से देखा जाए तो अकेले में हम वह सब कर सकते हैं जिसकी हम केवल कल्पना करते हैं। अपने सपनों को पूरा करने का यह सबसे अच्छा समय होता है। सोलो ट्रिप (Solo Trip) या अकेले भ्रमण, मनपसंद फिल्म देखना, मनपसंद रेस्ट्रॉंट (Restaurant) में खना खाना, मनपसंद गायक या बैण्ड (Band) के गाने सुनना, कोई नया कौशल सीखना इत्यादि ऐसे कार्य हैं जिन्हें अकेले रहकर भली-भाँति किया जा सकता है।  इतिहास में कई ऐसे महान कलाकारों, लेखकों और वैज्ञानिकों इत्यादि के नाम दर्ज हैं जिन्होंने एकांत वातावरण में रहकर महत्वपूर्ण खोजों और रचनाओं के माध्यम से विश्वभर में प्रसिद्धि प्राप्त की है। आइज़क न्यूटन (Isaac Newton), चार्ल्स डार्विन (Charles Darwin), जॉन मिल्टन (John Milton) और लॉर्ड बायरन (Lord Byron) आदि विज्ञान और साहित्य जगत के उन्हीं महान लोगों में से हैं। इन सभी ने अपने जीवन में एक लम्बा समय अकेले रहकर गुजारा और उसी दौरान अपनी महान रचनाओं का स्वरूप तैयार किया। ईसा पूर्व 1665-56 के समय जब कैंब्रिज (Cambridge) में प्लेग (Plague) के कारण कई लोगों की मृत्य हो रही थी उसी दौरान सर आइजैक न्यूटन ग्राम लिंकनशायर (Lincolnshire) में अपने पारिवारिक फार्म हाऊस (Farm House) वूल्स्टोर्प मनोर (Woolsthorpe Manor) आ गए और लम्बी अवधि यहीं एकांत में रहते हुए बिताई। यही वह समय था जब सर न्यूटन ने अपने गुरुत्वाकर्षण के नियमों पर अपने सिद्धांतों, अॅप्टिक्स (optics), कैलक्यूलस (calculus) की थीयोरी (Theory) और गति के नियमों का आधार रूप तैयार किया। चार्ल्स डार्विन अपनी लम्बी बिमारी के चलते अलगाव में रह रहे थे और उनका मानना था कि इस समय ने उनके जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उन्हें पूरी तरह से अपने अनुसंधान के लिए समर्पित होने में सक्षम बनाया। लॉर्ड बायरन जो वर्ष 1811 में हैजा की बीमारी से उभरे थे और इसी कारण उन्हे माल्टा में क्वारांटाइन (Quarantine) रहना पड़ा था। उन्होंने इसी दौरान माल्टा को एक विदाई कविता लिखी थी जो बहुत प्रसिद्ध हुई। वर्तमान समय में जब पूरा विश्व कोरोनावायरस से फैली महामारी से लड़ रहा है। इस रोग से बचने के लिए अलगाव को बचाव का ज़रिया माना जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी परिस्थिति में सर्वप्रथम यह आवश्यक है कि वर्तमान परिस्थिति को स्वीकार किया जाए और उपलब्ध संसाधनों का भरपूर उपयोग किया जाए।  संदर्भ:
संदर्भ: 
                                         
                                         
                                         
                                         
                                        