आज दुनियां में आमतौर पर बिजली पैदा करने लिए कोयला, सौर ऊर्जा या परमाणु ऊर्जा जैसे श्रोतों का प्रयोग किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं की आज से दो दशक पहले यदि नासा के वैज्ञानिक एक प्रयोग में सफल हो जाते तो आज हमारे उपग्रह हमारे लिए बिजली पैदा कर रहे होते। एक उपग्रह को उसकी कक्षा में स्थापित करते समय उसके शटल के पीछे 21 किलोमीटर लंबे (13-मील) तार को बांधना किसी को भी मूर्खता लग सकता है। लेकिन वैज्ञानिक ठीक यही चाहते थे, और उन्होंने ऐसा किया भी था। वैज्ञानिक चाहते थे कि अंतरिक्ष यान द्वारा पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र का प्रयोग करके उपग्रह से बिजली उत्पन्न की जाए। इस संदर्भ में नासा (NASA) ने दो प्रयास किये, किंतु दोनों ही प्रयास विफल रहे। पहला शटल (shuttle) जाम होने से पहले केवल 840 फीट केबल को छोड़ने में कामयाब रहा। जिसके बाद 1996 में दूसरा प्रयास किया गया जो सफलता के काफी करीब था। इस बार शटल टूटने के बाद 12.2 मील की केबल को कोलंबिया में छोड़ने में कामयाब रहा। कंडक्टिंग केबल (टीथर) conducting cable (tether) 20 किमी लंबी थी। नासा के अनुसार, यह प्रणाली लगभग 3,500 वोल्ट और 0.5 एम्पियर बिजली पैदा कर सकती थी। इससे स्पष्ट हो गया की प्रक्षेपण के दौरान हरित ऊर्जा उत्पन्न करना भी संभव है, हमें केवल एक मजबूत और मोटी केबल आजमाने की जरूरत है।