भारत में ‘हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड’ व ‘पतंजलि’ कैसे बनी शीर्ष कंपनियां?

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भारत में ‘हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड’ व ‘पतंजलि’ कैसे बनी शीर्ष कंपनियां?

हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड(Hindustan Unilever Limited) यह हमारे देश भारत की, जल्द ही बिकने वाली उपभोक्ता वस्तुएं यानी फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स(Fast-Moving Consumer Goods) उत्पादक कंपनी है। यह घरेलू और व्यक्तिगत देखभाल उत्पादों तथा खाद्य और पेय पदार्थों में 20 से अधिक विभिन्न श्रेणियों के साथ करोड़ों भारतीयों के जीवन का हिस्सा हैं। अर्थात, लगभग 700 मिलियन से अधिक भारतीय उपभोक्ता हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड के उत्पादों का उपयोग करते हैं। इससे यह कंपनी लगभग 4 मिलियन टन की संयुक्त मात्रा एवं 13,000 करोड़ रुपयों से अधिक मूल्य के उत्पादों की बिक्री कर पाती है। हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड देश के सबसे बड़े निर्यातकों में से भी एक है।
कंपनी द्वारा प्रस्तुत उत्पाद, कीमत और गुणवत्ता में निस्संदेह ही अच्छे होते हैं। आज इस कंपनी के 35 से अधिक ब्रांड बजार में मौजूद हैं। अतः लंबे समय से यह कंपनी फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स क्षेत्र में अग्रणी रही है।
अगर हमें इस कंपनी की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के बारे में बात करनी हो, तो हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड की भारत में 80 वर्षों से अधिक की विरासत है। वर्ष 1931 में, यूनिलीवर ने अपनी पहली भारतीय सहायक कंपनी, हिंदुस्तान वनस्पति उत्पादक कंपनी, उसके बाद लीवर ब्रदर्स इंडिया लिमिटेड(Lever Brothers India Limited –1933) और यूनाइटेड ट्रेडर्स लिमिटेड(United Traders Limited–1935) की स्थापना की। हालांकि, नवंबर 1956 में इन तीन कंपनियों का विलय करके हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड का निर्माण किया गया। दूसरी ओर, वर्ष 2006 में आचार्य बाल कृष्ण और बाबा रामदेव द्वारा स्थापित, ‘पतंजलि आयुर्वेद’ भारत में एक अन्य उभरती मूविंग कंज्यूमर गुड्स उत्पादक कंपनी है। पतंजलि आयुर्वेद भारत में सबसे तेजी से बढ़ रही मूविंग कंज्यूमर गुड्स उत्पादक कंपनी है जो नेपाल से जड़ी-बूटियों का आयात करती है। नेपाल में पतंजलि ग्रामुद्योग का एक ब्रांड नाम है, और वे वहां अपने उत्पाद बनाती है। पतंजलि आयुर्वेद के कारोबार की बात करें तो वित्तीय वर्ष 2015-16 में, यह 5000 करोड़ का था। इसके अलावा, वर्ष 2017 तक पतंजलि का राजस्व दोगुना होकर 10,361 करोड़ हो गया, जो कि, 111% की वृद्धि थी। हिंदुस्तान यूनिलीवर और पी एंड जी(P&G) कंपनियां, पतंजलि की संभावित बाजार हिस्सेदारी से प्रभावित हैं। क्योंकि, पी एंड जी और हिंदुस्तान यूनिलीवर भारी छूट और उल्लेखनीय ऑफर के साथ ग्राहकों को आकर्षित करते हैं।
आयुर्वेदिक दवाओं की श्रेणी पतंजलि के लिए खासियत रही है। इस कारण ही, यह कंपनी आज शीर्ष मूविंग कंज्यूमर गुड्स उत्पादक कंपनी है। कंपनी को अपने बिक्री लाभ का एक बड़ा हिस्सा, इसकी आयुर्वेदिक दवाओं की श्रेणी से आता है। मूविंग कंज्यूमर गुड्स क्षेत्र में प्रवेश करने से पहले, पतंजलि दिव्य फार्मास्यूटिकल्स(Divya Pharmaceuticals) के नाम से आयुर्वेदिक दवाएं बेच रही थी। उपभोक्ताओं के लिए प्रभावी होने के कारण, ये दवाएं आज पतंजलि के उत्थान का एक मजबूत कारण हैं। इसके अलावा, निम्नलिखित कारकों के कारण, पतंजलि अधिक सफलता हासिल कर सकती हैं। हर्बल(Herbal) और प्राकृतिक उत्पादों की ओर झुकाव – हानिरहित उत्पादों के कारण, लोग इन दिनों प्राकृतिक और हर्बल या जड़ी बूटी संबंधी उत्पादों पर अधिक भरोसा कर रहे हैं। इससे पतंजलि के लिए, उत्पादों पर काम करने के अवसरों का एक बड़ा रास्ता खुल गया है। अप्रयुक्त बाजार – भले ही पतंजलि भारत के एक बड़े हिस्से में वितरण करती है, फिर भी, इसके पास आज भी अपना झंडा ऊंचा रखने के लिए कई अप्रयुक्त बाजार हैं। इसमें अधिकतर दक्षिणी और पूर्वी भारत के ग्रामीण और घरेलू बाज़ार शामिल हैं।
बदलती जीवनशैली – आजकल की व्यस्त जीवनशैली लोगों को फिट रहने हेतु, कड़ी मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित करती है। और, यह उद्देश्य पूरा करने के लिए प्राकृतिक उत्पादों से बेहतर कोई और कारगर तरीका नहीं है। पतंजलि इस तथ्य का उपयोग आगे भी विस्तार करने के लिए कर सकता है।
निर्यात क्षमता – पतंजलि के संस्थापक बाबा रामदेव की भारत के बाहर भी बड़ी लोकप्रियता है, और पतंजलि समय के साथ अधिक उत्पादों का निर्यात करके अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने बाजार का विस्तार करने के लिए इसका उपयोग कर सकती है। इससे उन्हें राजस्व के अधिक अप्रयुक्त संसाधनों का पता लगाने में मदद मिलेगी। इसके विपरित, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(All India Institute of Medical Sciences) और उत्तरी कैरोलिना विश्वविद्यालय(University of North Carolina) से जुड़े शोधकर्ताओं द्वारा भारतीय बाजार में किए गए, वर्तमान समय में उपलब्ध 10,000 से अधिक खाद्य और पेय उत्पादों के विश्लेषण से पता चला है कि, लगभग 68% उत्पादों में गलत या चिंताजनक घटकों की मात्रा पाई जाती हैं।जबकि, 32% उत्पाद विश्व स्वास्थ्य संगठन(World Health Organisation) के क्षेत्रीय मानकों के अनुसार अनुशंसित वैज्ञानिक सीमा के भीतर हैं।
इस शोध के निष्कर्ष, भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण(Food Safety Standards Authority of India) की फ्रंट-ऑफ-द-पैक फूड लेबल(Front-of-the-pack food label) को अपनाने की योजना का समर्थन करते हैं। दरअसल, हमारा देश भारत गैर-संचारी रोगों(Non-communicable diseases) के तेजी से बढ़ते बोझ का सामना कर रहा है। विशेष रूप से, वयस्कों में मधुमेह और मोटापे जैसी पोषण संबंधी बीमारियों की बढ़ती घटनाओं के साथ-साथ, बच्चों में भी मोटापे में चिंताजनक वृद्धि हुई है। अल्ट्रा-प्रसंस्कृत खाद्य उद्योग(Ultra-processed food industry) की एक साथ और तेजी से वृद्धि ने, बाजार में उपलब्ध खाद्य विकल्पों के बारे में चिंता बढ़ा दी है। भारत अल्ट्रा-प्रसंस्कृत खाद्य और पेय पदार्थों के मामले में सबसे अधिक विकास दर हासिल कर रहा है। ये उत्पाद अल्ट्रा-प्रोसेस्ड होने के अलावा, अतिरिक्त चीनी, नमक और एडिटिव्स(Additives) में उच्च होते हैं। इस कारण, हमें ऐसे उत्पादों के उत्पादन एवं उपभोग में, पारदर्शिता लाने की जरूरत है।

संदर्भ

http://tinyurl.com/2y8kfs59
http://tinyurl.com/532f9svh
http://tinyurl.com/2a7ks8f7

चित्र संदर्भ
1. ‘हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड’ व ‘पतंजलि’ के लोगों और उत्पादों को दर्शाता एक चित्रण (प्रारंग चित्र संग्रह, youtube)
2. हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड’ के प्रसिद्ध उत्पादों को दर्शाता एक चित्रण (प्रारंग चित्र संग्रह)
3. विम बार के शुरुआती प्रचार और विलियम लीवर को दर्शाता चित्रण (Store norske leksikon)
4. आचार्य बाल कृष्ण को दर्शाता एक चित्रण (wikimedia)
5. पतंजलि स्टोर दर्शाता एक चित्रण (youtube)
6. पतंजलि वेबसाइट को दर्शाता एक चित्रण (patanjaliayurved)