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हमारे देश भारत में क्रिकेट को एक धर्म के रूप में पूजा जाता है। देश में गली में खेलने वाले छोटे-छोटे बच्चों से और मैदाने में खेलने वाले युवाओं से लेकर टीवी पर मैच देखने वाले बुजुर्गों और महिलाओं तक क्रिकेट के लिए जो दीवानगी है, वह देखते ही बनती है। जब भी भारतीय टीम के किसी भी अंतरराष्ट्रीय खेल का आयोजन होता है, तो भारत के घरों में सारे घरेलू कामकाज बंद करके मैच देखा जाता है। यहां तक कि लोग मैच देखने के लिए अपने ऑफिस से भी छुट्टी ले लेते हैं। भले ही आज क्रिकेट मैच 20-20 के छोटे प्रारूप तक सीमित हो गया है। लेकिन अंतर्राष्ट्रीय एकदिवसीय मैच के लिए लोगों में जो जुनून देखा जाता है, वह बयान नहीं किया जा सकता।
क्या आप जानते हैं कि पहली बार अंतरराष्ट्रीय एक दिवसीय मैचों की शुरुआत कैसे हुई? तो आइए, आज के इस लेख में अंतरराष्ट्रीय एकदिवसीय मैच के इतिहास के विषय में जानते हैं। इसके साथ ही देखते हैं कि यह अवधारणा मूल रूप से कहां से शुरू हुई थी। और एकदिवसीय मैच के कुछ नियमों और हमारे शहर मेरठ में मौजूद भामाशाह स्टेडियम के विषय में जानते हैं जो प्रवीण कुमार और भुवनेश्वर कुमार जैसे प्रमुख क्रिकेटरों के लिए जाना जाता है, हालांकि, आश्चर्यजनक रूप से, अभी तक इस स्टेडियम को अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी करने का मौका नहीं मिला है।
पहला एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय (ODI) क्रिकेट मैच 5 जनवरी 1971 को इंग्लैंड (England) और ऑस्ट्रेलिया (Australia) के बीच ‘1970-71 एशेज श्रृंखला’ (Ashes series) के दौरान 'मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड' (Melbourne Cricket Ground) में खेला गया था। इसके पीछे की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। दरअसल, लगातार बारिश के कारण दोनों टीमों के बीच तीसरे टेस्ट मैच के पहले तीन दिन बर्बाद होने के कारण इसे रद्द कर दिया गया था और परिणामस्वरूप, ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट बोर्ड को भारी वित्तीय झटका लगा था। तभी दोनों टीमों ने 1963 से इंग्लैंड में खेले जाने वाले घरेलू 'जिलेट कप' (Gillette Cup) की तरह ही पांचवें दिन एक दिवसीय मैच का करने का फैसला किया।
इसलिए, जब चौथे दिन स्थिति में सुधार हुआ, तो पहले वनडे मैच की योजना बनाई गई। स्थानीय समाचार पत्रों ने इसे छोटे टेस्ट के रूप में शीर्षक दिया, जबकि टेलीविजन में इसे अंतर्राष्ट्रीय नॉक आउट (Knock Out) मैच नाम से दिखाया गया। दोनों टीमें 40 ओवर का मैच खेलने पर सहमत हुई थीं, जिसमें प्रत्येक ओवर में आठ गेंदें थीं। परिणाम सुनिश्चित करने के लिए, इस बात पर सहमति हुई कि जो पक्ष सबसे अधिक रन बनाएगा, वह जीतेगा, भले ही पीछा करने वाली टीम ऑलआउट हो गई हो या नहीं। एक गेंदबाज को प्रति पक्ष कुल ओवरों की संख्या का पांचवां हिस्सा अर्थात अधिकतम आठ ओवर फेंकने के लिए भी प्रतिबंधित किया गया था। ऑस्ट्रेलिया बनाम इंग्लैंड मुकाबले के पहले एकदिवसीय मैच के लिए 20,000 की मामूली भीड़ की उम्मीद थी। हालाँकि, 46,000 से अधिक लोग इसे देखने के लिए आए।
वास्तव में, सीमित 50 ओवर के एक दिवसीय क्रिकेट टूर्नामेंट का विचार पहली बार 1951 में केरल के कोच्चि के त्रिपुनिथुरा में 'अखिल भारतीय पूजा क्रिकेट टूर्नामेंट' के उद्घाटन मैच के दौरान सामने आया था। ऐसा माना जाता है कि यह विचार पूर्व क्रिकेटर और 'केरल क्रिकेट एसोसिएशन' के पहले सचिव केवी केलप्पन थंपुरन द्वारा प्रस्तुत किया गया था। इस टूर्नामेंट को 'पैलेस ओवल ग्राउंड' (Palace Oval ground) 'प्रिंसेस क्लब' (Princes Club) द्वारा आयोजित किया गया था, बाद में जिसका नाम बदलकर 'त्रिपुनिथुरा क्रिकेट क्लब' ((Tripunithura Cricket Club (TCC)) कर दिया गया। जबकि प्रथम श्रेणी की ब्रिटिश टीमों के बीच पहला सीमित ओवरों का टूर्नामेंट मई 1962 में 'मिडलैंड्स नॉक-आउट कप' (Midlands Knock-Out Cup) खेला गया था। 65 ओवर की पारी के साथ खेले गए इस टूर्नामेंट में लीसेस्टरशायर (Leicestershire) के अलावा तीन अन्य काउंटी टीमों ने भाग लिया था। इसके अगले वर्ष, प्रथम श्रेणी टीमों के बीच पहली पूर्ण-स्तरीय एक दिवसीय प्रतियोगिता 'नॉक-आउट जिलेट कप' का आयोजन किया गया, जिसे 'ससेक्स काउंटी क्रिकेट क्लब' (Sussex County Cricket Club) ने जीता था।
1964 में इस प्रतियोगिता के लिए ओवरों की संख्या घटाकर 60 कर दिया गया। लीग वनडे क्रिकेट की शुरुआत भी इंग्लैंड में हुई थी, जब 1969 में 40 ओवर के मैचों के साथ 'जॉन प्लेयर संडे लीग' (John Player Sunday League) की शुरुआत हुई। ये दोनों प्रतियोगिताएं अपनी शुरुआत के बाद से प्रत्येक साल खेली जाती हैं, हालांकि अब इनका प्रायोजन बदल गया है। अब एक प्रतियोगिता 50 ओवर की होती है, जिसे 'रॉयल लंदन वन-डे कप' (Royal London One-Day Cup) कहा जाता है।
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि एक दिवसीय क्रिकेट एक ही दिन में खेला जा सकने वाला क्रिकेट का एक रूप है। इसे "सीमित ओवरों" का क्रिकेट भी कहा जाता है। एक दिवसीय मैच में एक ही दिन में प्रत्येक पक्ष एक पारी खेलता है। प्रत्येक पारी के लिए ओवरों की अधिकतम संख्या 50 मानक तक सीमित होती है, लेकिन कभी-कभी 40 या 60 ओवरों का उपयोग किया जाता है। क्षेत्ररक्षण पक्ष द्वारा निर्धारित संख्या में ओवर फेंक दिए जाने पर बल्लेबाजी पक्ष की पारी पूरी हो जाती है, चाहे कितने भी विकेट बचे हों। यदि बल्लेबाजी करने वाली टीम निर्धारित ओवर फेंके जाने से पहले 10 विकेट खो देती है, तो भी पारी समाप्त हो जाती है। एकदिवसीय मैच में जो भी टीम अधिकतम रन बनाती है वह विजेता होती है। यदि दोनों टीम समान संख्या में रन बनाती हैं, तो मैच बराबरी पर समाप्त होता है। एक सामान्य एक दिवसीय मैच में 50 ओवर की प्रत्येक पारी के खेल के लिए 3.5 घंटे और 45 मिनट भोजन अवकाश के लिए निर्धारित होते हैं। खिलाड़ी प्रत्येक पारी के दौरान दो बार या गर्म मौसम में अधिक बार अल्प पेय ब्रेक लेते हैं। यदि कोई क्षेत्ररक्षण टीम निर्धारित 3.5 घंटों के भीतर अपने 50 ओवर पूरे नहीं करती है, तो मैच का प्रबंधन करने वाली शासी निकाय के आधार पर उस टीम पर विभिन्न दंड लागू किए जाते हैं।
भारत ने अपना पहला एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मैच 13 जुलाई 1974 को हेडिंग्ले, लीड्स (Headingley, Leeds) में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था। इस ऐतिहासिक मैच में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 60 ओवरों में 6 विकेट के नुकसान पर 265 रन बनाए थे। फारुख इंजीनियर ने सर्वाधिक 68 रन बनाए। हालाँकि, इंग्लैंड ने लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा करते हुए 53.5 ओवर में 4 विकेट के नुकसान पर 266 रन बनाकर मैच 6 विकेट से जीत लिया था। लेकिन यह अवसर देश के लिए इस मायने में ऐतिहासिक था कि 1971 में वनडे शुरू होने के बाद आखिरकार तीन साल बाद भारत को इस फॉर्मेट(Format) में मौका मिला था। इस मैच से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत की वनडे यात्रा की शुरुआत हुई थी।
हमारे शहर मेरठ में भी एक प्रसिद्ध क्रिकेट ग्राउंड है जो विक्टोरिया पार्क के नाम से मशहूर है। यहां क्रिकेट अभ्यास के लिए 'भामाशाह पार्क क्रिकेट अकादमी' भी है जिससे प्रवीण कुमार और भुवनेश्वर कुमार जैसे प्रसिद्ध क्रिकेटर निकले हैं। हालांकि कुछ समय पहले तक, मेरठ केवल क्रिकेट उपकरण निर्माण इकाइयों के लिए प्रसिद्ध था, और जो लोग क्रिकेट खेलने की इच्छा रखते थे, उन्हें अपने जुनून की तलाश में 70 किलोमीटर दूर दिल्ली जाना पड़ता था। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में, यहां कई क्रिकेट अकादमियाँ सामने आई हैं, जो मेरठ में प्रतिभाशाली बच्चों की प्रतिभा को निखारने के कार्य में लगी हुई हैं।
संदर्भ
https://tinyurl.com/yvperz5c
https://tinyurl.com/49eemzj4
https://tinyurl.com/3j2tbve4
https://tinyurl.com/23yc3jy7
https://tinyurl.com/bde9krdz
https://tinyurl.com/msbwx2y2
चित्र संदर्भ
1. 1971 में खेले गए एक क्रिकेट मैच के दृश्य को संदर्भित करता एक चित्रण (youtube)
2. एक पुराने क्रिकेट मैच के दृश्य को संदर्भित करता एक चित्रण (youtube)
3. 1932 की ऑल इंडिया क्रिकेट टीम को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
4. क्रिकेट बेट के इतिहास को संदर्भित करता एक चित्रण (wikimedia)
5. विक्टोरिया पार्क में खेले जा रहे क्रिकेट को संदर्भित करता एक चित्रण (youtube)