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आइए, आज पशुजन्य रोगों(ज़ूनोटिक रोग – Zoonotic diseases) को समझें। आज, 6 जुलाई को विश्व पशुजन्य रोग दिवस के रूप में मान्यता दी गई है। पशुजन्य रोग हमें जानवरों के कारण होती हैं। लेकिन, छोटी-छोटी सावधानियां बरतकर हम इन्हें फैलने से रोक सकते हैं। हम इन सावधानियों के बारे में भी जानेंगे। पशुजन्य रोगों के लक्षणों में गंभीर दस्त, पेट में ऐंठन, भूख कम लगना, मतली, उल्टी और दर्द शामिल हो सकते हैं। यदि कोई इनमें से किसी बीमारी से संक्रमित हो जाता है, तो वे इसके प्रभाव को कम करने के लिए, कुछ कदम उठा सकते हैं।
टीकाकरण, खुद को कीड़ों के काटने से बचाना, सुरक्षित भोजन तैयार करने के तरीकों का पालन करना, जानवरों के काटने और खरोंच से बचना और जंगली मांस न खाना आदि मुख्य उपाय हैं।
आइए, पढ़ते हैं।
पशुजन्य रोगों के संकेत और लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं –
•दस्त
•पेट में ऐंठन
•अपर्याप्त या कम भूख लगना
•जी मिचलाना
•उल्टी होना
•शरीर में दर्द
•संक्रामक ज़ुकाम जैसे लक्षण
•बुखार
•सिरदर्द
•थकान
•लसीका ग्रंथियों में सूजन
•त्वचा पर घाव, खरोंच या काटने के निशान
जबकि, ऐसे संकेत या लक्षण दिखने पर, आप निम्नलिखित उपाय करके इन रोगों से बच सकते हैं।
1.जानवरों को संभालने से पहले और बाद में, हाथ धोएं।
2.पशु आवास क्षेत्रों में, खाने व पीने से बचें।
3.जानवरों को संभालते समय, शरीर को पूर्ण रूप से ढंकने वाले कपड़े या प्रयोगशाला कोट पहनें।
४.बीमार या घाव वाले जानवरों को संभालते वक्त, दस्ताने पहनें।
५. यदि आपको जानवरों के बालों या रूसी से एलर्जी है, या फिर, यदि भोजन या जानवरों के आवास में धूल मौजूद है, तो मास्क पहनें।
६.यदि आप बीमार हैं, तो पशु कृषि सुविधाओं में प्रवेश न करें।
७.पशु क्षेत्र की सफाई करते समय भी, नियमित रूप से दस्ताने पहनें।
८.किसी भी बीमारी की प्रगति पर ध्यान दें। अपने पर्यवेक्षक को बीमारियों की रिपोर्ट करें।
९.अपने पशु-संबंधी गतिविधियों के बारे में चिकित्सक को सूचित करें।
१०.पशु आवास क्षेत्रों को सुव्यवस्थित और स्वच्छ रखें।
११.दैनिक आधार पर स्वास्थ्य स्थिति के लिए, जानवरों का निरीक्षण करें।
१२.बीमार पशुओं के आसपास के क्षेत्रों की सफाई में अतिरिक्त सावधानी बरतें।
१३.टीकाकरण करवाएं। यदि आपको कुछ पशुजन्य बीमारियों का खतरा है, तो आप संक्रमण से बचने हेतु, टीका लगवा सकते हैं। हालांकि, कई बीमारियों के टीके नहीं होते हैं।
१४.खुद को कीड़ों के काटने से बचाएं। लंबे कपड़े पहनें, कीटनाशक स्प्रे का उपयोग करें व खुद को और अपने पालतू जानवरों को टिक्स(Ticks) एवं पिस्सूओं के लिए जांचते रहें।
१५.संक्रमित जानवरों या मनुष्यों के शरीर के तरल घटकों के संपर्क से बचें। कुछ गंभीर बीमारियों के लिए, इसका मतलब, संक्रमण से पीड़ित किसी व्यक्ति या जानवर की देखभाल करते समय, सुरक्षात्मक उपकरण (जैसे मास्क, चश्मा, एप्रन(Apron) और दस्तानों का उपयोग करना है।
इसके अलावा, हम, दूषित खाद्य पदार्थों के सेवन से भी बच सकते हैं।
खासकर यदि हम, जोखिम की श्रेणी में हैं। भोजन को उबालने या पकाने से अधिकांश खाद्य जनित रोगजनक समाप्त हो जाते हैं। वायरस, बैक्टीरिया और परजीवी के सेवन से बचने के लिए, मांस को हमेशा बहुत अच्छी तरह से पकाना चाहिए। रसोई में अच्छी स्वच्छता अपनाना भी महत्वपूर्ण है। साथ ही, आधुनिक जल निस्पंदन और रासायनिक उपचार विधियों के माध्यम से, जलजनित रोगजनकों को भी समाप्त किया जा सकता है। हालांकि, हमें कभी भी अज्ञात गुणवत्ता वाले स्रोतों से पानी नहीं पीना चाहिए।
संदर्भ
https://tinyurl.com/y5stpnjh
https://tinyurl.com/v4jf9wnh
https://tinyurl.com/2m7thrst
https://tinyurl.com/3ur32thw
चित्र संदर्भ
1. घर में खेल रहे कुत्तों को दर्शाता चित्रण (wikimedia)
2. एक बीमार बच्चे को संदर्भित करता एक चित्रण (
Rawpixel)
3. नहाते हुए कुत्ते को संदर्भित करता एक चित्रण (Rawpixel)